वर्ष 2017-18 के लिये उच्च कृषि विकास दर हेतु रणनीति | 08 Jan 2018

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (Central Statistics Office -CSO) द्वारा वर्ष 2017-18 वित्तीय वर्ष के लिये देश की अर्थव्यवस्था हेतु सकल घरेलू उत्पाद (Gross domestic product - GDP) और सकल मूल्य वर्धन (Gross value added -GVA) का अग्रिम अनुमान (Advance Estimate) जारी किया गया। कृषि सहित अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों के लिये GVA में वृद्धि की गई हैं। वर्ष 2017-18 के लिये 'कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन' हेतु GVA 2.1 प्रतिशत पर अनुमानित किया गया है, जबकि वर्ष 2016-17 में यह अनुमान 4.9 प्रतिशत था।

  • इस संदर्भ में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture & Farmers’ Welfare - MoAFW) द्वारा कृषि क्षेत्र की विकास दर पर त्वरित विचार-विमर्श किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वर्ष 2017-18 के समाप्त होने तक उच्च वृद्धि दर के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सके।

अनुमानित  GVA  शेयर

  • आर्थिक गतिविधियों में 'कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन' और उनके अनुमानित GVA शेयर निम्नानुसार हैं -

i. फसल (Crops)  - 60 प्रतिशत
ii. पशुधन (Livestock) - 20 प्रतिशत
iii. वानिकी और लॉगिंग (Forestry & logging) – 8.5 प्रतिशत
iv. मत्स्य पालन और जलीय कृषि (Fishing and aquaculture) – 5.5 प्रतिशत

  • फसल क्षेत्र में कृषि और बागवानी दोनों क्षेत्रों को शामिल किया जाता हैं, जिनमें से खाद्यान्न सबसे मुख्य क्षेत्र है।

सी.एस.ओ. द्वारा जारी अग्रिम अनुमान के अनुसार

  • कृषि और किसानों के कल्याण मंत्रालय, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय (Directorate of Economics & Statistics - DES) द्वारा साझा किये गए फसलों के कवरेज़ और अनुमानित उत्पादन के आँकड़ों पर आधारित है।
  • डी.ई.एस. द्वारा अगस्त 2017 तक किये गए संकलन के आधार पर खाद्यान्न, तिलहन और वाणिज्यिक फसलों के संबंध में खरीफ 2017-18 के लिये एरिया कवरेज़ और उत्पादन के संबंध में डेटा साझा किया गया है।
  • डी.ई.एस. द्वारा जारी यह अनुमान राज्य सरकारों द्वारा जारी किये गए अनुमानों पर आधारित है।
  • मानसून की शुरुआत में देरी के बावजूद और पिछले वर्ष की तुलना में अपेक्षाकृत कम बारिश के कारण, खरीफ के तहत एरिया कवरेज़ अंततः 106.55 मिलियन हेक्टेयर तक पहुँच गया। जबकि पाँच वर्षों का औसत एरिया कवरेज़ 105.86 मिलियन हेक्टेयर था।
  • बागवानी के मामले में, क्षेत्र कवरेज़ (एरिया कवरेज़) और उत्पादन दोनों के संबंध में समान सकारात्मक प्रवृत्ति दिसंबर 2017 तक देखी गई। फल और सब्ज़ियों के तहत पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, क्षेत्र कवरेज़ 24.92 मिलियन हेक्टेयर है, जबकि पिछले वर्ष के अंतिम आँकडों में यह 24.85 मिलियन हेक्टेयर था। 
  • इसके अनुरूप, पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक बागवानी उत्पादन पिछले वर्ष 2016-17 में 300.6 मिलियन टन की तुलना में 305.4 मिलियन टन रहा।

वास्तविक स्थिति

  • कृषि गतिविधियों के भार में 60 प्रतिशत से अधिक भाग खाद्यान्न, तिलहन, वाणिज्यिक फसलों और बागवानी का है जिन्हें समग्र तौर पर 'कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन' के नाम से जाना जाता है। लिहाज़ा फसलों के संबंध में मूल्य समग्र GVA अनुमान को प्रभावित करने में सक्षम है भले ही चाहे वह सकारात्मक रूप से हो या नकारात्मक रूप से हो। 
  • GVA में सकारात्मक बढ़त उस स्थिति में देखने को मिलेगी जब दिसंबर 2017 तक क्षेत्र कवरेज़ में बढ़ोतरी के साथ-साथ खाद्यान्न, तिलहन और वाणिज्यिक फसलों के उत्पादन अनुमान को भी शामिल कर लिया जाए।
  • GVAगणना में बागवानी से ज्यादा हिस्सेदारी खाद्यान्न, तिलहन और वाणिज्यिक खेती की है। जबकि बागवानी के क्षेत्र में उच्च उत्पादकता अनुमान दृष्टिगत होता है।
  • कृषि मंत्रालय के अनुसार, मानसून के शुरू होने में देरी की वजह से अगस्त 2017 तक निम्न क्षेत्र कवरेज, दिसंबर 2017 तक वास्तविक स्थिति की तुलना में अधिक खराब स्थिति में जान पड़ता है। 
  • स्पष्ट है कि अगस्त 2017 के आधार पर कृषि GVA की गणना में कम या ऋणात्मक अंशदान के बावजूद विकास दर अभी भी 2.1 प्रतिशत पर बनी हुई है। यह पशुधन और मत्स्य पालन क्षेत्रों में उच्च विकास दर का एक रूप है,जो कृषि क्षेत्र के दो अन्य घटक हैं। 
  • अगस्त 2017 तक पशुधन और मत्स्य पालन का अनुमानित उत्पादन बहुत सकारात्मक था और दिसंबर तक फसल के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन फिर से दोहराया गया है। 
  • 5 जनवरी, 2018 तक रबी के तहत आने वाले क्षेत्र का कुल कवरेज़ 58.6 मिलियन था, जो कि एक बेहतर स्थिति को इंगित करता है।   

भविष्यगत अनुमान 

  • कुल मिलाकर 2017-18 में फसल क्षेत्र में क्षेत्रीय कवरेज़ पाँच साल के औसत से अधिक रहा है। इसके अलावा, मंत्रालय द्वारा वर्ष 2016-17 के दौरान हासिल किये गए रिकॉर्ड उत्पादन को उच्च उत्पादकता के ज़रिये आगे भी जारी रहने की उम्मीद व्यक्त की गई है।
  • इसके अतिरिक्त मंत्रालय द्वारा किसानों के लिये ऋण की उपलब्धता को बढ़ाने हेतु सभी राज्य सरकारों के साथ आगे बढ़ने के भी संकेत दिये हैं जो कि उच्च उत्पादकता हासिल करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण इनपुट है।

निष्कर्ष

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि फसल GVA गणना का एक प्रमुख घटक है, यही कारण है कि इसका प्रदर्शन भी बहुत महत्त्वपूर्ण हो जाता है। कई राज्यों द्वारा पहले ही दालों और तिलहनों सहित खरीफ की खरीद के संबंध में काफी अनुरोध किये गए हैं। यही कारण है मंत्रालय द्वारा पहले ही इस संबंध में 22 लाख मीट्रिक टन मूल्य के खरीद प्रस्तावों को मंजू़री दी जा चुकी है। गौर करने वाली बात यह है कि ये आँकड़े पिछले साल की खरीद की तुलना में काफी अधिक हैं। जिन क्षेत्रों में फसल विकास अत्यधिक मज़बूत है, उन क्षेत्रों से भी उच्च उत्पादकता की उम्मीद व्यक्त की जा रही है। इसलिये वर्ष 2017-18 के लिये अंतिम अनुमानित आँकड़े जारी होने पर कृषि क्षेत्र में बहुत अधिक GVA दर्ज़ करने की उम्मीद की जा सकती है।