COVID-19 और टीकाकरण अभियान | 15 Apr 2020
प्रीलिम्स के लियेCOVID-19, खसरा टीकाकरण अभियान मेन्स के लियेविभिन्न टीकाकरण अभियानों पर COVID-19 का प्रभाव |
चर्चा में क्यों?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि महामारी का रूप धारण कर चुके कोरोनावायरस (COVID-19) के कारण दुनिया भर में 37 देशों के 117 मिलियन से अधिक बच्चे जीवनरक्षक खसरा के टीके से वंचित रह सकते हैं।
प्रमुख बिंदु
- ध्यातव्य है कि COVID-19 के प्रसार को रोकने में सहायता करने के लिये तकरीबन 24 देशों में या तो टीकाकरण अभियान को पूर्णतः रोक दिया गया है अथवा कुछ समय के लिये स्थगित कर दिया गया है।
- इसके अतिरिक्त 13 अन्य देश ऐसे हैं जिनमें टीकाकरण अभियानों को लागू न करने की आशंका ज़ाहिर की जा रही है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) ने सभी देशों को महामारी के दौरान टीकाकरण गतिविधियों को बनाए रखने में मदद करने के लिये नए दिशा-निर्देशों की सिफारिश की हैं।
- दिशा-निर्देशों के अनुसार, सरकारें अस्थायी रूप से उन निवारक टीकाकरण अभियानों को रोक सकती हैं जिनके टीका-निरोधक रोग का कोई सक्रिय प्रकोप अभी दिखाई नहीं दे रहा है।
- WHO द्वारा दिये गए निर्देशों में सभी देशों की सरकारों को महामारी के दौरान टीकाकरण अभियान को जारी रखने अथवा स्थगित करने से संबंधित निर्णय लेने के लिये जोखिम-लाभ विश्लेषण (Risk-Benefit Analysis) करने का सुझाव दिया गया है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ COVID-19 के संचरण का खतरा सबसे अधिक है।
- दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि सरकारों द्वारा टीकाकरण अभियान को कुछ समय के लिये रोकने का निर्णय लिया जाता है तो नीति निर्माताओं के लिये यह आवश्यक है कि वे उन बच्चों को ट्रैक करने के अभियान में तेज़ी लाएँ जो टीकाकरण से वंचित रह गए हैं, ताकि उन्हें यथासंभव समय में खसरे का टीका दिया जा सके।
- इस संबंध में जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, यह आवश्यक है कि टीकाकरण अभियान को कुछ समय के लिये स्थगित कर समुदाय और स्वास्थ्य कर्मियों को COVID-19 के प्रकोप से बचाया जाए, किंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि स्थायी रूप से बच्चों का भविष्य बर्बाद किया जाए।
- उल्लेखनीय है कि आयरलैंड एक खसरा-मुक्त देश है, किंतु वहाँ COVID-19 के रोगियों की बढती संख्या को देखते हुए विश्लेषकों ने यह चेताया है कि जल्द ही आयरलैंड अपनी खसरा-मुक्त स्थिति खो सकता है।
खसरा- एक वैश्विक चुनौती
- खसरा वायरस के कारण होने वाली एक अत्यंत संक्रामक और गंभीर बीमारी है। वर्ष 1963 में खसरे के टीके की शुरुआत से पूर्व इसके कारण प्रत्येक वर्ष अनुमानित 2.6 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई थी।
- ध्यातव्य है कि सुरक्षित और प्रभावी टीके की उपलब्धता के बावजूद भी वर्ष 2018 में खसरे के कारण 140000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थीं, जिसमें अधिकतर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे शामिल थे।
- खसरा पैरामिक्सोवायरस परिवार (Paramyxovirus Family) के एक वायरस के कारण होता है और यह आमतौर पर प्रत्यक्ष संपर्क और हवा के माध्यम से संचारित होता है।
- खसरे का वायरस सर्वप्रथम श्वसन प्रणाली को संक्रमित करता है और इसके पश्चात् यह पूरे शरीर में फैल जाता है। खसरा एक मानवीय रोग है और अब तक जानवरों में इसके संचरण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
- खसरे से होने वाली मौतों को कम करने में त्वरित टीकाकरण गतिविधियों का बड़ा प्रभाव पड़ा है। आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2000 से वर्ष 2018 के दौरान खसरा टीकाकरण अभियान के कारण अनुमानित 23.2 मिलियन मौतों को रोका गया है।
- वैश्विक खसरे से होने वाली मौतों में वर्ष 2000 (536000 मौतें) से वर्ष 2018 (142000 मौतें) के दौरान 73 प्रतिशत की कमी हुई है।
- खसरे और इसकी जटिलताओं का सबसे अधिक प्रभाव छोटे बच्चों पर पड़ता है और इनमें खसरों के कारण मृत्यु का आँकड़ा सबसे अधिक है। इसके अलावा वे सभी गर्भवती महिलाएँ भी इसके प्रति काफी संवेदनशील होती हैं, जो किसी कारणवश आरंभ में टीके से वंचित रह गई थीं।
आगे की राह
- महामारी से निपटने के लिये समन्वित प्रयासों और संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग की प्रतिबद्धता की आवश्यकता है ताकि दुनिया भर में स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, क्योंकि वे ही अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर इस नए खतरे का सामना कर रहे हैं।
- साथ ही हमें आवश्यक टीकाकरण सेवाओं की निरंतरता भी सुनिश्चित करनी होगी, ताकि नई पीढ़ी के वर्तमान और भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
- विशेषज्ञों ने देशों से समुदायों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमित टीकाकरण सेवाओं को जारी रखने का आग्रह किया है।