7वीं आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक | 27 Oct 2022
प्रिलिम्स के लिये:आसियान, भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी मेन्स के लिये:भारत को शामिल करने वाले और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समूह और समझौते |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कृषि और वानिकी पर 7वीं आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक (AIMMAF) आभासी रूप में आयोजित की गई थी।
बैठक की मुख्य विशेषताएंँ:
- आसियान को बनाए रखने का भारत का विज़न:
- भारत ने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) को भारत की एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में रखने के अपने दृष्टिकोण को दोहराया।
- इसने क्षेत्र में कृषि के लिये सतत् और समावेशी विकास सुनिश्चित करने हेतु आसियान के साथ पारस्परिक रूप से घनिष्ठ क्षेत्रीय सहयोग पर भी ज़ोर दिया।
- कदन्न उत्पादन की दिशा में कदम:
- भारत ने पोषक भोजन के रूप में बाजरा (पोषक-अनाज) के महत्त्व और अंतर्राष्ट्रीय पोषण-अनाज वर्ष 2023 का उल्लेख करते हुए आसियान के सदस्य देशों से बाजरा के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्द्धन और खपत को बढ़ाने में भारत के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया।
- भारत लोगों के स्वास्थ्य और पोषण के लिये पौष्टिक अनाज उत्पादों को बढ़ावा देगा।
- पोषक अनाज कम संसाधन आवश्यकताओं और अधिक कुशल कृषि-खाद्य प्रणालियों के साथ पोषक तत्त्वों के निर्माण में मदद करते हैं।
- भारत ने पोषक भोजन के रूप में बाजरा (पोषक-अनाज) के महत्त्व और अंतर्राष्ट्रीय पोषण-अनाज वर्ष 2023 का उल्लेख करते हुए आसियान के सदस्य देशों से बाजरा के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्द्धन और खपत को बढ़ाने में भारत के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया।
विभिन्न कार्यक्रमों का कार्यान्वयन:
- आसियान-भारत सहयोग (वर्ष 2021-2025) की मध्यावधि कार्ययोजना के तहत विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के कार्यान्वयन में प्रगति की समीक्षा की गई।
कृषि में सहयोग:
- कृषि और वानिकी में आसियान-भारत सहयोग की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की गई।
कोविड-19 महामारी:
- आसियान और भारत को सुरक्षित एवं पौष्टिक कृषि उत्पादों का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करके कोविड-19 महामारी के अभूतपूर्व प्रभाव को कम करने के लिये महामारी के बाद की रिकवरी के कार्यान्वयन हेतु आसियान-भारत सहयोग के तहत निरंतर उपाय करना आवश्यक है।
- भारत ने खाद्य सुरक्षा, पोषण, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, डिजिटल खेती, प्रकृति के अनुकूल कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, मूल्य श्रृंखला, कृषि विपणन और क्षमता निर्माण में आसियान के साथ भारत के सहयोग को बढ़ाने की प्रतिबद्धता सुनिश्चित की।
दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ:
- परिचय:
- यह एक क्षेत्रीय समूह है जो आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देता है।
- इसकी स्थापना अगस्त 1967 में बैंकॉक, थाईलैंड में आसियान के संस्थापकों अर्थात् इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर एवं थाईलैंड द्वारा आसियान घोषणा (बैंकॉक घोषणा) पर हस्ताक्षर के साथ की गई।
- इसके सदस्य राज्यों को अंग्रेज़ी नामों के वर्णानुक्रम के आधार पर इसकी अध्यक्षता वार्षिक रूप से प्रदान की जाती है।
- आसियान देशों की कुल आबादी 650 मिलियन है और संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। यह लगभग 86.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के व्यापार के साथ भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- अप्रैल 2021- फरवरी 2022 की अवधि में भारत और आसियान क्षेत्र के बीच कमोडिटी व्यापार 98.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है। भारत के व्यापारिक संबंध मुख्य तौर पर इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया, वियतनाम तथा थाईलैंड के साथ हैं।
- सदस्य:
- आसियान दस दक्षिण पूर्व एशियाई देशों- ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम को एक मंच पर लाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये:(2018)
उपर्युक्त में से कौन आसियान (ASEAN) के 'मुक्त-व्यापार भागीदारों' में शामिल हैं? (A) केवल 1, 2, 4 और 5 उत्तर: C व्याख्या:
अतः विकल्प (C) सही उत्तर है। प्रश्न. क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (Regional Comprehensive Economic Partnership) पद किन देशों के समूहों के संदर्भ में अक्सर सुर्ख़ियों में रहता है? (A) जी20 उत्तर: (B) व्याख्या:
अतः विकल्प (B) सही है। प्रश्न. मेकांग-गंगा सहयोग जो कि छह देशों की एक पहल है, निम्नलिखित में से कौन-सा/से देश प्रतिभागी नहीं है/हैं? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) मेन्सप्रश्न. शीत युद्ध के बाद के अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य के संदर्भ में भारत की पूर्व की ओर देखो नीति के आर्थिक और रणनीतिक आयामों का मूल्यांकन कीजिये। (2016) |