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सोमालिया में अफ्रीकी संघ का समर्थन और स्थिरीकरण मिशन

  • 30 Dec 2024
  • 16 min read

प्रिलिम्स के लिये:

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), अफ्रीकी संघ (AU), सोमालिया में अफ्रीकी संघ समर्थन और स्थिरीकरण मिशन (AUSSOM), सोमालिया में अफ्रीकी संघ संक्रमण मिशन (ATMIS), सोमालीलैंड, पुंटलैंड, हॉर्न ऑफ अफ्रीका, ब्लू बेरेट्स, तुत्सी

मेन्स के लिये:

संघर्षों के समाधान में शांति मिशनों की भूमिका, क्षेत्रीय शांति पहल।

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने अफ्रीकी संघ (AU) शांति और सुरक्षा परिषद की पहल, सोमालिया में अफ्रीकी संघ समर्थन तथा स्थिरीकरण मिशन (AUSSOM) का समर्थन किया।

  • प्रस्ताव 2767 (2024) शीर्षक वाले प्रस्ताव का उद्देश्य सोमालिया के गृहयुद्ध और अल-शबाब तथा इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट जैसे आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न सोमालिया की सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना है।
  • यह संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के समान है। 

 नोट: शांति एवं सुरक्षा परिषद (PSC) संघर्षों की  रोकथाम, प्रबंधन और समाधान के लिये AU का स्थायी निर्णय लेने वाला अंग है।

  • यह अफ्रीकी शांति और सुरक्षा वास्तुकला (APSA) का प्रमुख स्तंभ भी है, जो अफ्रीका में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता को बढ़ावा देने की रूपरेखा है।
  • लेवेंट भूमध्य सागर का पूर्वी तट है जिसमें सीरिया, लेबनान, इज़रायल, जॉर्डन और फिलिस्तीन शामिल हैं।

ATMIS और AUSSOM क्या है?

  • ATMIS: सोमालिया में अफ्रीकी संघ संक्रमण मिशन (ATMIS) एक बहुआयामी मिशन (सैन्य, पुलिस और नागरिक) है, जो अफ्रीकी संघ द्वारा अधिकृत तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अधिदेशित है।
    • अधिदेश: यह सोमालिया में अफ्रीकी संघ मिशन (AMISOM) का स्थान लेगा तथा इसे सोमाली संक्रमण योजना (STP) को पूर्ण रूप से क्रियान्वित करने का स्पष्ट अधिदेश दिया गया है।
      • STP, अफ्रीकी संघ से सोमालिया की संघीय सरकार को सुरक्षा ज़िम्मेदारी हस्तांतरित करने के लिये सोमालिया और उसके साझेदारों द्वारा तैयार की गई एक व्यापक मार्गदर्शिका है।
  • AUSSOM: यह सोमालिया में अफ्रीकी संघ संक्रमण मिशन (ATMIS) के प्रतिस्थापन का प्रावधान करता है, जिसका कार्यकाल 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त हो रहा है।
  • उत्तरदायित्व परिवर्तन: वर्ष 2022 से, 7,000 ATMIS सैनिकों को कम कर दिया गया है और AUSSOM राष्ट्र को स्थिर करने में सोमाली बलों को समर्थन देना जारी रखेगा।
  • अधिदेश और संचालन: आतंकवाद से लड़ने और सुरक्षा बनाए रखने के लिये AU सदस्य जून 2025 तक 1,040 पुलिस अधिकारियों सहित 12,626 कर्मियों को तैनात कर सकते हैं।
  • वित्तपोषण: अफ्रीकी शांति अभियानों के लिये स्थायी और पूर्वानुमानित वित्तपोषण सुनिश्चित करने के लिये मिशन को वित्तपोषित करने हेतु संयुक्त राष्ट्र मूल्यांकित योगदान (75%) और अफ्रीकी संघ/भागीदार योगदान (25%) को मिलाकर एक संकर दृष्टिकोण प्रस्तावित किया गया है।
  • चुनौतियाँ: बुरुंडी और इथियोपियाई सैनिक AUSSOM में भाग नहीं लेंगे।
    • मिस्र AUSSOM में भाग ले सकता है, जिसके साथ इथियोपिया का नील नदी पर बने एक बाँध को लेकर विवाद है।
      • इथियोपिया के सोमालीलैंड (सोमालिया से अलग हुआ क्षेत्र) पर शासन करने वाले प्राधिकारियों के साथ अच्छे संबंध हैं।
    • अमेरिका ने चिंता व्यक्त की कि संयुक्त राष्ट्र ने इस मिशन को अनुपातहीन रूप से वित्त पोषित किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान में भाग नहीं लिया।

सोमालिया में गृह युद्ध का घटनाक्रम क्या है?

  • परिचय: इसकी शुरुआत वर्ष 1988 में राष्ट्रपति सियाद बार्रे के निरंकुशवादी शासन के दौरान हुई थी। जनवरी 1991 में उनका शासन खत्म हो गया, जिससे शक्ति शून्यता और अस्तव्यस्तता की स्थिति उत्पन्न हुई।
  • सोमालिया का विखंडन: बार्रे के पतन के बाद, सोमालिया मिलिशिया और अन्य समूहों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में विभाजित हो गया, जिसमें सोमालीलैंड और पुंटलैंड भी शामिल थे, जिन्होंने क्रमशः वर्ष 1991 में पूर्ण स्वतंत्रता एवं वर्ष 1998 में आंशिक स्वायत्तता की घोषणा की।
    • सोमालिया और इथियोपिया में समुद्री पहुँच समझौते को लेकर एक वर्ष से विवाद जारी है, जिसे इथियोपिया ने अलगाववादी सोमालीलैंड क्षेत्र के साथ किया था।

  • वंशवाद का उदय: वंशवाद प्रणाली से सोमालिया में तनाव की स्थिति बढ़ती गई, जिससे सरकार के एकता एवं शांति प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई, जबकि वंशीय प्रतिद्वंद्विता ने संघीय सरकार तथा क्षेत्रीय राज्यों के बीच संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया
    • वंशवाद का तात्पर्य वंश-आधारित राजनीति का प्रभुत्व है, जिसके अंतर्गत वंश एवं उप-वंश के हितों को प्राथमिकता दी जाती है और राष्ट्रीय एकता प्रभावित होती है। 
    • सोमालिया में चार मुख्य कुल हैं: दोराड, हाविये, दीर और राहनवेयम
  • शांति प्रयास: 
    • आर्टा घोषणा (2000): विकास पर अंतर-सरकारी प्राधिकरण (IGAD) जैसे क्षेत्रीय संगठनों ने अधिक प्रतिनिधि सरकार स्थापित करने का प्रयास किया।
    • संक्रमणकालीन सरकार: संक्रमणकालीन राष्ट्रीय सरकार (TNG) और संक्रमणकालीन संघीय सरकार (TFG) की स्थापना की गई लेकिन इनमें अकुशलता, आपसी मतभेद और भ्रष्टाचार जैसी समस्याएँ थीं। 
  • अल-शबाब का उदय: वर्ष 2007 में अल-शबाब, एक इस्लामी आतंकवादी समूह के उदय से संघर्ष और बढ़ गया। यह अल-कायदा का सबसे महत्त्वपूर्ण सहयोगी है
    • अल-शबाब का प्राथमिक लक्ष्य सोमालिया की संघीय सरकार (FGS) को अपदस्थ करना, विदेश की सेनाओं का निष्कासन करना तथा इस्लामी विधि (शरिया) की सख्त व्यवस्था स्थापित करना है। 
    • यह समूह "ग्रेटर सोमालिया" की मांग करता है, जिसका उद्देश्य पूर्वी अफ्रीका के जातीय सोमालियों को एक इस्लामी राज्य में एकजुट करना है।
      • ग्रेटर सोमालिया में सोमालिया, सोमालीलैंड, जिबूती और केन्या (उत्तरी क्षेत्र) का हिस्सा और इथियोपियाई ओगाडेन शामिल होंगे।

नोट: हॉर्न ऑफ अफ्रीका में जिबूती, इरीट्रिया, इथियोपिया और सोमालिया देश शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन क्या है?

  • परिचय: यह संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में सैन्य कर्मियों, पुलिस और नागरिक विशेषज्ञों के परिनियोजन के माध्यम से संघर्ष क्षेत्रों में शांति तथा सुरक्षा बनाए रखने में मदद करने के लिये संचालन का एक समूह है।
    • इसकी स्थापना मई 1948 में हुई थी, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इज़रायल और उसके अरब के पड़ोसी देशों के बीच युद्धविराम समझौते की निगरानी के लिये संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षकों के परिनियोजन को अधिकृत किया था।
    • संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को प्रायः उनकी हल्के नीले रंग की टोपी या हेलमेट के कारण ब्लू बेरेट्स अथवा ब्लू हेलमेट्स कहते हैं।
  • वैश्विक उपस्थिति: गत 70 वर्षों में, 1 मिलियन से अधिक पुरुषों और महिलाओं ने 70 से अधिक संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत सेवा की है। 
    • वर्तमान में 125 देशों के 1,00,000 से अधिक सैन्य, पुलिस और नागरिक कार्मिक 14 शांति अभियानों में कार्यरत हैं।

  • प्रभावशीलता: 
    • सफलता की कहानियाँ: 
      • सिएरा लियोन (1999-2005): शांति सैनिकों द्वारा बाल सैनिकों सहित 75,000 से अधिक पूर्व के लड़ाकों को निरस्त्र किया गया और 42,000 हथियारों को नष्ट किया, जिससे देश के स्थिरीकरण में काफी मदद मिली।
      • बुरुंडी (2004-2006): संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों ने देश को जातीय संघर्ष से उबरने में मदद की, गृह युद्ध से स्थिरता की ओर संक्रमण में सहायता की तथा इन उपलब्धियों को उन्नत बनाने के क्रम में अपने मिशन का विस्तार किया।
      • लाइबेरिया (2003-2018): लाइबेरिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNMIL) द्वारा शांति समझौतों में मध्यस्थता की गई, निरस्त्रीकरण को महत्त्व दिया गया और लाइबेरिया में लोकतांत्रिक चुनावों का समर्थन किया गया।
      • सिएरा लियोन (1999 से 2005): शांति सैनिकों ने गृह युद्ध को समाप्त करने के साथ लोम शांति समझौते के कार्यान्वयन में सहायता की। 
      • इस मिशन की सफलता शांति प्रक्रिया के प्रति दोनों युद्धरत पक्षों की प्रतिबद्धता, इसके स्पष्ट जनादेश एवं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से प्राप्त समर्थन से प्रेरित थी।
  •  विफलताएँ: 
    • सोमालिया (1992-1995): मोगादिशु के युद्ध (1993) में अमेरिकी सैनिक मारे गए, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिकी एवं संयुक्त राष्ट्र बलों को तुरंत वापस लौटना पड़ा। 
      • वर्ष 1995 तक संयुक्त राष्ट्र ने इससे पूरी तरह अलगाव कर लिया, जिससे यह मिशन असफल हो गया।
    • रवांडा (1994): वर्ष 1994 में 800,000 से अधिक लोग (जिनमें से अधिकांश तुत्सी जातीय समूह के थे) नरसंहार में  मारे गए।
      • प्रारंभिक चेतावनियों के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र हस्तक्षेप करने या इसे रोकने के लिये पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने में विफल रहा।
    • स्रेब्रेनिका (1995): वर्ष 1995 में बोस्निया के स्रेब्रेनिका ("सुरक्षित क्षेत्र" घोषित होने के बावजूद) में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक, बोस्नियाई सर्ब बलों द्वारा की गई 8,000 मुस्लिम पुरुषों एवं बालकों की हत्या को रोकने में विफल रहे।

संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भारत का योगदान

  • भारत की भूमिका: भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा किसी भी अन्य देश की तुलना में इसमें सबसे अधिक सैनिकों का योगदान दिया है। वर्ष 1948 से अब तक 72 संयुक्त राष्ट्र मिशनों में से 49 में 253,000 से अधिक सैन्यकर्मी सेवा दे चुके हैं। 
    • जनवरी 2024 तक लगभग 5,900 भारतीय सैनिक 12 संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में संलग्न हैं। 
  • पूर्व के मिशन: 
    • हैती (2017-19): भारत ने नवंबर 2017 से जुलाई 2019 तक BSF, CISF और असम राइफल्स के लगभग 280 कर्मियों के साथ दो संगठित पुलिस इकाइयों (FPU) का योगदान दिया, जिससे इसकी सफलता में योगदान मिला।
    • लाइबेरिया (2007-16): लाइबेरिया में 125 सदस्यीय महिला पुलिस इकाई की प्रेरणा से पुलिस में भर्ती होने के लिये आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई।
    • सिएरा लियोन (1999-2001): भारत ने दो इन्फैंट्री बटालियन समूह, दो इंजीनियर कंपनियाँ, हमलावर हेलीकॉप्टर इकाई के साथ चिकित्सा इकाई के रूप में योगदान दिया।
    • सूडान (2005): भारत ने दो इन्फैंट्री बटालियन समूहों, इंजीनियर कंपनी, सिग्नल कंपनी आदि के रूप में योगदान दिया।
    • रवांडा (1994-96): एक इन्फैंट्री बटालियन, सिग्नल कंपनी, इंजीनियर कंपनी, स्टाफ अधिकारी एवं सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में योगदान दिया।
    • सोमालिया (1993-94): भारतीय सेना ने सभी रैंकों के 5,000 सैनिकों वाला एक ब्रिगेड समूह तैनात करने के साथ नौसेना के चार युद्धपोत तैनात किये।

निष्कर्ष

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा हाल ही में AUSSOM को समर्थन दिये जाने से सोमालिया में लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध के बीच उसे स्थिर करने के क्रम में जारी संघर्ष को रेखांकित किया गया है। ATMIS और AUSSOM जैसे अफ्रीकी नेतृत्व वाले मिशन महत्त्वपूर्ण हैं लेकिन सोमालिया तथा रवांडा जैसे संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों की ऐतिहासिक विफलताओं से स्पष्ट जनादेश, संसाधनों एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को बल मिलता है।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न: संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों की सफलताओं और असफलताओं का विश्लेषण कीजिये।


 

मेन्स

1.संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट पाने की दिशा में भारत के समक्ष आने वाली बाधाओं पर चर्चा कीजिये। (2015)

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