एबॉसीन की AI-संचालित खोज: एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक | 06 Jun 2023
प्रिलिम्स के लिये:आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), एंटीबायोटिक, सुपरबग, एसिनेटोबैक्टर बॉमनी, एबॉसीन मेन्स के लिये:वैश्विक स्वास्थ्य पर एंटीबायोटिक प्रतिरोध के प्रभाव, दवा की खोज में तेज़ी लाने में AI की भूमिका और सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों को दूर करने में इसकी क्षमता |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के वैज्ञानिकों ने एसिनेटोबैक्टर बॉमनी सुपरबग से लड़ने में सक्षम एबॉसीन नामक एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक की खोज के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
- इस सफलता से दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ाई में अपार संभावनाएँ देखी जा रही हैं।
एसिनेटोबैक्टर बॉमनी:
- यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पहचाना गया एक खतरनाक जीवाणु है जो एंटीबायोटिक दवाओं के लिये प्रतिरोधी है।
- यह निमोनिया, मेनिन्जाइटिस और घाव संक्रमण जैसे गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है, जिससे मृत्यु हो सकती है।
- आमतौर पर अस्पतालों में पाया जाने वाला एसिनेटोबैक्टर बॉमनी सतहों पर लंबे समय तक जीवित रह सकता है, जिससे इसे समाप्त करना मुश्किल हो जाता है।
- वर्तमान में उपलब्ध सभी एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोध को विकसित करने की इसकी उल्लेखनीय क्षमता के कारण इसे "रेड अलर्ट" मानव रोगजनक के रूप में जाना जाता है।
एंटीबायोटिक प्रतिरोध की प्रक्रिया:
- एंटीबायोटिक प्रतिरोध तब होता है जब बैक्टीरिया अनुकूलन करते हैं और एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभावों हेतु प्रतिरोधी बन जाते हैं, जिससे उपचार अप्रभावी हो जाता है।
- एंटीबायोटिक्स जीवाणु संक्रमण को रोकने और इलाज हेतु उपयोग की जाने वाली दवाएँ हैं।
- एंटीबायोटिक दवाओं के अति प्रयोग और दुरुपयोग ने दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दिया है, जो वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में चिंता का विषय है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने निमोनिया, तपेदिक और खाद्यजनित रोगों जैसे संक्रमणों को सूचीबद्ध किया है क्योंकि एंटी-बैक्टीरिया प्रतिरोध बढ़ने के कारण मौजूदा दवाओं के साथ इन बीमारियों का इलाज करना कठिन होता जा रहा है।
नोट:
- सुपरबग बैक्टीरिया होते हैं जो कई प्रकार के एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोधी होते हैं।
- WHO की सुपरबग्स की सूची में बैक्टीरिया पर ज़ोर दिया गया है, जो आनुवंशिक पदार्थ उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं तथा अन्य जीवाणुओं को दवा प्रतिरोध विकसित करने और उपचार से बचने या विरोध करने हेतु स्वाभाविक रूप से नए तरीके खोजने में सक्षम बनाता है। वे कवक भी हो सकते हैं।
एबॉसीन:
- परिचय:
- एबॉसीन (Abaucin) एक यौगिक है जो एक संकीर्ण-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक के रूप में उपयोगी गतिविधि दिखाता है।
- यह एसिनेटोबैक्टर बॉमनी (Acinetobacter Baumannii) के खिलाफ प्रभावी है।
- अन्वेषण:
- मशीन-लर्निंग मॉडल दृष्टिकोण का उपयोग करके AI की सहायता से एबॉसीन की खोज की गई थी।
- एसिनेटोबैक्टर बॉमनी वृद्धि को रोकने के लिये जाँचे गए ~ 7,500 अणुओं के डेटासेट के साथ नेटवर्क को प्रशिक्षित किया गया था।
- नेटवर्क ने संरचनात्मक रूप से विभिन्न अणुओं की भविष्यवाणी की जिसमें एबॉसीन सहित ए. बॉमनी के खिलाफ गतिविधि थी।
- एबॉसीन को प्रायोगिक रूप से मान्य किया गया था और इसमें शक्तिशाली जीवाणुरोधी गतिविधि पाई गई थी।
- कार्रवाई की प्रणाली:
- एबॉसीन बैक्टीरिया में CCR2 प्रोटीन के सामान्य कार्य को बाधित करता है।
- यह व्यवधान बैक्टीरिया के अंदर कुछ अणुओं की गति को बाधित करता है, जिससे उन्हें बाहरी झिल्ली तक पहुँचने से रोका जा सकता है।
- नतीजतन एसिनेटोबैक्टर बॉमनी की वृद्धि बाधित होती है, जिससे संक्रमण पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से, भारत में सूक्ष्मजैविक रोगजनकों में बहु-औषध प्रतिरोध के होने के कारण हैं? (2019)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. क्या एंटीबायोटिकों का अति-उपयोग और डॉक्टरी नुस्खे के बिना मुक्त उपलब्धता, भारत में औषधि-प्रतिरोधी रोगों के अविर्भाव के अंशदाता हो सकते हैं? अनुवीक्षण और नियंत्रण की क्या क्रियाविधियाँ उपलब्ध हैं? इस संबंध में विभिन्न मुद्दों पर समालोचनापूर्वक चर्चा कीजिये। (2014) |