प्रारंभिक परीक्षा
38वें राष्ट्रीय खेल और कलारीपयट्टू
- 21 Jan 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारतीय कलारीपयट्टू महासंघ ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) पर कलारीपयट्टू को प्रतियोगी खेल वर्ग में शामिल किये जाने के स्थान पर प्रदर्शनात्मक खेल का दर्जा दिये जाने का आरोप लगाया है।
- प्रदर्शन कार्यक्रम खेलों को बढ़ावा देने के लिये प्रदर्शित किये जाते हैं और इन्हें आधिकारिक पदक तालिका से बाहर रखा जाता है।
कलारीपयट्टू से संबंधित प्रमुख तथ्य क्या हैं?
- यह विश्व की प्राचीनतम और वैज्ञानिक दृष्टि से सबसे उत्कृष्ट मार्शल आर्ट्स में से एक है, जिसकी उत्पत्ति केरल में हुई।
- योद्धा ऋषि परशुराम को कलारीपयट्टू की स्थापना का श्रेय दिया जाता है, जिसका प्रसारण बाद में बोधिधर्म (दक्षिण भारत के एक बौद्ध भिक्षु) ने 5वीं शताब्दी ईस्वी में शाओलिन मंदिर में चीन में किया था।
- दर्शनशास्त्र: मलयालम में "कलारी" शब्द का तात्पर्य एक परंपरागत व्यायामशाला से है जहाँ "पयट्टू" (लड़ाई या व्यायाम) का शिक्षण होता है।
- इसमें आठ जंतुओं अर्थात हाथी, शेर, सूअर, घोड़ा, साँप, मुर्गा, बिल्ली और मछली की आक्रमण और रक्षा प्रणालियों से प्रेरित तकनीकों के साथ मन-शरीर समन्वय पर ज़ोर दिया जाता है।
- प्रकार: कलारीपयट्टू के दो प्रकार हैं,
- उत्तरी: यह हथियारों और शरीर के रैखिक संचलन पर केंद्रित है, और
- दक्षिणी: इसमें कम हथियारों के साथ बहु-दिशात्मक संचलन पर ज़ोर दिया जाता है।
- प्रशिक्षण के चरण:
- मैप्पयाट्टू: युद्ध के लिये शरीर को अनुकूलित करना।
- कोलथारी: छोटी और लंबी छड़ियों जैसे लकड़ी के शस्त्रों से प्रशिक्षण/अभ्यास।
- अंगथारी: भय पर विजय प्राप्त करने के बाद धातु के तेज़ हथियारों से अभ्यास।
- वेरुमकाई: रणनीतिक हमलों के लिए शरीर रचना पर ध्यान केंद्रित करते हुए खाली हाथों से युद्धाभ्यास।
- वर्तमान संदर्भ: इसे 37वें राष्ट्रीय खेलों, गोवा में एक प्रतिस्पर्द्धी खेल के रूप में शामिल किया गया था, लेकिन 38वें राष्ट्रीय खेलों, उत्तराखंड में इसे एक प्रदर्शन खेल के रूप में शामिल कर दिया गया।
- कलारीपयट्टू एथलीटों ने वर्ष 2023 राष्ट्रीय खेलों में 19 स्वर्ण सहित 22 पदक जीते।
राष्ट्रीय खेल 2025 के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?
- भारत के राष्ट्रीय खेल एक ओलंपिक शैली का बहु-खेल आयोजन है, जिसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एथलीट पदक के लिये प्रतिस्पर्द्धा करते हैं।
- राष्ट्रीय खेलों का 38वाँ संस्करण 28 जनवरी से 14 फरवरी, 2025 तक उत्तराखंड में होगा।
- प्रतियोगिता संरचना: राष्ट्रीय खेलों में 32 प्रतिस्पर्द्धी खेल स्पर्द्धाएँ होंगी।
- इसके अलावा, चार प्रदर्शन खेल अर्थात् कलारीपयट्टू, योगासन, मल्लखंभ और राफ्टिंग, भी शामिल किये जाएंगे।
- थीम और टैगलाइन: खेलों का शुभंकर मौली है, जो उत्तराखंड के राज्य पक्षी मोनाल से प्रेरित है, यह क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।
- खेलों की टैगलाइन है "संकल्प से शिखर तक"।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) प्रश्न. भारत की संस्कृति और परंपरा के संदर्भ में 'कलारीपयट्टू' क्या है? (2014) (a) यह शैव मत का प्राचीन भक्ति पंथ,जो अभी भी दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में प्रचलित है। उत्तर: (d) |