आरोग्य सेतु एप | 04 Apr 2020
प्रीलिम्स के लिये:आरोग्य सेतु एप मेन्स के लिये:COVID-19 से निपटने हेतु भारत सरकार द्वारा किये गए प्रयास |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने COVID-19 के मामलों को ट्रैक करने हेतु ‘आरोग्य सेतु’ (Aarogya Setu) नामक एक एप लॉन्च किया है।
आरोग्य सेतु एप के बारे में:
- आरोग्य सेतु एप को सार्वजनिक-निजी साझेदारी (Public-Private Partnership) के जरिये तैयार एवं गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्च किया गया है।
- इस एप का मुख्य उद्देश्य COVID-19 से संक्रमित व्यक्तियों एवं उपायों से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराना होगा।
- यह एप 11 भाषाओं में उपलब्ध है और साथ ही इसमें देश के सभी राज्यों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची भी दी गई है।
- विशेषताएँ:
- किसी व्यक्ति में कोरोनावायरस के जोखिम का अंदाज़ा उनकी बातचीत के आधार पर करने हेतु आरोग्य सेतु ऐप द्वारा ब्लूटूथ तकनीक, एल्गोरिदम (Algorithm), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग किया जाएगा।
- एक बार स्मार्टफोन में इन्स्टॉल होने के बाद यह एप नज़दीक के किसी फोन में आरोग्य सेतु के इन्स्टॉल होने की पहचान कर सकता है।
- यह एप कुछ मापदंडों के आधार पर संक्रमण के जोखिम का आकलन कर सकता है।
- एप की कार्यप्रणाली:
- अगर कोई व्यक्ति COVID-19 सकारात्मक व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो एप निर्देश भेजने के साथ ही ख्याल रखने के बारे में भी जानकारी प्रदान करेगा।
- इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, एप अपने उपयोगकर्त्ताओं के ‘अन्य लोगों के साथ संपर्क’ को ट्रैक करेगा और किसी उपयोगकर्त्ता को किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में होने के संदेह की स्थिति में अधिकारियों को सतर्क करेगा। इनमें से किसी भी संपर्क का परीक्षण सकारात्मक होने की स्थिति में यह एप्लिकेशन परिष्कृत मापदंडों के आधार पर संक्रमण के जोखिम की गणना कर सकता है।
- लाभ:
- यह एप सरकार को COVID-19 के संक्रमण के प्रसार के जोखिम का आकलन करने और आवश्यकता पड़ने पर लोगों को अलग रखने में मदद करेगा।
निजता संबंधी चिंताएँ:
- इस एप को लेकर कई विशेषज्ञों ने निजता संबंधी चिंता जाहिर की है। हालाँकि केंद्र सरकार के अनुसार, किसी व्यक्ति की गोपनीयता सुनिश्चित करने हेतु लोगों का डेटा उनके फोन में लोकल स्टोरेज में ही सुरक्षित रखा जाएगा तथा इसका प्रयोग तभी होगा जब उपयोगकर्त्ता किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आएगा जिसकी COVID-19 की जाँच पॉजिटिव/सकारात्मक रही हो।
- विशेषज्ञों के अनुसार:
- क्या डेटा एकत्र किया जाएगा, इसे कब तक संग्रहीत किया जाएगा और इसका उपयोग किन कार्यों में किया जाएगा, इस पर केंद्र सरकार की तरफ से पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है।
- सरकार ऐसी कोई गारंटी नहीं दे रही कि हालात सुधरने के बाद इस डेटा को नष्ट कर दिया जाएगा।
- इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिये एकत्रित किये जा रहे डेटा के प्रयोग में लाए जाने से निजता के अधिकार का हनन होने के साथ ही सर्वोच्च न्यायलय के आदेश का भी उल्लंघन होगा जिसमें निजता के अधिकार को संवैधानिक अधिकार बताया गया है।
- जिस तरह आधार नंबर एक सर्विलांस सिस्टम बन गया है और उसे हर चीज़ से जोड़ा जा रहा है वैसे ही कोरोना वायरस से जुड़े एप्लिकेशन में लोगों का डेटा लिया जा रहा है जिसमें उनका स्वास्थ्य संबंधी डेटा और निजी जानकारियाँ भी शामिल हैं। अभी यह सुनिश्चित नहीं है कि सरकार किस प्रकार और कब तक इस डेटा का उपयोग करेगी।