भारतीय इतिहास
गांधीजी के सत्याग्रह का 130वाँ वर्ष
- 08 Jun 2023
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प्रिलिम्स के लिये:भारतीय नौसेना, भारत और दक्षिण अफ्रीका, नेल्सन मंडेला, धर्मनिरपेक्षता मेन्स के लिये:गांधीजी के सत्याग्रह का 130वाँ वर्ष |
चर्चा में क्यों?
भारतीय नौसेना ने महात्मा गांधी (7 जून 1893) द्वारा रंगभेद के विरुद्ध संघर्ष की शुरुआत के 130 वर्ष पूर्ण होने की स्मृति में 7 जून, 2023 को दक्षिण अफ्रीका के डरबन के पास पीटरमैरिट्ज़बर्ग रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।
- INS त्रिशूल, भारतीय नौसेना की अग्रिम पंक्ति के एक युद्धपोत को कार्यक्रम में भाग लेने के लिये डरबन भेजा गया है।
- यह यात्रा भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच राजनयिक संबंधों की पुनर्स्थापना के 30 वर्ष पूर्ण होने का भी स्मरण कराती है।
सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत:
- 7 जून, 1893 को महात्मा गांधी को नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा जब उन्हें दक्षिण अफ्रीका के पीटरमैरिट्ज़बर्ग में एक ट्रेन की प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर निकलने के लिये विवश किया गया था। टिकट खरीदने के बावजूद एक यूरोपीय यात्री ने यह कहते हुए गांधीजी को वहाँ से हटाने की मांग की कि प्रथम श्रेणी के डिब्बों में गैर-गोरों को अनुमति नहीं देनी चाहिये।
- नस्लीय उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष और सत्याग्रह (अहिंसक प्रतिरोध) हेतु यह घटना गांधीजी के लिये एक महत्त्वपूर्ण क्षण बन गई।
- 25 अप्रैल, 1997 को पीटरमैरिट्ज़बर्ग रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक समारोह में नेल्सन मंडेला, जो उस समय दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति थे, ने महात्मा गांधी के मरणोपरांत उनके योगदान की स्वीकृति में पीटरमैरिट्ज़बर्ग को स्वतंत्रता प्रदान की।
दक्षिण अफ्रीका में गांधीजी का योगदान:
- कानूनी और सामाजिक सक्रियता:
- गांधी 1893 में एक कानूनी मामले को संभालने के लिये दक्षिण अफ्रीका पहुँचे लेकिन देश में भारतीयों के अधिकारों हेतु लड़ने के लिये प्रेरित हुए।
- उन्होंने डरबन में भारतीयों को संगठित किया और भारतीयों हेतु मतदान के अधिकार की वकालत करने के लिये 1894 में नेटाल इंडियन कॉन्ग्रेस की स्थापना की।
- उन्होंने अपने कानूनी अभ्यास, भारतीयों का प्रतिनिधित्व करने और उनकी शिकायतों को दूर करने के माध्यम से भेदभाव तथा नस्लवाद का सामना किया।
- उन्होंने भारतीयों के कल्याण के लिये समर्थन जुटाया और वर्ष 1903 में जोहान्सबर्ग में ट्रांसवाल ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन की स्थापना की।
- सत्याग्रह और निष्क्रिय प्रतिरोध:
- गांधी ने अपना पहला सत्याग्रह (अहिंसक प्रतिरोध) अभियान 1906 में जोहान्सबर्ग में एशियाई लोगों पर प्रतिबंध लगाने वाले अध्यादेश के खिलाफ शुरू किया।
- उन्होंने सामूहिक बैठकें आयोजित कीं और भेदभावपूर्ण कानूनों को चुनौती देने के लिये सविनय अवज्ञा को प्रोत्साहित किया।
- वर्ष 1913 में प्रसिद्ध वोल्क्रस्ट सत्याग्रह सहित अपने अहिंसक विरोध के लिये गांधीजी को कई बार कारावास जाना पड़ा।
- सामुदायिक जीवन की स्थापना:
- गांधी ने सामुदायिक जीवन के प्रयोग के तौर पर वर्ष 1904 में डरबन में फीनिक्स सेटलमेंट की स्थापना की।
- उन्होंने सत्याग्रहियों (अहिंसा के अनुयायी) को तैयार करने के लिये वर्ष 1910 में जोहान्सबर्ग के पास टॉल्स्टॉय फार्म की स्थापना की।
- इन पहलों का उद्देश्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना, सांप्रदायिक सद्भाव को प्रोत्साहित करना और व्यावहारिक कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान करना था।
- भारतीय समुदाय की भागीदारी:
- गांधी की सक्रियता और नेतृत्त्व ने भारतीय समुदाय को भेदभावपूर्ण कानूनों एवं विनियमों के खिलाफ खड़े होने के लिये प्रेरित किया।
- अहिंसक प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा के उनके तरीकों का वर्ष 1912 में गठित साउथ अफ्रीका नेटिव नेशनल काॅन्ग्रेस पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा।
- गांधी के राजनीतिक विचारों और भागीदारी के प्रयासों ने दक्षिण अफ्रीका के स्वतंत्रता आंदोलन के गठन एवं दिशा को आकार देने में अहम भूमिका निभाई।
- कानूनी सुधार और भारतीय अधिकारों की मान्यता:
- अपनी सक्रियता और संवाद के माध्यम से गांधी ने वर्ष 1914 में दक्षिण अफ्रीकी सरकार को भारतीय राहत अधिनियम पारित करने के लिये मज़बूर कर दिया।
- इस अधिनियम के कारण कई भेदभावपूर्ण कानून समाप्त हो गए और दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के अधिकारों को मान्यता दी गई।
- गांधी के प्रयासों ने भविष्य के सुधारों की नींव रखी और उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष में अहिंसक प्रतिरोध के रूप में एक मिसाल कायम की।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. इनमें से कौन अंग्रेज़ी में अनूदित प्राचीन भारतीय धार्मिक गीतिकाव्य “सॉन्ग्स फ्रॉम प्रिज़न” से संबद्ध है? (2021) (a) बाल गंगाधर तिलक उत्तर: (c) प्रश्न. भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न. असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रमों पर प्रकाश डालिये। (मुख्य परीक्षा, 2021) |