शासन व्यवस्था
जनगणना 2021 के आँकड़े इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत किये जाएंगे
- 03 Jul 2018
- 2 min read
चर्चा में क्यों?
भारतीय रजिस्ट्रार जनरल (RGI) द्वारा अधिसूचित संशोधित नियम के मुताबिक 2021 की जनगणना के दौरान एकत्रित आँकड़े इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत किये जाएंगे| स्वतंत्र भारत में पहली बार 1951 में दस वर्षीय जनगणना आयोजित की गई थी। जनगणना से संबंधित दस्तावेज़ों का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तैयार करने के बाद, परिगणना और अन्य संबंधित कागज़ात पूरी तरह या आंशिक रूप से जनगणना निदेशक द्वारा निपटाए जाएंगे।
इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप
- अब तक "परिगणना" (व्यक्तियों के ब्योरे वाले सारणीबद्ध प्रारूप), जो कि घरों में जाकर गणनाकारों द्वारा की जाती थी, को दिल्ली में सरकार के भंडारगृह में भौतिक रूप में संग्रहीत किया जाता था।
- करोड़ों पृष्ठों वाले ये रिकॉर्ड सरकारी कार्यालय में अधिक जगह ले रहे थे और अब तय किया गया है कि इन्हें इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में संग्रहीत किया जाएगा।
- डेटा के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत दंडनीय होगा| आरजीआई ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है क्योंकि 2021 की जनगणना इसी प्रक्रिया के तहत की जाएगी|
- गणनाकार (प्रगणक) 2020 में "हाउस लिस्टिंग" का कार्य शुरू करेंगे और “हेडकाउंट” फरवरी 2021 से शुरू होगा। जनगणना वेबसाइट पर तालिकाओं के रूप में प्रकाशित होगी।
- आँकड़े 10 वर्षों के लिये सुरक्षित रखे जाएंगे और बाद में इन्हें नष्ट कर दिया जाएगा। अब इन्हें इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में संग्रहीत कर हमेशा के लिये सुरक्षित रखा जा सकता है|