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शनि ग्रह के उपग्रह पर जीवन की सम्भावनाएँ

  • 15 Apr 2017
  • 5 min read

क्या बाहरी सौर मंडल में स्थित शनि के उपग्रह एनसीलाडस (Enceladus) के समान बर्फीले उपग्रहों में सूक्ष्मजीवन अथवा किसी भी प्रकार के एलियन जीवन की संभावनाएँ विद्यमान हो सकती हैं? नासा के कैसिनी (Cassini) अंतरिक्ष यान द्वारा एकत्रित किये गए आँकड़ों से प्राप्त निष्कर्षों ने इस संभावना को और भी अधिक प्रबल बना दिया है|

एनसीलाडस

  • एनसीलाडस एक छोटा सा उपग्रह है जिसके बर्फीले भू-पटल के नीचे द्रव जल का महासागर है परन्तु इस महासागर में हाइड्रोजन भी उपस्थित है|
  • इसके अतिरिक्त एनसीलाडस से गैस के गुबार बाहर निकलते हैं|
  • गौरतलब है कि कैसिनी यान की सहायता से वैज्ञानिकों ने कई प्रकार की सूचनाएँ प्राप्त की है, जैसे-पृथ्वी के नीचे गर्म उथल-पुथल के कारण होने वाली जलतापीय रासायनिक अभिक्रियाओं के ही समान रासायनिक अभिक्रियाएँ इस उपग्रह पर भी होती है|

रहने योग्य परिस्थितियाँ

  • जैसा की हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी में उपस्थित जलतापीय ऊर्जा से सूक्ष्म जीवों को कोई हानि नहीं पहुँचती है| यही कारण है कि वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से दूर स्थित इस बर्फीले उपग्रह में भी जीवन की अपेक्षा की है|

कैसिनी अंतरिक्ष यान

  • कैसिनी एक अंतरिक्ष यान है जो कि 13 वर्षों से शनि, इसके उपग्रहों और छल्लों की खोज कर रहा है, अंतत: 22 अप्रैल से अपने अंतिम चरण की यात्रा की शुरुआत करेगा|
  • यह ग्रह और इसके छल्लों के मध्य 22 चक्कर लगाएगा तथा सितम्बर 2017 में शनि के वायुमंडल में इसके जलने (crash into Saturn’s atmosphere) के साथ ही इस मिशन की समाप्ति हो जाएगी|
  • ध्यातव्य है कि कैसिनी की खोजों ने यह प्रदर्शित किया कि एनसीलाडस से निकलने वाली गैसों के गुबार में पाए गए कार्बन-डाई-ऑक्साइड, हाइड्रोजन और मीथेन के स्तर साम्यावस्था (equilibrium) में नहीं थे|
  • बल्कि यह असंतुलन की ऐसी अवस्था में थे, जिससे यह उर्जा का ऐसा स्रोत उपलब्ध कराने में सक्षम थे जिससे सूक्ष्मजीवों को भोजन की प्राप्ति होती रहे|
  • एस्ट्रोफिजिकल जनरल लेटर्स (Astrophysical Journal Letters)  में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, शोधकर्ताओं के एक अन्य समूह ने हबल स्पेस टेलिस्कोप का उपयोग करके पुनः यह चिन्हित किया है कि यूरोपा (Europa) से भी इसी प्रकार का गुबार निकलता हुआ पाया गया है|
  • विदित हो कि यूरोपा बृहस्पति के सबसे बड़े उपग्रहों में से एक है जिसकी बाह्य बर्फीली परत के नीचे भी एक महासागर स्थित है|

आश्चर्यजनक खोज

  • ध्यातव्य है कि अक्टूबर 2015 में कैसिनी ने एनसीलाडस की सतह के 30 मील के भीतर परिक्रमा की और एक उपकरण से गुबार के धुएँ में कणों की पहचान करते हुए उन्हें एकत्रित किया| ये मुख्यतः जल के अणु थे, परन्तु वैज्ञानिकों ने इसमें हाइड्रोजन के अणुओं को भी पाया|
  • दक्षिण-पश्चिम शोध संस्थान के भू-रसायन विज्ञानी तथा विज्ञान पत्रिका के लेखक  क्रिस्टोफर आर.ग्लीन के अनुसार, इस उपग्रह पर हाइड्रोजन को प्राप्त करना काफी आश्चर्यजनक था|
  • ऐसे कई मार्गों पर विचार करते हुए जिनसे हाइड्रोजन को उत्पन्न किया जा सकता था, वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि जलतापीय अभिक्रियाओं से आसानी से गैस उत्पन्न की जा सकती है|
  • जल के प्रत्येक अणु में हाइड्रोजन के दो अणु एवं ऑक्सीजन का एक अणु होता है| भू-भौतिकी मॉडलों द्वारा प्रदत्त संकेतों के अनुसार, जैसे ही गर्म जल चट्टानों से होकर गुजरता है, वैसे ही चट्टान में उपस्थित खनिज ऑक्सीजन के अणुओं को आकर्षित करने के लिये हाइड्रोजन मुक्त करते हैं|
  • ऐसी स्थिति में इस उपग्रह में सूक्ष्म जीवों के जीवित रहने के लिये पर्याप्त ऊर्जा के  विद्यमान होने की संभावना है| हालाँकि यह प्रथम बार हुआ है जब वैज्ञानिक किसी बाह्य ग्रह के महासागर में ऊर्जा का स्रोत पता लगाने में सक्षम रहे हैं|
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