लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

जैव विविधता और पर्यावरण

भारत के लिये एक जलवायु भेद्यता सूचकांक

  • 15 Mar 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology-DST) ने देश के विभिन्न राज्यों के सामने आने वाले जलवायु जोखिमों का आकलन करने के लिये एक अध्ययन शुरू करने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के आगामी अध्ययन से जिलेवार आँकड़ों के साथ पोर्टल तैयार किया जाएगा। इसके अंतर्गत 12 हिमालयी राज्यों द्वारा सामना किये जा रहे ग्लोबल वार्मिंग जोखिमों का मूल्यांकन किया जाएगा।
  • इसके तहत असम, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्य जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील राज्यों को विशेष रूप से संदर्भित किया जाएगा जो पिछले साल यू.एन. जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में चर्चा में आए थे।
  • इस पोर्टल के अंतर्गत देश के किसी भी राज्य के पर्यावरणीय, सामाजिक, आर्थिक या अन्य किसी भी तरह के जोखिम को देखा जा सकेगा।

सामान्य कार्यप्रणाली

  • पिछले साल मंडी और गुवाहाटी के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), और बंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान ने असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी जिलों के राज्य प्राधिकारियों के साथ समन्यव कर जलवायु परिवर्तन की जटिलताओं से निपटने के लिये सामान्य कार्यप्रणाली विकसित करने का प्रयास किया।
  • इसके अंतर्गत शोधकर्त्ताओं ने ज़िला स्तर के आँकड़ों के आधार पर इनमें से प्रत्येक राज्य का 'भेद्यता सूचकांक' तैयार किया। जिसमें भेद्यता (Vulnerability) को मुख्य रूप से भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक स्थिति के आधार पर निहित जोखिमों के रूप में संदर्भित किया गया।
  • वैज्ञानिकों ने राज्यों के साथ कार्यशालाएँ आयोजित कर आठ प्रमुख मापदंडों को अपनाया, जिसके आधार पर भेद्यता स्कोर बनाया जा सकता है।
  • पैमाने पर 0-1 अंक तक अधिसूचित किया गया है जिसमें 1 भेद्यता के उच्चतम संभावित स्तर को दर्शाता है, असम को 0.72 के स्कोर के साथ शीर्ष पर एवं 0.71 अंक के साथ मिज़ोरम दूसरे स्थान पर है। सिक्किम, 0.42 के सूचकांक स्कोर के साथ अपेक्षाकृत कम असुरक्षित है।
  • विभिन्न कारकों ने राज्य के भेद्यता सूचकांक में योगदान दिया। जैसे कि अरुणाचल प्रदेश में प्रमुख कारक निम्न महिला साक्षरता और बीपीएल से ऊपर की आबादी का उच्च प्रतिशत है, जबकि नगालैंड में प्रमुख मुद्दे हैं वन कवर, खड़ी ढलान और उच्च उपज परिवर्तनशीलता का नुकसान।

climate

स्रोत - द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2