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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

कितना ज़रुरी है आधार के संबंध में बैंकिंग नियमों को सीमित करना?

  • 20 Nov 2017
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India - UIDAI) द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, 200 से अधिक केंद्रीय और राज्य सरकारी वेबसाइटों द्वारा कुछ आधार लाभार्थियों के नाम और पते आदि विवरणों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया हैं।

  • हालाँकि, इस मामले के प्रकाश में आने के बाद यू.आई.डी.ए.आई. द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए उन वेबसाइटों से आधार संबंधी सभी आँकड़ों को हटा दिया गया है। 
  • प्राधिकरण द्वारा स्पष्ट किया गया कि आधार कार्ड संबंधी विवरणों को कभी भी यू.आई.डी.ए.आई. से अथवा द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया है।

मामला  क्या था?

  • उक्त घटना कब घटित हुई इस संबंध में प्राधिकरण द्वारा कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। हालाँकि, प्राधिकरण द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के शैक्षणिक संस्थानों सहित लगभग 210 विभागों की वेबसाइटों द्वारा लाभार्थियों के नाम, पते, इत्यादि अन्य विवरणों की सूची के साथ-साथ आधार संख्या को भी सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया।

सुरक्षा संबंधी पक्ष

  • प्राधिकरण द्वारा आधार के सुरक्षा संबंधी पक्ष के संदर्भ में बात करते हुए यह स्पष्ट किया गया कि आधार की सुरक्षा के लिये यू.आई.डी.ए.आई. के पास अच्छी तरह से डिज़ाइन, बहु-स्तरीय दृष्टिकोण वाली एक मज़बूत सुरक्षा प्रणाली है। उच्चतम स्तर की सुरक्षा एवं अखंडता सुनिश्चित करने के लिये इसे लगातार अपग्रेड किया जा रहा है।
  • वस्तुतः आधार की समस्त रूपरेखा को डेटा सुरक्षा एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसके प्रारंभिक डिज़ाइन से अंतिम चरण तक यही मानदंड अपनाए गए है।
  • इतना ही नहीं इसकी सुरक्षा संबंधी विभिन्न नीतियों और प्रक्रियाओं को परिभाषित किया गया है। आधार के तहत शामिल लोगों की किसी प्रकार की गतिविधि, डेटा तथा सामग्री में होने वाले परिवर्तन की निगरानी एवं नियन्त्रण के संबंध में इन सभी नीतियों एवं प्रक्रियाओं की न केवल निरंतर समीक्षा की जाती है, बल्कि इन्हें लगातार अपडेट भी किया जाता है। 
  • इसके अलावा प्राधिकरण द्वारा आधार संबंधी डेटा को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिये भी प्रकार के संभव कदम उठाए गए हैं।

बैंक शाखाओं के संबंध में यू.आई.डी.ए.आई. का निणर्य

  • इसके अतिरिक्त यू.आई.डी.ए.आई. द्वारा बैंकों को नामांकन मशीनों की खरीद तथा उनके आधार केंद्रों हेतु निजी डेटा एंट्री ऑपरेटरों की भर्ती के संबंध में कुछ "छूट" भी प्रदान की गई है। 
  • छूट संबंधी ये प्रावधान इसलिये लागू किये गए है ताकि जल्द से जल्द बैंकों द्वारा निर्धारित 10% शाखाओं में सेवाएँ शुरू की जा सकें।
  • हालाँकि, इस संबंध में यह भी स्पष्ट किया गया है कि बैंकों को उनके परिसर के भीतर नामांकन एवं अद्यतन प्रक्रिया (updation process) का उचित पर्यवेक्षण सुनिश्चित करना होगा।
  • अभी तक निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा मात्र 3,000 शाखाओं में ही आधार केंद्र खोले गए हैं। हालाँकि, बैंकों द्वारा तकरीबन 15,300 शाखाओं को खोले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
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