दृष्टि द विज़न
भारत में शराब का उपभोग 11 वर्षों में हुआ दोगुना
- 24 Sep 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी की गई विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति व्यक्ति शराब की खपत वर्ष 2005 से लेकर वर्ष 2016 तक दोगुनी हो चुकी है।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट में कहा गया है कि शराब की खपत 2005 में 2.4 लीटर से बढ़कर 2016 में 5.7 लीटर हो गई है, जिसमें पुरुषों द्वारा 4.2 लीटर और महिलाओं द्वारा 1.5 लीटर शराब का उपभोग किया जाता है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2000 से 2005 के अपेक्षाकृत स्थिर चरण के बाद प्रति व्यक्ति शराब की कुल खपत दुनिया भर में बढ़ी है।
- रिपोर्ट में व्यक्त किया गया है कि शराब की कुल प्रति व्यक्ति खपत वर्ष 2005 में 5.5 लीटर से बढ़कर वर्ष 2010 में 6.4 लीटर हो गई और वर्ष 2016 में यह 6.4 लीटर के स्तर पर थी। हालाँकि, इस दौरान दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग रुझानों को देखा गया।
- शराब का हानिकारक प्रभाव दुनिया भर में मानव आबादी के लिये प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है और सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के कई स्वास्थ्य-संबंधित उद्देश्यों पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। इन लक्ष्यों में मातृ और शिशु स्वास्थ्य, संक्रामक रोग (एचआईवी, वायरल हेपेटाइटिस, तपेदिक), गैर-संक्रमणीय बीमारियाँ और मानसिक स्वास्थ्य, चोट तथा ज़हर का प्रभाव आदि शामिल हैं।
- वर्ष 2016 में शराब के हानिकारक उपयोग के परिणामस्वरूप दुनिया भर में तीन मिलियन मौतें (कुल मौतों का 5.3%) हुईं और 132.6 मिलियन लोग विकलांगता से ग्रसित हुए।
- शराब के उपभोग के परिणामस्वरूप होने वाली मृत्यु दर तपेदिक, एचआईवी/एड्स और मधुमेह जैसी बीमारियों के कारण होने वाली मृत्यु दर से अधिक होती है।
दक्षिण-पूर्व एशिया में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति खपत
- 2025 तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के आधे क्षेत्रों में कुल शराब की प्रति व्यक्ति खपत (15 वर्ष से अधिक के लोगों में) बढ़ने की उम्मीद है और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में सबसे ज़्यादा वृद्धि की उम्मीद है।
- रिपोर्ट में बताया गया है कि अकेले भारत में शराब की प्रति व्यक्ति खपत में 2.2 लीटर की वृद्धि की उम्मीद है जो इस क्षेत्र में कुल आबादी के बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।
- हालाँकि, इस क्षेत्र में इंडोनेशिया और थाईलैंड (जो कि इस क्षेत्र में दूसरे तथा चौथी सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश हैं) में भी छोटे स्तर की वृद्धि की उम्मीद है।
- वर्ष 2025 तक शुद्ध शराब की प्रति व्यक्ति खपत में 0.9 लीटर की वृद्धि के साथ पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र की जनसंख्या के लिये दूसरी सर्वाधिक वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
2.3 मिलियन लोगों की मौत
- वर्ष 2016 में पुरुषों के मामले में अनुमानित 2.3 मिलियन मौतों और 106.5 मिलियन लोगों में विकलांगता समायोजित जीवन वर्षों (DALY) के लिये शराब का सेवन करना प्रमुख कारण था।
- शराब सेवन के कारण महिलाओं में 0.7 मिलियन की मृत्यु हुई और 26.1 मिलियन ने विकलांगता समायोजित जीवन वर्षों (DALY) का अनुभव किया।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि शराब का हानिकारक उपयोग 200 से अधिक बीमारियों और चोट की स्थितियों के लिये सर्वाधिक प्रमुख कारक है। पूरे विश्व में लगभग 2.3 अरब लोग वर्तमान में शराब का सेवन करते हैं।
- वैश्विक स्तर पर सभी 15-19 वर्ष के एक-चौथाई (26.5%) से अधिक या लगभग 155 मिलियन किशोर वर्तमान में शराब का सेवन करते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशेष एजेंसी है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) को बढ़ावा देना है।
- इसकी स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को हुई थी। इसका मुख्यालय जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में अवस्थित है।
- डब्ल्यू.एच.ओ., संयुक्त राष्ट्र विकास समूह (United Nations Development Group) का सदस्य है। इसकी पूर्ववर्ती संस्था ‘स्वास्थ्य संगठन’ लीग ऑफ नेशंस की एजेंसी थी।