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सुपर 50: आदिवासी छात्रों के सपनों को पूरा करने हेतु एक पहल

  • 22 Aug 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

महाराष्ट्र के जनजातीय विकास विभाग (Tribal development department) ने पेस एजुकेशनल ट्रस्ट (Pace Educational Trust) के साथ मिलकर युवा आदिवासी छात्रों, जो कि डॉक्टर और इंजीनियर बनने के इच्छुक हैं, के लिये सुपर 50 (Super 50) नामक एक शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू किया है।

प्रमुख बिंदु

  • यह कार्यक्रम पटना के आनंद कुमार और उनके सुपर 30 (Super 30) के कार्य से प्रेरित है, जो IIT की प्रवेश परीक्षाओं में बैठने के लिये पिछड़े क्षेत्र के मेधावीछात्रों को तैयार करते हैं।
  • सुपर 50 कार्यक्रम राज्य के 50 सबसे मेधावी आदिवासी छात्रों को परामर्श देगा और उन्हें इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षाओं के लिये तैयार करेगा।

कश्मीर सुपर 50

  • प्रोजेक्ट कश्मीर सुपर 50, भारतीय सेना, सेंटर फॉर सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड लीडरशिप (CSRL) और PETRONET LNG Limited (PLL) की संयुक्त पहल है जिसकी शुरुआत मार्च 2013 में कश्मीर क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के बच्चों की शैक्षिक स्थिति को मज़बूत करने के लिये की गई थी।
  • यह 11 माह की अवधि वाला एक कार्यक्रम है जिसमें हर साल 50 छात्रों का चयन किया जाता है और उन्हें IIT-JEE, JKCET और अन्य प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों की प्रवेश परीक्षा हेतु पूरी तरह से मुफ्त आवासीय कोचिंग प्रदान की जाती है।
  • छात्रों को एक समर्पित संकाय के तहत वागड़ पेस ग्लोबल स्कूल, विरार में प्रशिक्षित किया जाएगा तथा कोचिंग में सीबीएसई पाठ्यक्रम की कक्षा XI और XII शामिल होंगे और NEET और JEE जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी होगी।
  • यह दो साल का आवासीय कार्यक्रम होगा, जहाँ छात्रों को हॉस्टल और मेस की सुविधा, टैबलेट, NCERT की किताबें और करियर काउंसलिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी।

पृष्ठभूमि

  • महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी सरकारी अधिसूचना के अनुसार, पेस अकादमी ने उन आदिवासी छात्रों के लिये परियोजना का प्रस्ताव दिया, जिन्होंने अपनी दसवीं कक्षा की परीक्षाएँ पास कर ली हैं। जनजातीय विकास विभाग ने इसके मूल्यांकन हेतु एक कार्य समिति का गठन किया और केंद्र सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। अनुमोदन प्राप्त करने के बाद, विभाग ने 28 जून को प्रवेश परीक्षा का पहला दौर तथा 14 जुलाई को दूसरा दौर आयोजित किया गया।
  • मूल्यांकन के बाद 34 छात्रों को इंजीनियरिंग कोर्स के लिये और 16 को मेडिकल कोर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये चुना गया। सभी चयनित छात्र सरकार द्वारा संचालित आदिवासी आश्रम स्कूल, एकलव्य आवासीय विद्यालय आदि से हैं।

स्रोत: द हिन्दू

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