भारतीय अर्थव्यवस्था
करेंसी बैन के बाद नेपाल ने खर्च सीमा भी निर्धारित की
- 28 Dec 2018
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चर्चा में क्यों?
नेपाल राष्ट्र बैंक ने भारत में अपने नागरिकों द्वारा खर्च की जाने वाली भारतीय मुद्रा की मात्रा सीमित कर दी है। अब नेपाल का कोई भी नागरिक भारत में प्रतिमाह एक लाख रुपए से अधिक खर्च नहीं कर सकेगा। भारत में वस्तुओं और सेवाओं के लिये भुगतान करते समय भी यह सीमा लागू होगी। नेपाल ने यह निर्णय अपने चालू खाता घाटे (Current Account Deficit) को कम करने के लिये लिया है। लेकिन अधिकांश अर्थशास्त्रियों के अनुसार, नेपाल ने यह अभूतपूर्व कदम भारतीय मुद्रा के साथ हाल के कटु अनुभवों के बाद उठाया है, जिसमें विमुद्रीकरण की प्रक्रिया भी शामिल थी।
- व्यक्तिगत खर्च को सीमित करने का निर्णय नेपाल द्वारा 100 रुपए से अधिक मूल्य वर्ग वाली भारतीय करेंसी पर प्रतिबंध लगाने के दो सप्ताह बाद आया है।
- नेपाली बैंकों के प्रीपेड, क्रेडिट और डेबिट कार्डों पर यह सीमा तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
- भारत में अस्पतालों में इलाज और दवाओं पर आने वाले खर्च को इस सीमा से मुक्त रखा गया है।
विमुद्रीकरण से नेपाल भी हुआ था प्रभावित
- भारत के विमुद्रीकरण से नेपाल भी बुरी तरह प्रभावित हुआ था और इसे लेकर वहाँ एक नकारात्मक भावना उत्पन्न हुई है।
- इसके मद्देनज़र अपनी मुद्रा पर ज़ोर देते हुए नेपाल ने भविष्य में किसी भी ऐसे भारतीय कदम के खिलाफ खुद को सुरक्षित करने के लिये ऐसा किया है।
- नेपाल द्वारा भारत से कोई सलाह-मशविरा किये बिना ऐसा करने से देशवासियों के बीच यह संदेश गया है कि वह अपनी मुद्रा को नियंत्रित करने में स्वयं सक्षम है।
नेपाल लगा चुका है भारत की नई करेंसी पर बैन
- इसी महीने में नेपाल ने अपने यहाँ भारत की नई (विमुद्रीकरण के बाद जारी हुई) करेंसी के चलन पर रोक लगा दी। नेपाल सरकार ने 100 रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय नोटों के लेन-देन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी।
- नेपाल सरकार ने लोगों से कहा है कि वे 100 रुपए से अधिक मूल्य यानी 200, 500 और 2000 रुपए के नोटों को न रखें।
- केवल 100 रुपए के भारतीय नोट को ही नेपाल में कारोबार एवं अन्य चीजों के लिये स्वीकार किया जाएगा।
- इससे पहले भारत में जारी हुए 200, 500 और 2000 रुपए के भारतीय नोटों को नेपाल सरकार ने मान्यता तो नहीं दी थी, लेकिन इसे गैर-कानूनी भी घोषित नहीं किया था।
- अब भारतीयों को नेपाल में 100-50 या अन्य छोटे नोट ले जाने होंगे या बॉर्डर पर ही नए भारतीय नोटों को नेपाल की करेंसी से बदलना होगा।
- नेपाल में भारतीय नोटों को आसानी से स्वीकार किया जाता है। नेपाली नागरिक भी अपनी बचत, लेन-देन और कारोबार के लिये भारतीय मुद्रा का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं।
क्या है नेपाल राष्ट्र बैंक का कहना?
- नेपाल ने अपने यहाँ आर्थिक अपराधों और हवाला कारोबार पर रोक लगाने का उल्लेख करते हुए यह कार्रवाई की है।
- नेपाल राष्ट्र बैंक के अनुसार, जब तक रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के तहत नई अधिसूचना जारी नहीं करता, नए भारतीय नोट एक्सचेंज नहीं किये जा सकते।
- रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ नेपाल राष्ट्र बैंक के वर्तमान समझौते के अनुसार, कोई नेपाली नागरिक 25 हज़ार रुपए तक 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों में रख सकता है।
- नेपाल में बड़े पैमाने पर भारतीय करेंसी का इस्तेमाल होता है। ऐसे में बड़ी संख्या में नेपाल के लोगों को 500 व 1000 रुपए के पुराने नोट बदलवाने में अब भी परेशानी हो रही है।
- नेपाल राष्ट्र बैंक ने भारतीय करेंसी के पुराने नोटों को एक्सचेंज करने के लिये दिशा-निर्देश तैयार करने हेतु एक टास्क फोर्स बनाई है।
विमुद्रीकरण का क्या हुआ था असर और खर्च की सीमाबंदी का क्या होगा असर?
- भारत सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को 1000 और 500 रुपए के पुराने नोटों को प्रचलन से बाहर कर दिया था। उसके बाद 2000, 500 और 200 रुपए के नए नोट जारी किये गए।
- नोटबंदी से नेपाल और भूटान भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए थे क्योंकि वहाँ भारतीय मुद्रा का इस्तेमाल आम है।
- पुरानी भारतीय करेंसी को बदलने की समस्या से नेपाल आज भी जूझ रहा है। पहले नेपाल में 500 और 1000 रूपए की भारतीय करेंसी की अच्छी-खासी संख्या थी। नेपाल में लोगों को पुरानी भारतीय करेंसी बदलने का पर्याप्त मौका नहीं मिला।
- नेपाली नागरिकों के खर्च को सीमित करने की वज़ह से भारत में नेपाली उपभोक्ताओं और पर्यटकों के के पास खर्च करने के विकल्प सीमित हो जाएंगे।
- इस वज़ह से भारत-नेपाल सीमा क्षेत्रों में होने वाला व्यापार भी प्रभावित होगा, जहाँ नेपाली व्यापारी आमतौर पर भारतीय करेंसी में भुगतान करते हैं।
- अब भारतीयों को नेपाल में 100-50 रुपए या अन्य छोटे नोट ले जाने होंगे या सीमा पर ही नए भारतीय नोटों को नेपाल की करेंसी से बदलना होगा।
- नेपाल में भारतीय नोटों को आसानी से स्वीकार किया जाता है। नेपाली नागरिक भी अपनी बचत, लेन-देन और कारोबार के लिये भारतीय मुद्रा का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं।