भारत-बहरीन के बीच समझौते | 27 Nov 2020
प्रिलिम्स के लिये:बहरीन की अवस्थिति, खाड़ी सहयोग परिषद, अब्राहम समझौता, एयर बबल मेन्स के लिये:भारत-बहरीन संबंध |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारत और बहरीन रक्षा तथा समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों सहित अपने ऐतिहासिक संबंधों को और मज़बूत करने पर सहमत हुए हैं।
- बहरीन, खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council) का एक सदस्य है और USA की मध्यस्थता में इज़राइल तथा UAE के साथ अब्राहम समझौते (Abraham Accord) पर हस्ताक्षर भी किये हुए है।
प्रमुख बिंदु
- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों में, रक्षा तथा समुद्री सुरक्षा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, व्यापार और निवेश, बुनियादी ढाँचा, IT, FinTech, स्वास्थ्य, हाइड्रोकार्बन तथा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र शामिल थे।
- दोनों पक्षों ने कोविड-19 से संबंधित सहयोग को और मज़बूत करने की पुष्टि की।
- बहरीन ने भारत द्वारा महामारी के दौरान दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और चिकित्सा पेशेवरों की आपूर्ति के माध्यम से दी गई सहायता की सराहना की।
- उन्होंने दोनों देशों के बीच एयर बबल (Air Bubble) व्यवस्था के संचालन पर संतोष व्यक्त किया।
- एयर बबल दो देशों के बीच हवाई यात्रा की व्यवस्था है। जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करना है (COVID-19 महामारी के परिणामस्वरूप नियमित अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया गया है)।
- भारत में होने वाले तीसरे भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग की बैठक के लिये भारत ने बहरीन को पुनः निमंत्रण दिया है।
- वर्ष 2019 में, भारत ने बहरीन की राजधानी मनामा में श्री कृष्ण मंदिर के पुनर्विकास के लिये 4.2 मिलियन डॉलर की परियोजना शुरू की थी।
- 200 वर्ष पुराना यह मंदिर भारत-बहरीन मित्रता के एक स्थायी प्रमाण के रूप में है।
- भारत ने दिवंगत प्रधान मंत्री प्रिंस खलीफा बिन सलमान अल खलीफा के निधन पर भी संवेदना व्यक्त की, जिन्होंने भारत-बहरीन संबंधों को मज़बूत करने तथा बहरीन में भारतीय समुदाय के कल्याण में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था।
भारत-बहरीन संबंध
ऐतिहासिक संबंध:
- दोनों देशों का इतिहास लगभग 5,000 वर्ष पुराना है, जब भारत में सिंधु घाटी सभ्यता तथा बहरीन में दिलमन सभ्यता (Dilmun Civilization) थी।
- माना जाता है कि प्राचीन बहरीन के व्यापारियों ने भारतीय मसालों के साथ मोती का व्यापार किया था।
द्विपक्षीय समझौते:
- प्रत्यर्पण संधि (जनवरी 2004)
- सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन (मई 2012)
- संयुक्त उच्चायोग की स्थापना (फरवरी 2014)
- जल संसाधन विकास और प्रबंधन (फरवरी 2015)
- अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, अवैध संगठित अपराध, अवैध ड्रग्स, नशीले पदार्थों और नशीले पदार्थों की तस्करी पर सहयोग (दिसंबर 2015)
- नवीकरणीय ऊर्जा, हेल्थकेयर, राजनयिक और विशेष/सरकारी पासपोर्ट धारकों के लिये लघु स्टे (Stay) वीज़ा से छूट पर समझौता (July 2018)
- शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये बाह्य अंतरिक्ष का अन्वेषण और उपयोग (मार्च 2019)
व्यापार और आर्थिक संबंध:
- वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 1282.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर था तथा वर्ष 2019-20 (अप्रैल-दिसंबर) में 753.60 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- बहरीन में भारतीय निर्यात: खनिज ईंधन और तेल, अकार्बनिक रसायन, कीमती धातुओं के कार्बनिक या अकार्बनिक यौगिक, अनाज, नट, फल, परिधान तथा कपड़ों के सामान आदि।
- बहरीन से भारतीय आयात: कच्चा तेल, खनिज ईंधन और बिटुमिनस पदार्थ, एल्यूमीनियम, उर्वरक, अयस्कों/एल्यूमीनियम की राख, लोहा, तांबा आदि।
- बहरीन में भारतीय निवेश:
- जनवरी 2003 से मार्च 2018 के बीच बहरीन में भारत का कुल पूंजी निवेश लगभग 1.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- वित्तीय सेवाओं में उच्चतम निवेश का मूल्य कुल परियोजनाओं का 40% है, जिसके बाद अचल संपत्ति और आतिथ्य (Hospitality) क्षेत्र हैं।
भारतीय प्रवासी समुदाय:
- वर्तमान में लगभग 3,50,000 भारतीय बहरीन में रह रहे हैं, जिनमें से लगभग 70% अकुशल श्रमिक हैं।
- ब्लू-कॉलर श्रम बल के अलावा भी बहरीन में अन्य पेशेवरों की एक बड़ी संख्या है जो यहाँ के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- नवंबर 2015 में, बहरीन ने बहरीन के इतिहास और प्रगति में भारतीय समुदाय के योगदान को स्वीकार तथा चिह्नित करने के लिये बहरीन में ‘लिटिल इंडिया' परियोजना शुरू की।