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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

कृत्रिम रक्त वाहिकाओं हेतु 3D बायोप्रिंटिंग

  • 26 Oct 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक 3डी प्रिंटिंग तकनीक विकसित की है जो रक्त वाहिकाओं की जटिल ज्यामिति को फिर से बना सकती है। संभवतः निकट भविष्य में इसका उपयोग कृत्रिम धमनियों तथा अंगों के ऊतकों (organ tissues) के निर्माण में किया जा सकता है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • 3डी बायोप्रिंटिंग का उद्देश्य, 3डी संरचनाओं में ऐसा स्वतंत्र यांत्रिक गुण जोड़ना था जो शरीर के प्राकृतिक ऊतक की नकल कर सकता हो। यह तकनीक ऐसे सूक्ष्म संरचनाओं के निर्माण की सुविधा प्रदान करती है जिनका इस्तेमाल विभिन्न बीमारियों के उपचार में किया जा सकता है।
  • स्वस्थ कोशिका की भाँति काम करने वाली संरचनाओं के निर्माण की दिशा में यह एक उत्साहजनक कदम है। 
  • प्रदर्शन के तौर पर शोधकर्त्ताओं ने एक चीनी योद्धा की छोटी-सी मूर्ति को मुद्रित किया। मुद्रित करते समय ऐसी तकनीक का उपयोग किया गया जिससे बाहरी परतें ठोस, जबकि आतंरिक परतें नरम रहें।
  • शोधकर्त्ता आशावान हैं कि भविष्य में किये जाने वाले अध्ययन इसकी क्षमताओं को और भी बेहतर बनाने में मददगार होंगे। ऐसे अध्ययनों के निष्कर्ष उच्च रक्तचाप और वाहिका संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों के उपचार के लिये बेहतर साबित हो सकते हैं।

रक्त वाहिका

Blood

  • रक्त वाहिका, मानव या पशु शरीर में एक ऐसी वाहिका होती है जिसमें रक्त संचारित होता है। शरीर में रक्त के परिसंचरण तंत्र का मुख्य घटक रक्त वाहिकाएँ ही होती हैं। मानव शरीर में तीन प्रकार की रक्त वाहिकाएँ होती हैं- 
  1. धमनी (Artery)
  2. शिरा (Vein)
  3. केशिका (Capillary)

3डी प्रिंटिंग क्या है?

  • 3डी प्रिंटिंग या एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (additive manufacturing) एक विनिर्माण प्रक्रिया है जिसके द्वारा त्रि-विमीय (3डी) ठोस वस्तुएँ बनाई जाती हैं।
  • कार और विमान निर्माता अपने उत्पादन का स्वरूप बदलने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए 3डी विनिर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। 
  • उदाहरणतः बोइंग द्वारा अपने 787 ड्रीमलाइनर एयरलाइनर के निर्माण में 3डी प्रिंटर द्वारा मुद्रित टाइटेनियम के पार्ट्स का उपयोग किया जाना। अमेरिकी और इज़राइली वायु सेनाएँ पहले से ही स्पेयर पार्ट्स आदि के निर्माण के लिये 3डी प्रिंटर का उपयोग कर रही हैं।
  • चिकित्सा विज्ञान में प्रत्यारोपण को अनुकूलित करने के लिये 3 डी प्रिंटिंग का उपयोग किया जा रहा है और यह तकनीक जल्द ही दंत चिकित्सा में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। भविष्य में 3 डी प्रिंटिंग तकनीकों का उपयोग करके शरीर के अंगों का निर्माण किया जा सकेगा।
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