भारतीय अर्थव्यवस्था
आंध्र प्रदेश ‘इज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ सूचकांक में प्रथम
- 11 Jul 2018
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चर्चा में क्यों?
विश्व बैंक और औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग (DIPP) द्वारा ज़ारी कारोबार सुगमता सूचकांक (ease of doing) के तीसरे संस्करण (2018) में आंध्र प्रदेश लगातार दूसरी बार प्रथम स्थान पाने में सफल रहा है। वहीं, तेलंगाना और हरियाणा क्रमशः दूसरे एवं तीसरे तथा झारखण्ड चौथे स्थान पर जबकि गुजरात पाँचवें स्थान पर रहा।
प्रमुख बिंदु:
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के DIPP ने विश्व बैंक के सहयोग से ‘कारोबार सुधार कार्य योजना (Business Reform Action Plan - BRAP)’ के तहत समस्त राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये वार्षिक सुधार सर्वे किया। इस सर्वे का उद्देश्य दक्ष, प्रभावकारी एवं पारदर्शी ढंग से केंद्र सरकार के विभिन्न नियामकीय कार्यकलापों एवं सेवाओं की डिलीवरी को बेहतर करना है।
- इस वर्ष सुधार योजना में 2017 के मुकाबले कार्य बिंदुओं की संख्या को 285 से बढ़ाकर 372 कर दिया गया है। जिससे यह प्रतीत होता है कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने श्रम, पर्यावरणीय मंज़ूरियों, एकल खिड़की प्रणाली, निर्माण परमिट, अनुबंध पर अमल, संपत्ति के पंजीकरण एवं निरीक्षण जैसे क्षेत्रों में अपने नियम-कायदों एवं प्रणालियों को आसान बनाने के लिये अनेक सुधार लागू किये हैं।
- इससे यह भी जानकारी मिलती है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पंजीकरण एवं मंज़ूरियों से जुड़ी समयसीमा पर अमल के लिये सार्वजनिक सेवा डिलीवरी गारंटी अधिनियम लागू किया है।
- ‘BRAP 2017’ के तहत वर्तमान आकलन एक संयुक्त स्कोर पर आधारित है जिसमें ‘सुधार साक्ष्य स्कोर (reform evidence score)’ और ‘फीडबैक स्कोर (feedback score)’ शामिल हैं।
- आंध्र प्रदेश को सुधार साक्ष्य में 99.73% और फीडबैक स्कोर में 86.50% अंक मिले हैं।
- 17 राज्यों ने 90 प्रतिशत से उससे अधिक का सुधार साक्ष्य स्कोर हासिल किया है और 15 राज्यों ने संयुक्त प्रतिशत का 90 प्रतिशत और अधिक स्कोर हासिल किया है। जिन राज्यों ने 80 प्रतिशत या अधिक सुधार साक्ष्य स्कोर हासिल किया है, वे देश के क्षेत्र का 84 प्रतिशत, देश की आबादी का 90 प्रतिशत और भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 79 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- DIPP के अनुसार, अगले वर्ष का मूल्यांकन पूरी तरह से उपयोगकर्त्ताओं की प्रतिक्रिया पर आधारित होगा क्योंकि पिछले तीन वर्षों में विकसित सिस्टम मौजूदा मूल्यांकन चक्रों के दौरान परिपक्व हो गए हैं और उपयोगकर्त्ताओं की प्रतिक्रिया का महत्व तथा BRAP, 2017 में उपयोगकर्त्ताओं की प्रतिक्रिया प्राप्त करने की सफलता साबित हो चुकी है। DIPP द्वारा पहले ही राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के साथ अगले वर्ष के लिये प्रस्तावित सुधारों को साझा किया जा चुका है।
कारोबार सुगमता सूचकांक का महत्त्व:
- यह सूचकांक राज्यों के बीच सहकारी संघवाद की मज़बूती को प्रदर्शित करता है और निवेश मित्र वातावरण के लिये राज्यों में प्रतिस्पर्द्धा को दिखाता है।
- यह राज्यों की उपलब्धियों को उजागर करता है और अन्य राज्यों को ऐसे कदम उठाने के लिये प्रेरित करता है।
- भारत में ‘कारोबार में सुगमता’ के लिये राज्यों द्वारा लागू किये जा रहे सुधारों ने अन्य देशों जैसे ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया की भी इस मामले में दिलचस्पी काफी बढ़ा दी है जिससे यह साबित होता है कि कारोबारी एवं नियामकीय माहौल को बेहतर बनाने के लिये इस तरह के सुधार अत्यंत आवश्यक हैं।