भारत में एक्सलेरेटर प्रयोगशाला | 29 Nov 2019
प्रीलिम्स के लिये:
एक्सलेरेटर प्रयोगशाला, UNDP, ‘डेट फॉर डेवलेपमेंट, अटल नवाचार मिशन
मेन्स के लिये:
एक्सलेरेटर प्रयोगशाला का महत्त्व और आवश्यकता
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत (दिल्ली) में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nation Development Program- UNDP) ने एक एक्सलेरेटर प्रयोगशाला (Accelerator Lab) की स्थापना की है।
प्रमुख बिंदु:
- इस प्रयोगशाला की स्थापना UNDP तथा भारत सरकार के अटल नवाचार मिशन (Atal Innovation Mission) के आपसी समन्वय से की गई है।
- एक्सलेरेटर प्रयोगशाला की स्थापना के बाद UNDP और भारत ने ‘डेट फॉर डेवलेपमेंट’ (#DateForDevelopment), जो एक तरह का "मैचमेकिंग प्लेटफॉर्म (Matchmaking Platform) है का भी आयोजन किया।
- इसका लक्ष्य स्थानीय नवाचारियों को अनुभवी और विकसित नवाचारियों से जोड़ना है।
उद्देश्य:
- यह प्रयोगशाला कुछ प्रमुख मुद्दों, जैसे- वायु प्रदूषण, सतत् जल प्रबंधन जैसी समस्याओं का समाधान नवाचारों के माध्यम से करने की कोशिश करेगी।
- इसके अलावा नवाचारी देश के सामने आने वाली आम समस्याओं के समाधान के लिये ज़मीनी स्तर के ऊर्जा/नवाचारों को एक साथ लाने की कोशिश कर सकेंगे।
- इसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक सतत् विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये तेज़ी से प्रगति करना है।
एक्सलेरेटर प्रयोगशाला क्या है?
- एक्सलेरेटर प्रयोगशाला UNDP, जर्मनी और कतर द्वारा 21वीं सदी की जटिल नई चुनौतियों का हल खोजने के लिये शुरू की गई एक नई पहल है।
- भारत की एक्सीलरेटर प्रयोगशाला 60 वैश्विक प्रयोगशालाओं के एक नेटवर्क का हिस्सा होगी जो जलवायु परिवर्तन और असमानता जैसी वैश्विक चुनौतियों के नए समाधानों का परीक्षण और पैमाना करेगी।
- एक्सलेरेटर प्रयोगशाला विभिन्न देशों जैसे- इराक, जॉर्डन, अर्जेंटीना, कोलंबिया, सर्बिया, नेपाल, मैक्सिको और वियतनाम आदि में स्थित हैं।
लाभ:
- इस प्रयोगशाला से जुड़े लोगों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में पेश किए गए अभिनव समाधानों से न केवल भारत बल्कि कई अन्य देश भी लाभान्वित होंगे।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम
(United Nation Development Program- UNDP)
- UNDP संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक विकास का एक नेटवर्क है।
- इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में अवस्थित है
- UNDP गरीबी उन्मूलन, असमानता और बहिष्कार को कम करने हेतु लगभग 70 देशों में कार्य करता है।
- इसके अलावा देश के विकास को बढ़ावा देने के लिये नीतियों, नेतृत्व कौशल, साझेदारी क्षमताओं, संस्थागत क्षमताओं को विकसित करने और लचीलापन बनाने में मदद करता है।