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भारत के सभी बड़े बंदरगाहों को मिलेंगी ‘एलडीबी’ सेवाएँ

  • 21 Oct 2017
  • 5 min read

संदर्भ

उल्लेखनीय है कि शीघ्र ही ‘रसद डाटा बैंक’ (Logistics Data Bank’s - LDB)  सेवाओं का विस्तार भारत के सभी बड़े बंदरगाहों तक कर दिया जाएगा। रसद डाटा बैंक प्रोजेक्ट का लक्ष्य सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के ‘रसद क्षेत्र’ (logistics sector) में कुशलता को सुनिश्चित करना है।

प्रमुख बिंदु

  • नौवहन मंत्रालय के पर्यवेक्षी नियंत्रण के अंतर्गत आने वाला भारतीय बंदरगाह संघ (Indian Ports Association-IPA) भारत के सभी बड़े बंदरगाहों पर नियंत्रण रखने वाला एक सर्वोच्च निकाय है। 
  • वर्तमान में एलडीबी प्रोजेक्ट के अंतर्गत देश के ‘पश्चिमी रसद कॉरिडोर (western logistics corridor) को ही कवर किया जाता है।
  • एलडीबी प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रत्येक कंटेनर को एक रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान टैग (Radio Frequency Identification Tag –RFID) से जोड़ा जाएगा और उन्हें आर.एफ.आई.डी. पाठकों द्वारा ट्रैक किया जाएगा। इसकी सहायता से आयातकों और निर्यातकों को आवागमन के दौरान मार्ग में अपने माल को ट्रैक करने में सहायता मिलेगी। 
  • इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत अब तक लगभग 4.93 मिलियन कंटेनरों (जिनमें 2.34 मिलियन आयात कंटेनर और 2.59 मिलियन निर्यात कंटेनर शामिल हैं) को चिन्हित अथवा गैर-चिन्हित किया जा चुका है।
  • इस एलडीबी व्यवस्था को रेलवे की ‘माल संचालन सूचना प्रणाली’ (Freight Operations Information System) के साथ भी एकीकृत किया जाएगा। यह पहल उपयोगकर्त्ताओं को मार्ग में रेल कंटेनरों के आवागमन को ट्रैक करने में भी सहायता करेगी।
  • नौवहन मंत्रालय के अनुसार, यह एलडीबी प्रोजेक्ट रेल और सड़कों के माध्यम से ‘अंतर्देशीय कंटेनर डिपो’ (Inland Container Depot) और ‘कंटेनर फ्रेट स्टेशन’ (Container Freight Station) तक के संपूर्ण आवागमन को कवर करेगा। 
  • इस प्रोजेक्ट के तहत ‘आपूर्ति पक्ष’ की एजेंसियों के पास उपलब्ध सूचनाओं को एकत्रित किया जाएगा, जिससे उचित समय में मांग पक्ष को कंटेनरों के विषय में विवरणात्मक सूचना उपलब्ध कराई जा सकेगी। 
  • ध्यातव्य है कि ‘दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम रसद डाटा सेवा लिमिटेड’ (DLDSL) भारत के कंटेनर ट्रैफिक के लगभग 70% भाग को ‘कंटेनर ट्रैकिंग सेवाएँ’ (container tracking services) उपलब्ध कराता है।
  • इन सेवाओं के उपयोगकर्त्ताओं को एस.एम.एस और ई-मेल के माध्यम से कंटेनरों के ‘औसत वितरण समय’ (average delivery time) से संबंधित सूचनाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • यह एलडीबी प्रोजेक्ट अन्य सेवाएँ जैसे-भीड़भाड़ और बाधा विश्लेषण भी उपलब्ध कराता है, जिससे उपयोगकर्त्ताओं को आपूर्ति पक्ष की समस्याओं का समाधान करने  में सहायता मिलती है। अतः इससे एलडीबी सेवाओं में त्रुटी की कोई गुंजाइश ही नहीं बचती। 

एलडीबी प्रोजेक्ट

  • एलडीबी प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2016 में ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस पहल के एक महत्त्वपूर्ण भाग के रूप में की गई थी। इसकी शुरुआत के पीछे उद्देश्य यह था कि इससे देश के विदेशी व्यापार को प्रोत्साहित कर रसद क्षेत्र में उच्च पारदर्शिता को कायम रखा जा सकेगा। साथ ही इसकी सहायता से कंटेनरों के आवागमन में लगने वाले समय में कमी आएगी तथा परिवहन लागतों में भी कमी आएगी।
  • इस प्रोजेक्ट को ‘डीएलडीएसएल’ (DLDSL) नामक स्पेशल पर्पस व्हीकल’ के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
  • इसके स्वामित्व का अधिकार 50 :50 भागीदारी के साथ संयुक्त रूप से ‘दिल्ली-मुंबई’ औद्योगिक कॉरिडोर ट्रस्ट’(Delhi Mumbai Industrial Corridor-DMIC) और जापानी आई.टी सेवा प्रमुख एन.ई.सी निगम के पास है।
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