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जैव विविधता और पर्यावरण

पोलैंड जलवायु वार्ता (Poland climate talk)

  • 02 Nov 2018
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

आगामी दिसंबर माह में पोलैंड के Katowice में आयोजित होने वाली जलवायु वार्ता से पहले, भारत, LMDC यानी 'लाइक माइंडेड डेवलपिंग कंट्रीज़' (भारत, चीन, वेनेजुएला और ईरान) और बेसिक (ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन) के साथ दो महत्त्वपूर्ण बैठकें आयोजित कर रहा है। ये दोनों समूह, विश्व के समक्ष विकासशील देशों की चिंताओं को मज़बूती के साथ प्रस्तुत करने में अहम भूमिका निभाते है। 1 नवंबर, 2018 को LMDC के साथ पहली बैठक आयोजित की गई।

190 देश

  • सीओपी (Conference of Parties-COP), संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (United Nations Framework Convention on Climate Change-UNFCC) के हस्ताक्षरकर्त्ता देशों (कम-से-कम 190 देशों) का एक समूह है, जो हर साल जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों को हल करने के उपायों पर चर्चा करने के लिये बैठक आयोजित करता है।
  • कुछ समय पहले ‘द हिंदू’ नामक समाचार पत्र के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त हुई थी कि भारत चीन सहित कम-से-कम 40 देशों के साथ मिलकर एक गठबंधन तैयार करने की कोशिश कर रहा है।
  • इसका उद्देश्य एक मज़बूत गठबंधन के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिये पर्याप्त वित्त एवं प्रौद्योगिकी प्रदान करने के विकसित देशों के वादे को पूरा करने के लिये दबाव डालना है।

ये दोनों बैठकें कितनी महत्त्वपूर्ण हैं?

  • ये दोनों बैठकें काफी महत्त्वपूर्ण हैं। इन बैठकों का मूल उद्देश्य वर्ष 2015 में हुए पेरिस समझौते को वर्ष 2020 में उसके सही प्रारूप में लागू करने हेतु एक आम मोर्चा तैयार करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस समझौते को किस प्रकार नियंत्रित किया जाएगा।
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