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सामाजिक न्याय

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक

  • 23 Apr 2020
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक

मेन्स के लिये

लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी 180 देशों के ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ (World Press Freedom Index) 2020 में भारत 142वें स्थान पर पहुँच गया है, जबकि बीते वर्ष भारत इस सूचकांक में 140वें स्थान पर था।

प्रमुख बिंदु

  • रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (Reporters Without Borders) नामक गैर-सरकारी संगठन द्वारा जारी किये जाने वाला यह सूचकांक विश्व के कुल 180 देशों और क्षेत्रों में मीडिया और प्रेस की स्वतंत्रता को दर्शाता है।
  • ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2020’ में पहले स्थान पर नॉर्वे (Norway) है, जो कि वर्ष 2019 में भी पहले स्थान पर था। इसके अतिरिक्त दूसरा स्थान फिनलैंड (Finland) को और तीसरा स्थान डेनमार्क (Denmark) को प्राप्त हुआ है।
    • इस सूचकांक में 180वें स्थान पर उत्तर कोरिया (North Korea) है, जो कि बीते वर्ष 179वें स्थान पर था।
  • भारत के पड़ोसी देशों में भूटान (Bhutan) को 67वाँ स्थान, म्याँमार (Myanmar) को 139वाँ स्थान, पाकिस्तान (Pakistan) को 145वाँ स्थान, नेपाल (Nepal) को 112वाँ स्थान, अफगानिस्तान (Afghanistan) को 122वाँ स्थान, बांग्लादेश (Bangladesh) को 151 वाँ स्थान और चीन (China) को 177वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक

  • विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक प्रत्येक वर्ष रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) द्वारा जारी किया जाता है। RSF द्वारा जारी ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ का प्रथम संस्करण वर्ष 2002 में प्रकाशित किया गया था।
  • इस सूचकांक में पत्रकारों के लिये उपलब्ध स्वतंत्रता के स्तर के आधार पर 180 देशों की रैंकिंग की जाती है।
  • यह सूचकांक बहुलतावाद के मूल्यांकन, मीडिया की स्वतंत्रता, विधायी ढाँचे की गुणवत्ता और प्रत्येक देश तथा क्षेत्र में पत्रकारों की सुरक्षा पर आधारित मीडिया स्वतंत्रता की स्थिति का एक सरल विवरण प्रस्तुत करता है।

भारतीय परिदृश्य 

  • RSF द्वारा एकत्रित आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में भारत में किसी भी पत्रकार की मृत्यु नहीं हुई, जबकि वर्ष 2018 में देश में कुल 6 पत्रकारों की मृत्यु हुई है।
  • हालाँकि इसके बावजूद देश में अभी भी लगातार मीडिया की स्वतंत्रता का उल्लंघन हो रहा है, जिसमें पत्रकारों के विरुद्ध पुलिस हिंसा और आपराधिक समूहों या भ्रष्ट स्थानीय अधिकारियों द्वारा उकसाए गए विद्रोह शामिल हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जो लोग एक विशेष विचारधारा का समर्थन करते हैं वे अब राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे सभी विचारों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, जो उनके विचार से मेल नहीं खाती हैं। इसके अतिरिक्त देश में उन सभी पत्रकारों के विरुद्ध एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है, जो सरकार और राष्ट्र के बीच के अंतर को समझते हुए अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह कर रहे हैं।
    • महिला पत्रकार की स्थिति में इस प्रकार के अभियान और अधिक गंभीर हो जाते हैं।
  • रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि भारत में आपराधिक धाराओं को उन लोगों खासकर पत्रकारों के विरुद्ध प्रयोग किया जा रहा है, जो अधिकारियों की आचोलना कर रहे हैं। उदाहरण के लिये बीते दिनों देश में पत्रकारों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124A (राजद्रोह) के प्रयोग के कई मामले सामने आए हैं।

मीडिया की स्वतंत्रता: क्यों आवश्यक?

  • प्रेस या मीडिया, सरकार और आम नागरिकों के मध्य संचार के माध्यम के रूप में कार्य करता है। मीडिया नागरिकों को सार्वजनिक विषयों के संदर्भ में सूचित करता और सभी स्तरों पर सरकार के कार्यों की निगरानी करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
  • ध्यातव्य है कि किसी भी लोकतंत्र में सूचना की स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार होता है, किंतु आँकड़े दर्शाते हैं कि दुनिया की लगभग आधी आबादी की स्वतंत्र रूप से रिपोर्ट की गई सूचना  और समाचार तक कोई पहुँच नहीं है।
  • कई बार ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं कि हम पत्रकारों की स्वतंत्रता सुनिश्चित नहीं की जाएगी तो नागरिकों पर हो रहे अत्याचारों से लड़ना, नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करना और पर्यावरण जैसे विभिन्न मुद्दों को संबोधित करना किस प्रकार संभव हो सकेगा।
  • रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) के अनुसार, वर्ष 2020 में वैश्विक स्तर पर अब तक कुल 10 पत्रकारों की हत्या कर दी गई है और 228 पत्रकारों को कैद कर लिया गया है। वहीं इस वर्ष अब तक 116 नागरिक पत्रकारों को भी कैद कर लिया गया है।

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स

  • रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी संगठन है, जो सार्वजनिक हित में संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को, यूरोपीय परिषद, फ्रैंकोफोनी के अंतर्राष्ट्रीय संगठन और मानव अधिकारों पर अफ्रीकी आयोग के साथ सलाहकार की भूमिका निभाता है।
  • रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स को रिपोर्टर्स संस फ्रंटियर (Reporters Sans Frontières-RSF) के नाम से भी जाना जाता है।
  • इसका मुख्यालय पेरिस में है।

स्रोत: द हिंदू

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