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शासन व्यवस्था

9 राज्यों ने सौभाग्य के तहत 100% घरेलू विद्युतीकरण लक्ष्य प्राप्त किया

  • 13 Dec 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?


ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, अब तक नौ राज्यों ने सौभाग्य योजना के तहत पूर्ण घरेलू विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल किया है। विद्युत मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, इन 9 राज्यों में मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, बिहार, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, मिज़ोरम, सिक्किम, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।


प्रमुख बिंदु

  • मंत्रालय ने हाल ही में लगभग 10 मिलियन घरों या पहले के लक्ष्य के लगभग एक- चौथाई तक घरेलू विद्युतीकरण लक्ष्य को कम कर दिया था।
  • ऐसा इसलिये किया गया था क्योंकि कुछ उपयोगकर्त्ताओं ने विद्युतीकरण कार्यक्रम का चयन किया है, जबकि कुछ घर नियमित रूप से अधिवासित नहीं हैं। इसके साथ ही अब देश के 16 राज्यों में 100 प्रतिशत घर विद्युतीकृत हैं।
  • महाराष्ट्र, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे कई अन्य राज्य ऐसे हैं जहाँ कुछ ही घर गैर-विद्युतीकृत हैं और उम्मीद है कि वे किसी भी समय 100% विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
  • विद्युत मंत्रालय के अनुसार, 31 दिसंबर, 2018 तक भारत द्वारा 100 प्रतिशत घरों में विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल कर लेने की उम्मीद की गई है।
  • विद्युत मंत्रालय ने यह भी कहा कि ‘सभी के लिये किफायती एलईडी के ज़रिये उन्नत ज्योति- उजाला’ (Unnat Jyoti by Affordable LED for All –UJALA) योजना के तहत 31.68 करोड़ एलईडी बल्बों का वितरण किया गया है जिसके परिणामस्वरूप 16,457 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की अनुमानित लागत की बचत हुई।
  • अधिकतम मांग के समय 8,237 मेगावाट की बचत करते हुए प्रतिवर्ष 41.14 बिलियन किलोवाट की अनुमानित ऊर्जा बचत और ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन में प्रतिवर्ष 33.32 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड की कमी की गई है।
  • विद्युत मंत्रालय का लक्ष्य मार्च 2019 तक 1.34 करोड़ पारंपरिक स्ट्रीट लाइट्स के स्थान पर स्मार्ट और ऊर्जा कुशल एलईडी बल्बों को प्रतिस्थापित करना है।
  • अब तक 74.79 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं जिसके परिणामस्वरूप अधिकतम मांग के समय 837 मेगावाट की बचत करते हुए प्रतिवर्ष 5.02 बिलियन किलोवाट की अनुमानित ऊर्जा बचत की जा रही है और GHG उत्सर्जन में प्रतिवर्ष 3.46 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड की कमी की जा रही है।

सौभाग्य योजना

  • सौभाग्य योजना का शुभारंभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण सुनिश्चित करने के लिये किया गया। इस योजना के तहत केंद्र सरकार से 60% अनुदान राज्यों को मिलेगा, जबकि राज्य अपने कोष से 10% धन खर्च करेंगे और शेष 30% राशि बैंकों से बतौर ऋण के रूप में प्राप्त करनी होगी।
  • विशेष राज्यों के संदर्भ में केंद्र सरकार योजना का 85% अनुदान देगी, जबकि राज्यों को अपने पास से केवल 5% धन लगाना होगा और शेष 10% बैंकों से कर्ज़ लेना होगा। ऐसे सभी चार करोड़ निर्धन परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान किया जाएगा, जिनके पास अभी कनेक्शन नहीं है।
  • ये मुफ्त बिजली कनेक्शन गरीब परिवारों को 2018 तक प्रदान किये जाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा बैटरी सहित 200 से 300 वाट क्षमता का सोलर पावर पैक दिया जाएगा, जिसमें हर घर के लिये 5 एलईडी बल्ब, एक पंखा भी शामिल है।
  • बिजली कनेक्शन के लिये 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना को आधार माना जाएगा। जो लोग इस जनगणना में शामिल नहीं हैं, उन्हें 500 रुपए में कनेक्शन दिया जाएगा और इसे 10 किश्तों में वसूला जाएगा। इस योजना की लागत 16000 करोड़ रुपए से अधिक है।

स्रोत : द हिंदू बिजनेस लाइन

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