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वैश्विक तंबाकू खपत में कमी

  • 23 Dec 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये

वैश्विक तंबाकू उपभोग में कमी को प्रदर्शित करते आँकड़े, विश्व स्वास्थ्य संगठन

मेन्स के लिये

भारत में स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट “तंबाकू उपभोग का प्रचलन 2000-2025” (Trends in Prevalence of Tobacco Use 2000-2025) के तीसरे संस्करण में कहा गया है कि विश्व में तंबाकू के उत्पादन में लगातार कमी आई है।

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मुख्य बिंदु:

  • वर्तमान में 13 से 15 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों में लगभग 4 करोड़ 30 लाख बच्चे तंबाकू का सेवन करते हैं जिसमें 1 करोड़ 40 लाख लड़कियाँ तथा 2 करोड़ 90 लाख लड़के शामिल हैं।
  • WHO द्वारा पहली बार कहा गया है कि तंबाकू का प्रयोग करने वाले पुरुषों की संख्या में लगातार कमी हुई है।
  • तंबाकू के सेवन से प्रतिवर्ष 80 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से 70 लाख लोग तंबाकू का प्रत्यक्ष सेवन करते हैं, जबकि 10 लाख से अधिक लोग अप्रत्यक्ष तौर पर (सिगरेट के धुँए से आदि कारणों से) प्रभावित होते हैं।
  • तंबाकू की खपत से होने वाली अधिकतर मौतें निम्न एवं मध्यम आय वर्ग वाले देशों में होती हैं। इन देशों में तंबाकू उत्पादन करने वाली कंपनियों का हस्तक्षेप तथा बाज़ार व्यापक पैमाने पर होता हैं।
  • पिछले दो दशकों में वैश्विक स्तर पर तंबाकू के प्रयोग में कमी आई है वर्ष 2000 में जहाँ 1,397 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते थे वहीं वर्ष 2018 में 1,337 करोड़ लोग इसका सेवन करते हैं।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि तंबाकू के सेवन करने वाले पुरुषों की संख्या में वृद्धि नहीं हो रही है तथा यह अनुमानित है कि तंबाकू का सेवन करने वाले पुरुषों की संख्या में वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2020 तक 10 लाख की कमी आएगी।
  • वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2020 तक तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों (पुरुष व महिला दोनों) की संख्या में 1 करोड़ की कमी आएगी तथा वर्ष 2025 तक अतिरिक्त 2 करोड़ 70 लाख लोग इसका प्रयोग छोड़ देंगे।
  • वर्ष 2010 के बाद विश्व के लगभग 60 प्रतिशत देशों में तंबाकू के सेवन में लगातार कमी आई है।

आगे की राह:

  • इन उपलब्धियों के बावजूद सरकारों द्वारा वर्ष 2025 तक वैश्विक तंबाकू खपत में 30 प्रतिशत की कमी का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए कहा जा रहा है कि वर्ष 2025 तक इसमें केवल 23 प्रतिशत की ही कमी की जा सकेगी।
  • तंबाकू के सेवन में 30 प्रतिशत की कमी के लक्ष्य को केवल 32 देशों द्वारा ही लागू किया जा रहा है। इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये आवश्यक है कि विश्व के अन्य देश भी तंबाकू के प्रयोग को सीमित करने की कोशिश करें।
  • वैश्विक स्तर पर तंबाकू के प्रयोग में इस कमी से प्रदर्शित होता है कि यदि सरकारों द्वारा व्यापक स्तर पर तंबाकू एवं अन्य नशीले पदार्थों के सेवन के प्रति मज़बूत नीतियाँ लागू की जाएँ तो इससे देश के नागरिकों और समाज के स्वास्थ्य स्तर में सुधार हो सकता है।

स्रोत: द हिंदू

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