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सुगम्यता के विकास पर राष्ट्रीय सम्मेलन : प्रासंगिकता एवं महत्त्व

  • 22 Jan 2018
  • 9 min read

चर्चा में क्यों?

दिव्यांगजनों के अधिकारिता के लिये एक अभूतपूर्व कदम के तहत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा विभिन्न राज्य सरकारों/केंद्र-शासित प्रदेशों की 100 सुगम्य वेबसाइटों का सुगम्य भारत अभियान के अंतर्गत लोकार्पण किया गया। इसका लोकार्पण ‘सुगम्यता के विकास पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ के अवसर पर किया गया। 

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • सुगम्य वेबसाइटें इस तरह की वेबसाइटें हैं, जहाँ दिव्यांगजन उनके आसान उपयोग से सूचनाएँ प्राप्त कर सकते हैं, जानकारियों को समझ सकते हैं और वेबसाइटों का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा दिव्यांगजन वेबसाइट में योगदान भी कर सकते हैं। 
  • दिव्यांगजन अधिकारिता विभाग ने राज्य सरकारों/केंद्र-शासित प्रदेशों के लिये ‘वेबसाइट सुगम्यता परियोजना’ की शुरूआत की है। 
  • यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन स्वायत्तशासी वैज्ञानिक सोसायटी इआरएनईटी (Education and Research Network -ERNET) के ज़रिये सुगम्य भारत अभियान के तहत शुरू की गई है।
  • इस प्रकार कुल 917 सुगम्य वेबसाइटें तैयार की जाएंगी और उनका वित्त पोषण किया जाएगा। परियोजना के तहत 100 सुगम्य वेबसाइटें तैयार कर ली गई हैं।
  • इस तरह की सुगम्य वेबसाइटें दिव्यांगजनों के कल्याण के लिये सरकारी नीतियों और योजनाओं की समुचित जानकारी देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

उद्देश्य

  • सम्मेलन का उद्देश्य हाल ही में लागू हुए दिव्यांगजन अधिकार, 2016 के संदर्भ में राज्य सरकार के अधिकारियों सहित विभिन्न हितधारकों को सुगम्यता के संदर्भ में संवेदनशील और जागरूक बनाना है। 

सुगम्‍य भारत अभियान 

  • सुगम्‍य भारत अभियान (Accessible India Campaign) सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्‍यांगजन सशक्‍तीकरण विभाग का राष्‍ट्रव्‍यापी महत्त्वपूर्ण अभियान है। इस अभियान का उद्देश्‍य देश भर में दिव्‍यांगजनों के लिये एक बाधा रहित और सुखद वातावरण तैयार करना है। 
  • इस अभियान का शुभारंभ 03 दिसंबर, 2015 को अंतर्राष्‍ट्रीय दिव्‍यांगजन दिवस के अवसर पर किया गया था। 
  • यह अभियान विकलांगता के सामाजिक मॉडल के उस सिद्धांत पर आधारित है जिसमें किसी व्‍यक्ति की सीमाओं और अक्षमताओं के कारण नहीं बल्कि उसकी सामाजिक व्‍यवस्‍था के तरीके के कारण विकलांगता निर्धारित की जाती है। 
  • दिव्‍यांग व्‍यक्तियों के लिये व्‍यापक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये इस अभियान को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है: सुगम्य वातावरण तैयार करना, सुगम्य परिवहन और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना। 

लक्ष्य

  • सुगम्य भारत अभियान के तीन घटक हैं – पर्यावरण निर्माण, यातायात और सूचना एवं संचार इको-प्रणाली सुगम्यता।
  • सुगम्‍य भारत अभियान के सुगम्‍य वातावरण निर्मित करने के लिये निम्‍नलिखित लक्ष्‍य निहित है: 
    ⇒ 50 शहरों में कम-से-कम 25 से 50 सबसे महत्त्वपूर्ण सरकारी भवनों का सुगम्‍य ऑडिट पूरा करना और इस वर्ष के अंत तक उन्हें पूरी तरह से सुगम्‍य बनाना। 
    ⇒ राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र और सभी राज्‍यों की राजधानियों के सभी सरकारी भवनों में से 50 प्रतिशत भवनों को दिसंबर 2018 तक पूरी तरह से सुगम्य बनाना। 
    ⇒ दिसंबर 2019 तक राज्‍यों के उन दस सबसे महत्त्वपूर्ण शहरों/कस्‍बों के सरकारी भवनों का 50 प्रतिशत सुगम्‍य ऑडिट पूरा करना और उन्हें सुगम्‍य बनाना है जो (1) और (2) में कवर नहीं किये गए।  
  • विभाग द्वारा ‘व्‍यापक सुगम्‍यता’ हासिल करने के लिये दिव्‍यांगजनों हेतु एक ऑनलाइन “सुगम्‍य पुस्‍तकालय’’ का भी शुभारंभ किया गया है। 

इसकी प्रासंगिकता

  • दिव्यांगजन हमारे समाज के अभिन्न अंग हैं और उनके कल्याण के लिये हमें सक्रिय भूमिका निभानी होगी। सुगम्य भारत अभियान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन अधिकारिता विभाग का एक प्रमुख देशव्यापी कार्यक्रम है।
  • अभियान का उद्देश्य देश भर के दिव्यांगजनों के लिये ऐसा माहौल करना है, जहाँ वे बाधारहित, सुरक्षित और सम्मानित जीवन व्यतीत कर सकें। 
  • दिव्यांगजनों को सहायता उपकरण प्रदान करने के लिये मंत्रालय द्वारा देश भर में लगभग 5800 शिविरों का आयोजन किया गया। 

परियोजना का संचालन किसके द्वारा किया जा रहा है?

  • इआरएनईटी इंडिया परियोजना का संचालन कर रहा है, जिसका सुगम्य भारत अभियान के तहत दिव्यांगजन अधिकारिता विभाग वित्त पोषण कर रहा है। 
  • वेबसाइटों की सूची में से 27 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों की अब तक 917 वेबसाइटें चुनी गई हैं। इस सूची को दिव्यांगजन अधिकारिता विभाग के ज़रिये राज्य सामाजिक कल्याण विभागों ने उपलब्ध कराया है।

सुगम्य वेबसाइट डिज़ाइन सिद्धांत  

  • उचित वैकल्पिक टेक्स्ट, कैपशन वीडियो, ऑडिया ट्रांसक्रिप्ट, सभी दस्तावेज़ों की सुगम्ता, अर्थ के लिये रंग पर निर्भर न रहें, विवरण सटीक हो और साफ तरीके से लिखा हो तथा आसानी से पढ़ने योग्य हो।

सुगम्य वेबसाइटों की मौजूदा स्थिति

  • वर्तमान में वेबसाइटों की कुल संख्या - 917, विकास के अधीन - 244, विकसित – 208 और लाइव – 100 हैं।

वेब कंटेंट सुगम्यता दिशा-निर्देश-डब्ल्यूसीएजी 2.0 

  • वेबसाइटों को डब्ल्यूसीएजी 2.0 के अनुरूप सुगम्य बनाया गया है। इसे वर्ल्ड वाइड वेब के लिये मुख्य अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन वर्ल्ड वाइड वेब कंसर्टियम (डब्ल्यू3सी) के वेब सुगम्यता पहल के तहत तैयार किया गया है।

दिशा-निर्देश के तहत सुगम्यता के तीन स्तर

  • दिशा-निर्देश के तहत सुगम्यता के तीन स्तर तय किये गए हैं, जिनके आधार पर वेबसाइटों को डिज़ाइन किया गया है –
  1. स्तर ए : यह सुगम्यता का बुनियादी स्तर बताता है, जो हर वेब पेज के लिये आवश्यक है।
  2. स्तर एए : यह सुगम्यता का माध्यमिक स्तर बताता है, जो हर वेब पेज के लिये वांच्छनीय है।
  3. स्तर एएए : यह सुगम्यता का उच्चतम स्तर बताता है, जो हर वेब पेज प्राप्त कर सकता है।
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