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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

दक्षिण एशिया में सहयोग का केंद्र बनेगा भारत

  • 09 May 2017
  • 3 min read

समाचारों में क्यों?
एशियाई विकास बैंक, नई दिल्ली का विकास दक्षिण एशिया में अपने कार्यों को गति देने के लिये एक क्षेत्रीय हब के रूप में कर रहा है। इसके ये कार्य दक्षिण एशिया में इसके निर्णयों को गति देने तथा क्षेत्र की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में होने वाली देरी से संबंधित हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • बैंक दक्षिण एशिया के लिये नई दिल्ली को एक क्षेत्रीय हब इसलिये बनाना चाहता है ताकि वहाँ  की कई परियोजनाओं का शीघ्र क्रियान्वयन किया जा सके।
  • एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष तकेहिको नाकाओ (Takehiko Nakao) ने एक प्रेस सम्मलेन की समाप्ति के दौरान कहा था कि बैंक दिल्ली(दक्षिण एशिया के लिये) तथा कज़ाखस्तान(मध्य एशिया के लिये) जैसे कई स्थानों को इस क्षेत्र का केंद्र बनाने का प्रयास कर रहा है।

एशियाई विकास बैंक 

  • यह एक क्षेत्रीय विकास बैंक है जिसकी स्थापना 19 दिसम्बर 1966 को हुई थी।
  • इसका मुख्यालय मंदालुयोंग,मेट्रो मनीला (फिलीपींस) में है। 
  • एशिया में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये विश्व भर में इसके 31 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। 
  • इसके सदस्य राष्ट्रों में एशिया और प्रशांत के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (United Nations Economic and Social Commission for Asia and the Pacific –UNESCAP) तथा गैर-क्षेत्रीय विकसित राष्ट्र भी शामिल हैं।
  • इसकी स्थापना के समय इसके 31 सदस्य राष्ट्र थे परन्तु वर्तमान में इसके 67 सदस्य राष्ट्र हैं जिनमें से 48 देश एशिया और प्रशांत क्षेत्र के जबकि 19 बाहरी देश हैं।
  • यह विश्व बैंक के समान है तथा इसकी मतदान व्यवस्था भी विश्व बैंक के अनुरूप है जहाँ मत विभाजन सदस्य राष्ट्रों की पूंजी के अनुपात में होता है।
  • एशियाई विकास बैंक संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक पर्यवेक्षक है।
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