इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

नए ग्रहों की खोज

  • 29 Jun 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

नासा (NASA) के ट्रांज़िटिंग एक्ज़ोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (Transiting Exoplanet Survey Satellite- TESS) ने हाल ही में तीन नए ग्रहों की खोज की है। इनमें से एक ग्रह नासा द्वारा खोजा गया अब तक का सबसे छोटा ग्रह है जिसे L 98-59b नाम दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • कम तापमान वाले एक नज़दीकी तारे की परिक्रमा करने वाला L 98-59b ग्रह आकार में मंगल से बड़ा किंतु पृथ्वी छोटा है। L 98-59b के अलावा, दो अन्य ग्रह भी उसी तारे की परिक्रमा करते हैं।

Planet

  • तीनों ग्रहों के आकार तो ज्ञात हैं किंतु इन पर वायुमंडल की उपस्थिति का पता लगाने हेतु अध्ययन की आवश्यकता होगी जिसके लिये कुछ अन्य दूरबीनों का इस्तेमाल करना पड़ेगा।
  • छोटे ग्रहों के वायुमंडलीय अध्ययन हेतु चमकीले तारों के आस-पास छोटी कक्षाओं में गति करते ग्रहों की आवश्यकता होती है, लेकिन ऐसे ग्रहों का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है।
  • L 98-59c और L 98-59d ग्रहों का आकार पृथ्वी के आकार का क्रमशः 1.4 और 1.6 गुना है।
  • इन ग्रहों के तारे (जिसकी परिक्रमा यह दोनों ग्रह करते है) का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लगभग एक तिहाई है तथा सूर्य से इसकी दूरी लगभग 35 प्रकाश वर्ष है।
  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के अनुसार, TESS मिशन कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्नों जैसे कि ‘पृथ्वी की उत्पति कैसे हुई’ और ‘क्या ब्रह्मांड में अन्य ग्रहों पर जीवन संभव हैं’ आदि का उत्तर देने में सहायक हो सकता है।
  • TESS का लक्ष्य वायुमंडलीय अध्ययन के लिये उपयुक्त चमकीले, छोटे, चट्टानी ग्रहों जो आस-पास के तारों की छोटी कक्षाओं में परिक्रमण करने वाले ग्रहों की एक सूची बनाना है। ऐसे में यह खोज TESS के लिये एक बड़ी उपलब्धि है।

ट्रांज़िटिंग एक्ज़ोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS)

  • ट्रांज़िटिंग एक्ज़ोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) नासा का एक मिशन है, जो विगत दो वर्षों से ऑल-स्काई सर्वे (All-Sky Survey) के माध्यम से बहिर्ग्रहों'/एक्ज़ोप्लैनेट (Exoplanets) की खोज कर रहा है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2