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आंतरिक सुरक्षा

नगालैंड में AFSPA

  • 31 Dec 2019
  • 2 min read

प्रीलिम्स के लिये:

AFSPA से संबंधित तथ्य

मेन्स के लिये:

AFSPA के अनुपालन से संबंधित मुद्दे, AFSPA और मूल अधिकार, AFSPA और मानवाधिकार से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर 2019 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संपूर्ण नगालैंड में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून [Armed force (Special Power) Act- AFSPA] को 6 महीनों के लिये बढ़ा दिया है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु:

  • केंद्र सरकार ने नगालैंड की जोखिमपूर्ण और अशांत स्थिति के आधार पर संपूर्ण राज्य में AFSPA को अगले 6 महीनों के लिये 30 दिसंबर, 2019 से बढ़ाने को मंज़ूरी दी है।
  • गौरतलब है कि गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने पूरे नगालैंड राज्य को इस कानून के तहत छह और महीनों के लिये "अशांत क्षेत्र" घोषित किया है, जो सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व अनुमति के कहीं भी ऑपरेशन करने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।
  • केंद्र सरकार ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम, 1958 की धारा 3 के अंतर्गत नगालैंड के संपूर्ण क्षेत्र को अशांत क्षेत्र घोषित किया है।
  • वर्तमान समय में असम, नगालैंड और मणिपुर (इम्फाल नगरपालिका क्षेत्र को छोड़कर) के संपूर्ण क्षेत्र में लागू है।
  • अरुणाचल प्रदेश के तीन ज़िलों- तीरप, चांगलांग और लोंगडिंग के साथ-साथ असम से लगने वाले अरुणाचल प्रदेश के अधिकार क्षेत्र वाले 8 पुलिस स्टेशनों में यह कानून लागू है।
  • गौरतलब है कि मणिपुर और असम को “अशांत क्षेत्र” घोषित करने वाली अधिसूचना राज्य सरकारों द्वारा जारी की गई है। जबकि नगालैंड के संपूर्ण क्षेत्र और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को “अशांत क्षेत्र” घोषित करने वाली अधिसूचना गृह मंत्रालय द्वारा घोषित किया गया है।

स्रोत: द हिंदू

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