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विश्व में 2 करोड़ बच्चे जीवन रक्षक टीकों की पहुँच से बाहर

  • 18 Jul 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) तथा यूनिसेफ (Unicef) द्वारा जारी आँकड़ों से यह तथ्य सामने आया है कि वर्ष 2018 में 20 मिलियन बच्चों तक जीवन रक्षक टीके/वैक्सीन (Vaccines) की पहुँच नहीं थी।

मुख्य बिंदु

  • इन संगठनों द्वारा जारी आँकड़ों से यह भी इंगित होता है कि वैश्विक टीकाकरण कवरेज़ में सुधार करके 1.5 मिलियन मौतों को रोका जा सकता है।
  • वर्ष 2018 में खसरा, डिप्थीरिया तथा टिटनेस जैसी बीमारियों से बचाव के लिये जीवन रक्षक टीकाकरण से विश्व में 20 मिलियन बच्चे छूट गए।
  • वर्ष 2018 में वैश्विक स्तर पर लगभग 19.4 मिलियन नवजात बच्चे DTP के टीकाकरण से वंचित थे। इन नवजातों में 60 प्रतिशत बच्चे केवल 10 देशों से थे। ये देश हैं- अंगोला, ब्राज़ील, डी.आर.कांगो., इथोपिया, भारत, इंडोनेशिया, नाइज़ीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस तथा वियतनाम।

खसरा का प्रकोप

  • विश्व में टीकाकरण की पहुँच में गंभीर असमानता है। यह न सिर्फ देशों के मध्य बल्कि किसी देश के विभिन्न हिस्सों में भी विद्यमान है। यह स्थिति खसरे के प्रकोप के विश्व में फैलने का महत्त्वपूर्ण कारण है। इसमें ऐसे देश भी शामिल हैं जहाँ टीकाकरण की दर उच्च है।
  • वर्ष 2018 के दौरान विश्व में 3.5 लाख खसरे के मामले सामने आए। ये आँकड़े वर्ष 2017 की तुलना में दोगुने थे। खसरा को एक संकेतक के रूप में माना जाता है जिससे यह समझने में सहायता मिलती है कि निवारक रोगों से लड़ने के लिये अभी और क्या-क्या प्रयास करने की आवश्यकता है।

“खसरा एक संक्रामक बीमारी है इसके माध्यम से विश्व के विभिन्न आर्थिक समूहों की स्वास्थ्य की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। साथ ही यह भी समझने में सहायक है कि टीकाकरण कवरेज़ में लोगों को किस प्रकार की बाधाओं (जैसे- पहुँच, उपलब्धता, वहनीयता, आदि) का सामना करना पड़ रहा है।”

  • मानव पैपीलोमा विषाणु (HPV) के टीकाकरण से संबंधित आँकड़े प्रथम बार प्रकाशित किये गए हैं। यह टीकाकरण लड़कियों को उनके जीवन के अंतिम दौर में गर्भाशय के कैंसर (Cervical Cancer) को रोकने में सहायक है। वर्ष 2018 में 90 देशों (इन देशों में विश्व की एक-तिहाई लड़कियाँ निवास करती हैं) में HPV के वैक्सीन को राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल किया गया है। किंतु यह चिंता का विषय है कि इन देशों में सिर्फ 13 ही निम्न आय वाले देश हैं जबकि इस प्रकार की बीमारी प्रमुख रूप से निम्न आय वाले देशों से ही संबंधित है।
  • ऐसे रोग जिनको टीकाकरण द्वारा रोकना संभव है, के लिये टीकाकरण एक ज़रूरी माध्यम है लेकिन विश्व को ऐसी बीमारियों से सुरक्षित करने के लिये वैश्विक स्तर पर टीकाकरण की 95 प्रतिशत कवरेज़ की आवश्यकता है। किंतु विश्व के ऐसे बच्चे जो वैक्सीन कवरेज़ से अभी भी दूर हैं। इनमें से आधी जनसंख्या ऐसे समुदायों या देशों में स्थित है जो सबसे गरीब या अपने समाज में हाशिये पर स्थित है। इसमें वे देश भी शामिल हैं जो घरेलू स्तर पर हिंसा या राजनीतिक संकट का सामना कर रहे हैं। ये देश अफगानिस्तान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, डी.आर.कांगो, इथोपिया, दक्षिणी सूडान, इराक, सीरिया आदि हैं।

स्रोत: द हिंदू

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