अंतर्राष्ट्रीय संबंध
अमेरिका की नई अफगान नीति और इसके संभावित लाभ
- 25 Aug 2017
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चर्चा में क्यों ?
- भारत ने अफगानिस्तान पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीति का स्वागत किया है और कहा है कि अमेरिका का यह कदम दक्षिण एशिया को आतंकवाद के दंश से निजात दिलाएगा।
- उल्लेखनीय है कि अमेरिका चाहता है कि लगातार जारी संघर्ष से तबाह हो चुके अफगानिस्तान के विकास में भारत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाए।
अमेरिका की नई अफगान नीति से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य
- अमेरिका की इस नई अफगान नीति की सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि उसने अफगान में फैली अराजकता के लिये पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया है।
- अमेरिका ने पाकिस्तान को चेताया है कि यदि उसने आतंकवाद को प्रश्रय देना बंद नहीं किया तो अमेरिका उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेगा। इसमें फौज़ी और आर्थिक दोनों कार्रवाइयाँ शामिल हैं।
- दरअसल, पहली बार अमेरिका ने अफगानिस्तान में भारत की भूमिका के प्रति सहमति ज़ाहिर की है। हालाँकि ट्रंप ने पहले यह कहा था कि अमेरिका जल्द ही अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाएगा लेकिन इन नीति में कहा गया है कि ज़रूरत पड़ी तो सैनिकों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।
नई अफगान नीति से भारत को होने वाले लाभ
- दरअसल, अफगानिस्तान के ढाँचागत निर्माण में भारत पहले से ही निवेश कर रहा है, लेकिन अमेरिका द्वारा यह आमंत्रण उसे सामरिक तौर पर बढ़त प्रदान करेगा, क्योंकि चीन पाकिस्तान के माध्यम से संसाधनों से भरे पश्चिम एशिया में पहुँच बनाना चाहता है।
- एक स्थिर अफगानिस्तान हमेशा पाकिस्तान के खिलाफ ही रहेगा। इस नई नीति के माध्यम से यदि वहाँ शांति बहाल होती है तो भविष्य में यह भारत के लिये एक बहुमूल्य सैन्य आधार प्रदान करेगा।
- विदित हो कि जुलाई 2015 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाँच मध्य एशियाई देशों, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज़बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ताजिकिस्तान की ऐतिहासिक यात्रा की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत की भविष्यगत ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना था। अफगानिस्तान भारत के लिये इन देशों के प्रवेश द्वार का कार्य कर सकता है।