भारतीय अर्थव्यवस्था
एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (AVGC) सेक्टर
- 24 Feb 2022
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (AVGC) सेक्टर। मेन्स के लिये:एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (AVGC) सेक्टर, इस क्षेत्र का महत्त्व तथा संबंधित मुद्दे, सरकारी नीतियाँ एवं हस्तक्षेप। |
चर्चा में क्यों?
वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में सरकार ने ‘भारतीय बाज़ारों और वैश्विक मांग को पूरा करने हेतु घरेलू क्षमता निर्माण’ के लिये ‘एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स’ (AVGC) टास्क फोर्स की स्थापना की घोषणा की है।
- इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक पुलिस (संशोधन) अधिनियम, 2021 के प्रमुख प्रावधानों को खारिज कर दिया था, जिसमें ऑनलाइन गैंबलिंग और कौशल-आधारित गेमिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
- वर्ष 2021 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने IIT-बॉम्बे के सहयोग से गेमिंग और अन्य संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता केंद्र बनाने का निर्णय लिया।
AVGC सेक्टर का क्या महत्त्व है?
- वैश्विक मांग को पूरा करने में बड़ी भूमिका:
- यह भारत को मेटावर्स के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाने में मदद करेगा, जिसके तहत भारतीय बाज़ार में मेटावर्स संबंधी सेवाओं की पूर्ति हो सकेगी और इससे संबंधित वैश्विक मांग को भी पूरा किया जा सकेगा।
- ‘मेटावर्स’ 3D आभासी दुनिया का एक नेटवर्क है, जो सोशल कनेक्शन पर केंद्रित है और इसे एक सिम्युलेटेड डिजिटल वातावरण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो ऑगमेंटेड रियलिटी (AR), वर्चुअल रियलिटी (VR), ब्लॉकचेन और सोशल मीडिया की अवधारणाओं के साथ वास्तविक दुनिया को सिम्युलेट करता है।
- यह अभिकर्त्ताओं और प्लेटफाॅर्मों के लिये नए रास्ते भी खोल सकता है और साथ ही खेल कला शिक्षा को औपचारिक रूप दे सकता है क्योंकि उद्योग में अधिकांश अनुभवात्मक रूप से सीखते हैं।
- यह भारत को मेटावर्स के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाने में मदद करेगा, जिसके तहत भारतीय बाज़ार में मेटावर्स संबंधी सेवाओं की पूर्ति हो सकेगी और इससे संबंधित वैश्विक मांग को भी पूरा किया जा सकेगा।
- राजस्व में योगदान:
- वित्त वर्ष 2018-19 के अंत में लगभग 250 मिलियन गेमर्स से वर्ष 2020 के मध्य तक भारत में गेमर्स की संख्या बढ़कर लगभग 400 मिलियन हो गई।
- यह इसे चीन के बाद दुनिया में ऑनलाइन गेमर्स का दूसरा सबसे बड़ा आधार बनाता है।
- ऑनलाइन कैज़ुअल गेमिंग, जो कुल गेमिंग राजस्व का एक बड़ा हिस्सा है, अगले चार वर्षों में लगभग 29% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने का अनुमान है और वित्त वर्ष 2025 तक 169 बिलियन रुपए तक पहुँचने का अनुमान है।
- रोज़गार सृजन:
- AVGC क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों की अपार संभावनाएँ हैं।
- रोज़गार के अवसरों की यह संख्या इस पूरे क्षेत्र के लिये लगभग 70,000 से 1.2 लाख के बीच होगी।
एवीजीसी क्षेत्र से संबंधित समस्याएँ:
- कोई औपचारिकता नहीं:
- AVGC क्षेत्र तेज़ी से बढ़ रहा है लेकिन अच्छे प्रोग्रामर, ग्राफिक डिज़ाइनर या निर्यात प्रबंधकों के लिये एक शून्य की स्थिति है क्योंकि कोई औपचारिक गेमिंग पाठ्यक्रम मौजूद नहीं है।
- विनियामक से संबंधित मुद्दे:
- नियामकीय स्पष्टता इस क्षेत्र के लिये एक बड़ी समस्या बनी हुई है क्योंकि कंपनियों द्वारा कथित तौर पर जुआ खेलने के आरोप में राज्य सरकारें इनके खिलाफ न्यायालय का सहारा लेती हैं।
- कंपनियों द्वारा इस बात का ज़ोरदार खंडन करते हुए कहा गया है कि यह 'मौके का खेल' (Games Of Chance) नहीं बल्कि 'कौशल का खेल' (Games Of Skill) है।
- नियामकीय स्पष्टता इस क्षेत्र के लिये एक बड़ी समस्या बनी हुई है क्योंकि कंपनियों द्वारा कथित तौर पर जुआ खेलने के आरोप में राज्य सरकारें इनके खिलाफ न्यायालय का सहारा लेती हैं।
आगे की राह
- इस क्षेत्र में विनियामक स्पष्टता को सुनिश्चित करने के लिये केंद्र और राज्य की समान भागीदारी की आवश्यकता है।
- टास्क फोर्स को इस तरह के पहलुओं पर गौर करना चाहिये जैसे कि क्षमताओं का निर्माण कैसे किया जाए, भविष्य में क्षमता निर्माण हेतु इसे शिक्षा प्रणालियों में किस प्रकार शामिल किया जाए।
- इस क्षेत्र में शिक्षा को औपचारिक रूप देने के तरीके खोजना आवश्यक है, ताकि देश में एनिमेटर, डिज़ाइनर और ऐसे लोग हों जो भारत से उन खेलों के निर्माण तथा उनके वातावरण निर्मित कर सकें।