अंतर्राष्ट्रीय संबंध
उत्तर कोरिया पर अमेरिकी प्रतिबंध
- 13 Jan 2022
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प्रिलिम्स के लिये:उत्तर कोरियाई मिसाइल लॉन्च, कोरियाई युद्धविराम समझौता। मेन्स के लिये:कोरियाई युद्ध, कोरियाई युद्धविराम समझौता, शीत युद्ध, वर्ष 2003 में अप्रसार संधि (NPT), ‘थाड’ (टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस), उत्तर कोरिया पर अमेरिकी प्रतिबंध। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अमेरिका ने उत्तर कोरिया के मिसाइल कार्यक्रमों की एक शृंखला के बाद उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रमों पर अपना पहला प्रतिबंध लगाया है।
- इन प्रतिबंधों का उद्देश्य उत्तर कोरिया के कार्यक्रमों की प्रगति को रोकना और हथियार प्रौद्योगिकियों के प्रसार के उसके प्रयासों को बाधित करना है।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों और कूटनीति एवं परमाणु निरस्त्रीकरण के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के आह्वान के बावजूद उत्तर कोरिया अपने मिसाइल कार्यक्रम को जारी रखे हुए है।
प्रमुख बिंदु
- कोरियाई प्रायद्वीप में फूट की उत्पत्ति:
- अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच वर्तमान संघर्ष का इतिहास सोवियत संघ व अमेरिका के बीच शीत युद्ध में खोजा जा सकता है।
- द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार के बाद ‘याल्टा सम्मेलन’ (1945) में मित्र देशों की सेना ‘कोरिया पर फोर-पावर ट्रस्टीशिप’ स्थापित करने हेतु सहमत हुई।
- ‘साम्यवाद’ (किसी देश के आर्थिक संसाधनों पर राज्य का स्वामित्व) के प्रसार के डर और सोवियत संघ व अमेरिका के बीच आपसी अविश्वास के कारण ट्रस्टीशिप योजना विफल हो गई।
- इससे पहले कि कोई ठोस योजना तैयार की जा सके, सोवियत संघ ने कोरिया पर आक्रमण कर दिया।
- इससे एक ऐसी स्थिति पैदा हो गई जहांँ कोरिया का उत्तर क्षेत्र यूएसएसआर के अधीन तथा दक्षिण क्षेत्र ओर उसके बाकी सहयोगी, मुख्य रूप से अमेरिका के अधीन थे।
- 38वें समानांतर रेखा द्वारा कोरियाई प्रायद्वीप को दो क्षेत्रों में विभाजित किया गया था।
- वर्ष 1948 में संयुक्त राष्ट्र ने पूरे कोरिया में स्वतंत्र चुनाव का प्रस्ताव रखा।
- यूएसएसआर ने इस योजना को खारिज कर दिया और उत्तरी भाग को डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) के रूप में घोषित किया गया।
- चुनाव अमेरिकी संरक्षण में हुआ जिसके परिणामस्वरूप कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) की स्थापना हुई।
- उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया दोनों ने क्षेत्रीय एवं वैचारिक रूप से अपनी पहुंँच बढ़ाने की कोशिश की, जिसने कोरियाई संघर्ष को जन्म दिया।
- कोरियाई युद्ध:
- उत्तर कोरिया ने USSR के समर्थन से 25 जून, 1950 को दक्षिण कोरिया पर हमला किया और अंततः उसके अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण कर लिया।
- बदले में अमेरिका के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र बल ने जवाबी कार्रवाई की।
- वर्ष 1951 में डगलस मैकआर्थर के नेतृत्व में अमेरिकी सेना ने 38वें समानांतर रेखा को पार किया और उत्तर कोरिया के समर्थन से चीन में अपने प्रवेश को गति दी।
- बाद में वर्ष 1951 में अमेरिका को आगे बढ़ने से रोकने के लिये शांति वार्ता शुरू हुई।
- भारत सभी प्रमुख हितधारकों अमेरिका, यूएसएसआर और चीन को शामिल करके कोरियाई प्रायद्वीप में शांति वार्ता में सक्रिय रूप से शामिल था।
- वर्ष 1952 में कोरिया पर भारतीय के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र (UN) में अपनाया गया था।
- 27 जुलाई, 1953 को संयुक्त राष्ट्र कमान, कोरियाई पीपुल्स आर्मी और चीनी पीपुल्स वालंटियर आर्मी के मध्य कोरियाई युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- इसने शांति संधि के बिना एक आधिकारिक युद्धविराम का नेतृत्व किया। इस प्रकार युद्ध आधिकारिक तौर पर कभी समाप्त नहीं हुआ।
- इसने ‘कोरियाई डिमिलिटाइज़्ड ज़ोन’ (DMZ) की स्थापना का भी नेतृत्व किया जो कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच बफर ज़ोन के रूप में काम करने के लिये कोरियाई प्रायद्वीप में भूमि की एक पट्टी है।
- दिसंबर 1991 में उत्तर और दक्षिण कोरिया ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये, जिसमें आक्रामकता से बचने के लिये सहमति व्यक्त की गई थी।
- उत्तर कोरिया ने USSR के समर्थन से 25 जून, 1950 को दक्षिण कोरिया पर हमला किया और अंततः उसके अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण कर लिया।
- अमेरिका-उत्तर कोरिया संघर्ष:
- शीत युद्ध के दौर में (कथित रूप से रूस और चीन के समर्थन से) उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम में तेज़ी लायी और परमाणु क्षमता विकसित की।
- उसी दौरान अमेरिका ने अपने सहयोगियों यानी दक्षिण कोरिया और जापान के लिये अपने न्यूक्लियर अम्ब्रेला (परमाणु हमले के दौरान समर्थन की गारंटी) का विस्तार किया।
- उत्तर कोरिया वर्ष 2003 में अप्रसार संधि (एनपीटी) से हट गया और बाद में वर्तमान नेता किम जोंग-उन के तहत उसने परमाणु मिसाइल परीक्षण में वृद्धि की।
- उत्तर कोरिया को अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत बैलिस्टिक मिसाइलों और परमाणु हथियारों के परीक्षण से रोक दिया गया है।
- इसके जवाब में अमेरिका ने मार्च 2017 में दक्षिण कोरिया में THAAD (टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस) को तैनात किया।
- उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच शुरू हुआ क्षेत्रीय संघर्ष अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच की तकरार में तब्दील हो गया है।
- उत्तर कोरिया के साथ संबंध सुधारने के राजनयिक प्रयासों की विफलता के बाद अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हैं।
- शीत युद्ध के दौर में (कथित रूप से रूस और चीन के समर्थन से) उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम में तेज़ी लायी और परमाणु क्षमता विकसित की।
- भारत का रुख:
- भारत लगातार उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल परीक्षणों का विरोध करता रहा है। हालाँकि इसने प्रतिबंधों को लेकर तटस्थ रुख बनाए रखा है।