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एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस

  • 21 Aug 2023
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस, न्यूरोडीजेनेरेटिव डिज़ीज़, राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति (NPRD), विश्व स्वास्थ्य संगठन

मेन्स के लिये:

एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस और उससे जुड़ी चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?

एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (Amyotrophic Lateral Sclerosis- ALS), दुर्बल करने वाली न्यूरोडीजेनेरेटिव डिज़ीज़ (Neurodegenerative Diseas) है, जो भारत में रोगियों और देखभाल करने वालों दोनों के लिये कई तरह की चुनौतियाँ पैदा करती है।

  • इसकी दुर्लभ घटना के बावजूद ALS अपनी प्रगतिशील प्रकृति तथा प्रभावी उपचार की कमी के कारण प्रभावित लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है।

एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS):

  • परिचय:
    • ALS एक दुर्लभ और घातक मोटर न्यूरॉन डिज़ीज़ (Motor Neuron Disease) है। इसकी विशेषता रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं के प्रगतिशील अध:पतन (Progressive Degeneration) है।
      • इसे प्राय: एक प्रसिद्ध बेसबॉल खिलाड़ी, जिनकी इस बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी, के नाम पर लू गेरिग डिज़ीज़ (Lou Gehrig's Disease) कहा जाता है।
    • ALS सबसे विनाशकारी विकारों में से एक है जो तंत्रिकाओं तथा मांसपेशियों के कार्य को प्रभावित करता है।
    • जैसे ही मोटर न्यूरॉन्स का पतन होता है और नष्ट हो जाते हैं, वे मांसपेशियों को संदेश भेजना बंद कर देते हैं, जिससे मांसपेशियाँ कमज़ोर हो जाती हैं, उनमें ऐंठन होने लगती है (Fasciculations) और बेकार हो जाती हैं (Atrophy)।
    • अंततः, मस्तिष्क स्वैच्छिक गतिविधियों को शुरू करने तथा नियंत्रित करने की अपनी क्षमता खो देता है।
      • जो गतिविधियाँ हमारे नियंत्रण में होती हैं उन्हें स्वैच्छिक क्रियाएँ (Voluntary Actions) कहा जाता है, जैसे- चलना, दौड़ना, बैठना आदि।
      • दूसरी ओर, जो गतिविधियाँ हमारे नियंत्रण में नहीं होती हैं, उन्हें अनैच्छिक गतिविधियाँ (Involuntary Movements) कहा जाता है।
  • कारण:
    • अभी तक इसका कोई कारण ज्ञात नहीं है, कुछ मामलों में आनुवंशिकी भी शामिल है।
    • ALS पर अनुसंधान द्वारा ALS के संभावित पर्यावरणीय कारणों की जाँच की जा रही है।
  • लक्षण:
    • ALS के कारण किसी अंग में कमज़ोरी हो सकती है जो कुछ ही दिनों में या आमतौर पर कुछ हफ्तों में बढ़ जाती है। फिर कई हफ्तों या महीनों के बाद दूसरे अंग में कमज़ोरी आनी शुरू हो जाती है। कभी-कभी प्रारंभिक समस्या के तौर पर बोलने में कठिनाई/अस्पष्ट वाणी (Slurred Speech) या खाने/निगलने (Swallowing) में परेशानी हो सकती है।
  • उपचार:
    • ALS का कोई इलाज और प्रमाणित उपचार नहीं है।

ALS से निपटने हेतु पहल:

  • सरकार की राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति (National Policy for Rare Diseases- NPRD), 2021 में दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित तथा नामित उत्कृष्टता केंद्रों में उपचार प्राप्त करने वाले रोगियों हेतु 50 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता की पेशकश करने वाला एक महत्त्वपूर्ण प्रावधान पेश किया गया है।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) प्रति 1000 जनसंख्या पर 1 या उससे कम की व्यापकता वाली दुर्लभ बीमारियों को दुर्बल करने वाली स्थितियों के रूप में चिह्नित करता है।
  • इस नीतिगत पहल का उद्देश्य ALS जैसी स्थितियों वाले लोगों सहित अन्य व्यक्तियों को इलाज के लिये पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान कर समर्थन प्रदान करना है।

स्रोत: द हिंदू

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