12वाँ गृह शिखर सम्मेलन | 16 Dec 2020
चर्चा में क्यों?
हाल ही में 12वें ‘गृह’ (Green Rating for Integrated Habitat Assessment- GRIHA) शिखर सम्मेलन का वर्चुअल आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
12वें ‘गृह’ शिखर सम्मेलन के विषय में :
- विषय-वस्तु/थीम: ‘कायाकल्प करने वाली लचीली आदतें’ (Rejuvenating Resilient Habitats)।
- उद्देश्य: नवीन प्रौद्योगिकियों और समाधानों पर विचार-विमर्श करने के लिये एक मंच के रूप में काम करना। इस प्रकार यह पूरे समुदाय के लाभ हेतु स्थायी एवं अनुकूल समाधान विकसित करने के लिये एक मज़बूत तंत्र के निर्माण में मदद करेगा।
- उद्घाटन समारोह: उपराष्ट्रपति ने इस आयोजन के दौरान ‘शाश्वत’ नामक एक पत्रिका और '30 स्टोरीज़ बियॉन्ड बिल्डिंग्स' नामक पुस्तक का विमोचन किया।
एकीकृत आवास मूल्यांकन के लिये ग्रीन रेटिंग (गृह):
- यह किसी भी संपूर्ण भवन निर्माण के लिये भारत की राष्ट्रीय रेटिंग प्रणाली है।
- गृह (GRIHA) को भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) में प्रस्तुत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित स्वैच्छिक योगदान (INDC) में भारत की स्वयं की ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग प्रणाली के रूप में मान्यता प्रदान की गई है
- परिकल्पना एवं विकास: इसकी परिकल्पना ऊर्जा और संसाधन संस्थान (The Energy and Resources Institute-TERI) द्वारा की गई थी तथा इसे नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया गया था।
ऊर्जा और संसाधन संस्थान
(The Energy and Resources Institute-TERI)
- ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI) एक गैर-लाभकारी अनुसंधान संस्थान है, जो भारत और वैश्विक दक्षिण के लिये ऊर्जा, पर्यावरण और सतत् विकास के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य करता है।
- 1974 में स्थापित इस संस्थान को पूर्व में टाटा ऊर्जा अनुसंधान संस्थान के नाम से जाना जाता था तथा वर्ष 2003 में इसका नाम परिवर्तित कर ऊर्जा और संसाधन संस्थान कर दिया गया।
- उद्देश्य: ग्रीन बिल्डिंग्स के लिये डिज़ाइन तैयार करने तथा इमारतों के 'ग्रीननेस' का मूल्यांकन करने में मदद करना।
- प्रणाली:
- इस प्रणाली को 'नई इमारतों (जो अभी स्थापना के चरण में हैं) के डिज़ाइन में सहायता करने तथा उनके मूल्यांकन के लिये विकसित किया गया है। एक इमारत का मूल्यांकन उसके पूरे जीवन चक्र के पूर्वानुमानित प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
- प्रयुक्त मानक:
- साइट/स्थल का चयन और योजना
- संसाधनों का संरक्षण और कुशल उपयोग
- भवन संचालन और रखरखाव
- नवाचार की स्थिति
- लाभ:
- यह प्रणाली, विभिन्न गतिविधियों एवं प्रक्रियाओं के माध्यम से GHGs (ग्रीनहाउस गैस) उत्सर्जन को कम करने, ऊर्जा की खपत में कमी तथा प्राकृतिक संसाधनों पर पड़ने वाले दबाव को कम कर पर्यावरण में सुधार के साथ ही समुदायों को लाभान्वित करती है।
अन्य संबंधित पहलें:
- ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज (GHTC)
- आयोजनकर्त्ता: आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय
- शुरुआत: जनवरी 2019
- उद्देश्य: आवास निर्माण के क्षेत्र को बदलते प्रतिमानों के अनुसार सक्षम बनाने हेतु सर्वोत्तम उपलब्ध और सिद्ध निर्माण तकनीकों जो कि टिकाऊ, हरित एवं आपदा- रोधी हों, की पहचान करना तथा उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना।
- अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलेरेटर्स- इंडिया (ASHA- India)
- इस पहल के माध्यम से संसाधन-कुशल, लचीले और टिकाऊ निर्माण के लिये नवीन सामग्रियों, प्रक्रियाओं एवं प्रौद्योगिकी की पहचान हेतु पाँच इन्क्यूबेशन केंद्र स्थापित किये गए हैं।
- स्मार्ट सिटीज़ मिशन:
- यह स्थानीय विकास को सक्षमता और प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिकों के लिये बेहतर परिणामों के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने तथा आर्थिक विकास को गति देने हेतु भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक अभिनव पहल है।
- यह शहरों के एकीकृत और व्यापक विकास की दिशा में काम कर रहा है