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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

दत्तक ग्रहण विनियमन, 2017

  • 17 Jan 2017
  • 4 min read

सन्दर्भ 

किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 68 (सी) के तहत अधिदेशित 'केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण' (Central Adoption Resource Authority- CARA) द्वारा तैयार किये गए दत्तक ग्रहण विनियमन-2017 को सरकारी प्रेस द्वारा  4 जनवरी, 2017 को अधिसूचित कर दिया गया है, ये विनियमन 16 जनवरी, 2017 से प्रभावी हो गए हैं। दत्तक ग्रहण विनियमन - 2017 ने दत्तक ग्रहण दिशा-निर्देशों (Guidelines) का स्थान लिया है|

दत्तक ग्रहण विनियमन, 2017 की मुख्य विशेषताएँ

  • विनियमन के अंतर्गत देश और देश से बाहर विदेशों में रह रहे रिश्तेदारों द्वारा गोद लेने की प्रक्रिया से संबंधित प्रक्रियाओं को परिभाषित किया गया है।
  • गृह अध्ययन रिपोर्ट की वैधता दो साल से बढ़ाकर तीन साल कर दी गई है।
  • निर्दिष्ट बच्चे को आरक्षित करने के बाद मिलान और स्वीकृति के लिये घरेलू पीएपी को उपलब्ध समय-सीमा को वर्तमान पंद्रह दिनों से बढ़ाकर बीस दिन कर दिया गया है।
  • जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) के पास व्यावसायिक रूप से योग्य या प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक पैनल होगा।
  • न्यायालय में दायर किये जाने वाले मॉडल दत्तक ग्रहण आवेदनों समेत विनियमनों से संलग्न 32 अनुसूचियाँ हैं, ये न्यायालय के आदेश प्राप्त करने में वर्तमान में लगने वाली  देरी में काफी हद तक कमी लाएंगी।

दत्तक ग्रहण को शासित करने वाले मूलभूत सिद्धांत 

  • किसी भी दत्तक ग्रहण के समय बालक के हितों का सर्वोपरि रखा जाएगा|
  • जहाँ तक संभव हो, बालक के अपने सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश में स्थापन के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए भारतीय नागरिकों के साथ बालक के दत्तक ग्रहण को वरीयता दी जाएगी|
  • दत्तक-ग्रहण संबंधी सभी बालक दत्तक-ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शक पद्धति पर रजिस्ट्रीकृत किये जाएंगे और प्राधिकारी द्वारा उनकी गोपनीयता बनाए रखी जाएगी|

बालकों के दत्तक-ग्रहण को शासित करने वाले मार्गदर्शक सिद्धांत, 2015 

इन मार्गदर्शक सिद्धांतों को ‘बालकों के दत्तक-ग्रहण को शासित करने वाले मार्गदर्शक सिद्धांत, 2015’ कहा जाता है, जो अगस्त 2015 में प्रवृत्त हुए| ये मार्गदर्शक सिद्धांत बालकों के दत्तक – ग्रहण को शासित करने वाले मार्गदर्शक सिद्धांत, 2011 को प्रतिस्थापित कर प्रभावी हुए थे और तभी से देश में अनाथ, परित्यक्त या अभ्यर्पित बालकों के दत्तक-ग्रहण की प्रक्रिया को शासित रहे थे|

नया दत्तक ग्रहण विनियम 16 जनवरी, 2017 से प्रभावी हो गया है, जो दत्तक ग्रहण दिशा-निर्देश, 2015 का स्थान लेगा| दत्तक ग्रहण विनियमन की रूपरेखा दत्तक ग्रहण एजेंसियों और भावी दत्तक माता-पिता (पीएपी) ( prospective adoptive parents-PAPs ) सहित केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण ( Central Adoption Resource Authority-CARA) और अन्य हितधारकों के सामने आ रहे मुद्दों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। यह रूपरेखा भविष्य में गोद लेने की प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाकर देश में गोद लेने के कार्यक्रम को और मजबूत बनाएगी।

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