विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
ग्रामनेट के ज़रिये वाई-फाई से जुड़ेंगे सभी गाँव
- 27 Aug 2019
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चर्चा में क्यों?
सरकार ने सी-डॉट (C-Dot) के 36वें स्थापना दिवस के अवसर पर ग्रामनेट के ज़रिये सभी गाँवों में वाई-फाई उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिसकी कनेक्टिविटी स्पीड 10 Mbps से 100 Mbps के बीच होगी।
प्रमुख बिंदु
- वर्तमान में भारतनेट 01 Gbps कनेक्टिविटी उपलब्ध करा रहा है, जिसे 10 Gbps तक बढ़ाया जा सकता है। सी-डॉट के. जारी होने वाले एक्सजीएसपीओएन (XGSPON) से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत सहायता मिलेगी तथा भारत के गांव आत्मनिर्भर बनेंगे।
- C-Dot की सी-सैट-फाई (C-Sat-Fi) प्रौद्योगिकी से भारत के लोग, खासतौर से गाँव और दूरदराज़ के इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा। इसके ज़रिये उन्हें टेलीफोन और वाई-फाई सुविधाएँ मिलेंगी। इस प्रौद्योगिकी से देश के सभी भागों में यह सुविधा सभी मोबाइल फोनों पर उपलब्ध होगी।
C-DOT ने स्थापना दिवस के अवसर पर तीन नवीनतम नवाचारों की शुरुआत की, जो इस प्रकार हैं:
XGSPON (10 G सिमेट्रिकल पैसिव ऑप्टिकल नेटवर्क)
- यह उपयोगकर्त्ताओं को IPTV, HD वीडियो स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन गेमिंग जैसे नए आयामों हेतु उच्च नेटवर्क गति की बढ़ती मांगों को पूरा कर सकता है।
- यह अन्य क्लाउड-आधारित सेवाओं के लिये भी सहायक हो सकता है जिसमें उच्च बैंडविड्थ की सहज उपलब्धता की आवश्यकता होती है।
C-Sat-Fi (C-DOT सैटेलाइट वाईफाई)
- यह कनेक्टिविटी का विस्तार करने के लिये वायरलेस और उपग्रह संचार के इष्टतम उपयोग पर आधारित है।
- यह तैनाती में आसानी प्रदान करता है, जो कि आपदा और आपात स्थिति से निपटने हेतु आदर्श रूप से अनुकूल है, जब संचार का कोई अन्य साधन उपलब्ध नहीं है।
- इसके लिये महंगे सैटेलाइट फोन की आवश्यकता नहीं है और यह किसी भी वाईफाई-सक्षम फोन पर काम कर सकता है।
CiSTB (C-DOT का इंटरऑपरेबल सेट-टॉप बॉक्स)
- यह एक मोबाइल सिम की तरह पोर्टेबल स्मार्ट कार्ड है जो कि केबल टीवी ऑपरेटरों को उच्च विकल्प और सुविधा प्रदान करके क्रांति लाएगा।
- उपरोक्त नवाचार दूरसंचार क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने और विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भारतीय लोगों को सशक्त बनाने की कोशिश करते हैं क्योंकि कनेक्टिविटी देश के सभी लोगों को एक-दूसरे से संपर्क करने में मदद करेगी।
टेलीमैटिक्स के विकास के लिये केंद्र (C-DOT)
- इसकी स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी।
- यह भारत सरकार के DoT का एक स्वायत्त दूरसंचार R & D केंद्र है।
- यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी है।
- यह भारत सरकार के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (DSIR) के साथ एक पंजीकृत सार्वजनिक वित्त पोषित अनुसंधान संस्थान है।
- वर्तमान में, सी-डॉट सरकार के विभिन्न प्रमुख कार्यक्रमों के उद्देश्य को साकार करने की दिशा में काम कर रहा है। भारत के जिसमें डिजिटल इंडिया, भारतनेट, स्मार्ट सिटी आदि शामिल हैं।
सार्वजानिक ब्रॉडबैंड पहुँच को सुनिश्चित करने के लिये ‘ग्रामनेट’ राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन का एक हिस्सा है। इसके अलावा कुछ अन्य पहलें भी इसी दिशा में कार्यरत है:
भारतनेट (BharatNet)- ग्राम पंचायतों को 1 Gbps इंटरनेट मुफ्त उपलब्ध कराना जो 10 Gbps तक सीमित हो।
नगरनेट (NagarNet)- शहरी क्षेत्रों में 1 मिलियन सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करना