नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कार्य के बिना दुनिया

  • 18 Nov 2023
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जॉन मेनार्ड कींस, कार्ल मार्क्स, AI के अनुप्रयोग।

मेन्स के लिये:

मानव श्रम की जगह लेने वाले AI के पक्ष और विपक्ष में तर्क, विभिन्न क्षेत्रों में AI के संभावित प्रभाव। 

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों? 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर हाल ही में संपन्न बैलेचले पार्क शिखर सम्मेलन में एलोन मस्क ने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की जहाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता सभी मानव श्रम- शारीरिक और संज्ञानात्मक दोनों का स्थान ले लेगी और परिणामस्वरूप व्यक्तियों को नौकरी की तत्काल कोई आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वे केवल व्यक्तिगत पूर्ति के लिये काम की तलाश करेंगे।

कार्य पर प्रमुख सिद्धांत क्या हैं? 

  • जॉन मेनार्ड कींस: उन्होंने काम को कठिन परिश्रम के रूप में देखते हुए पूंजीवाद के तहत काम के घंटों को कम करने की वकालत की। 
    • उन्होंने अनुमान लगाया कि प्रौद्योगिकी में विकास के साथ काम के घंटे कम होने से कल्याण में वृद्धि होगी। 
  • कार्ल मार्क्स: उन्होंने काम को मानवता के सार के रूप में देखा, जो प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की अनुमति देकर अर्थ प्रदान करता है, मानवता का सार है।
    • मार्क्स ने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जहाँ AI मानव कार्य को प्रतिस्थापित करने के बजाय उसे बढ़ाता है, बाहरी विनियोग के बिना आत्म-आनंद को सक्षम बनाता है।

मानव श्रम की जगह AI के पक्ष और विपक्ष में क्या तर्क हैं? 

  • मानव श्रम की जगह AI के पक्ष में तर्क:
    • दक्षता और लागत में कमी: AI दोहराए जाने वाले कार्यों को करने में अद्वितीय दक्षता प्रदान करता है, श्रम-गहन प्रक्रियाओं को प्रतिस्थापित करके व्यवसायों के लिये परिचालन लागत को कम करता है।
    • बेहतर सटीकता और स्थिरता: AI सिस्टम मनुष्यों की तुलना में उच्च स्तर की सटीकता और स्थिरता के साथ कार्यों को निष्पादित कर सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ सटीक गणना या डेटा विश्लेषण की आवश्यकता होती है।
    • 24/7 उपलब्धता और गति: AI बिना रुके कार्य करता है, जिससे बिना थकान के लगातार कार्य करना संभव होता है, जिससे तीव्र परिणाम और सेवा वितरण संभव होता है।
    • खतरनाक वातावरण में सुरक्षा: मनुष्यों के लिये खतरनाक वातावरण, जैसे- गहरे समुद्र में अन्वेषण, अंतरिक्ष मिशन या खतरनाक विनिर्माण, AI-संचालित स्वचालन सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करता है।
  • मानव श्रम की जगह AI के विरुद्ध तर्क:
    • जटिल निर्णय लेने और रचनात्मकता: AI सूक्ष्म निर्णय लेने, पूर्ण रचनात्मकता और अंतर्ज्ञान के साथ संघर्ष करता है, ऐसे डोमेन जहाँ मानव अनुभूति तथा भावनात्मक बुद्धिमत्ता उत्कृष्ट है।
    • नैतिक निर्णय लेना: AI में नैतिक निर्णय और नैतिक तर्क का अभाव है, जो इसे नैतिक दुविधाओं या व्यक्तिपरक निर्णय से जुड़ी भूमिकाओं के लिये अनुपयुक्त बनाता है।
    • मानवीय संपर्क और सहानुभूति: मानवीय संपर्क, समानुभूति और देखभाल या परामर्श जैसी भावनात्मक जुड़ाव की आवश्यकता वाली नौकरियाँ AI के लिये प्रामाणिक रूप से दोहराने हेतु चुनौतीपूर्ण हैं।
    • विनियामक और विश्वास संबंधी चिंताएँ: AI की विश्वसनीयता, पूर्वाग्रह और जवाबदेही के विषय में चिंताएँ विनियामक एवं विश्वास संबंधी मुद्दों को बढ़ाती हैं, जिससे इसे व्यापक रूप से अपनाने तथा स्वीकार्यता पर असर पड़ता है।

विभिन्न डोमेन में AI के संभावित प्रभाव क्या हैं?

  • सकारात्मक प्रभाव:
    • दक्षता और उत्पादकता में वृद्धि: यह AI प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है, कार्यों को स्वचालित करता है और दक्षता बढ़ाता है, जिससे उद्योगों में उत्पादकता में वृद्धि होती है।
      • संसाधन आवंटन को अनुकूलित करता है, अपव्यय और परिचालन लागत को कम करता है।
    • नवाचार और नए रोज़गार  सृजन: AI नवाचार को बढ़ावा देता है, जिससे नए उद्योगों, उत्पादों और सेवाओं का निर्माण होता है।
      • उभरती तकनीकी ज़रूरतों को पूरा करते हुए AI विकास, प्रोग्रामिंग, डेटा विश्लेषण और रख-रखाव के क्षेत्र में नौकरियाँ पैदा करता है।
    • बेहतर निर्णय लेने की क्षमता: AI की डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि व्यवसायों और नीति निर्माताओं के लिये बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाती है।
      • यह रुझानों के पूर्वानुमान में सटीकता और गति को बढ़ाता है, वृद्धि एवं विकास के लिये रणनीतियों को अनुकूलित करता है।
    • उन्नत ग्राहक अनुभव: AI द्वारा संचालित वैयक्तिकृत अनुभव ग्राहकों की संतुष्टि और जुड़ाव में सुधार करते हैं।
      • चैटबॉट, अनुशंसा प्रणाली और AI-संचालित ग्राहक सेवा उपयोगकर्त्ता अनुभव को बेहतर बनाती है।
    • स्वास्थ्य देखभाल और अनुसंधान में प्रगति: AI चिकित्सा निदान, दवा खोज और उपचार निजीकरण में सहायता करता है, जिससे स्वास्थ्य देखभाल परिणामों में सुधार होता है।
      • विशाल डेटासेट का विश्लेषण और पैटर्न की पहचान करके वैज्ञानिक अनुसंधान को गति देता है।
  • नकारात्मक प्रभाव:
    • गोपनीयता और नैतिक चिंताएँ: डेटा पर AI की निर्भरता गोपनीयता के उल्लंघन और डेटा के दुरुपयोग के बारे में चिंताएँ बढ़ाती हैं।
      • AI निर्णय लेने में नैतिक दुविधाएँ उत्पन्न होती हैं, खासकर चेहरे की पहचान और एल्गोरिथम पूर्वाग्रह जैसे क्षेत्रों में।
    • आर्थिक असमानता: AI के लाभ समान रूप से वितरित नहीं हो सकते हैं, जिससे कुशल और अकुशल श्रमिकों के बीच अंतर बढ़ जाएगा।
      • कुछ उद्योगों या भौगोलिक क्षेत्रों में AI लाभों का संकेंद्रण आर्थिक असमानताओं को बढ़ा सकता है।
    • निर्भरता और भेद्यता: पर्याप्त मानवीय निरीक्षण के बिना AI सिस्टम पर अत्यधिक निर्भरता सिस्टम की त्रुटियों या साइबर खतरों जैसी कमज़ोरियों को जन्म दे सकती है।
      • AI सिस्टम पर समझ या नियंत्रण की कमी समाज को तकनीकी विफलताओं के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती है।
    • सामाजिक प्रभाव और रोज़गार की गुणवत्ता: AI द्वारा सृजित रोज़गार में पारंपरिक भूमिकाओं के समान गुणवत्ता, स्थिरता या पूर्ति की कमी हो सकती है, जिससे व्यक्तियों की संतुष्टि और उद्देश्य की भावना प्रभावित हो सकती है।
      • कार्य पैटर्न और कार्य प्रकृति में परिवर्तन मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण को प्रभावित कर सकता है।
    • रोज़गार विस्थापन और कौशल अंतर: स्वचालन और AI कुछ रोज़गार भूमिकाओं की जगह ले सकते हैं। प्रासंगिक कौशल की कमी के कारण विस्थापित श्रमिकों को नई भूमिकाओं में परिवर्तन के लिये संघर्ष करना पड़ सकता है।

निष्कर्ष: 

AI की क्षमताओं का लाभ उठाने तथा मानव श्रम के मूल्य को संरक्षित करने के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है जो एक ऐसे भविष्य को आकार देने के लिये महत्त्वपूर्ण है जो सामाजिक कल्याण एवं सार्थक मानव योगदान सुनिश्चित करते हुए प्रौद्योगिकी का अनुकूलन करता है। निरंतर सीखने तथा अनुकूलनीय कौशल में निवेश करने से व्यक्तियों को AI की प्रगति के साथ आगे बढ़ने के लिये सशक्त बनाया जा सकता है, साथ ही एक संतुलित भविष्य को बढ़ावा दिया जा सकता है जहाँ मानव विशेषज्ञता एवं तकनीकी नवाचार एक-दूसरे के पूरक हों।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)

  1. औद्योगिक इकाइयों में विद्युत की खपत कम करना   
  2. सार्थक लघु कहानियों और गीतों की रचना   
  3. रोगों का निदान   
  4. टेक्स्ट-से-स्पीच (Text-to-Speech) में परिवर्तन   
  5. विद्युत ऊर्जा का बेतार संचरण

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow