शहरी वयस्कों में विटामिन की कमी | 26 Mar 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (National Institute of Nutrition- NIN) द्वारा किये गए शोध से पता चला है कि शहरों में रहने वाले बहुत से वयस्क लोग ऐसे हैं जो बाहर से स्वस्थ तो दिखते हैं, लेकिन वास्तविकता में स्वस्थ नहीं हैं।
प्रमुख बिंदु
- NIN के अध्ययन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित पत्रिका ‘न्यूट्रिशन’ में प्रकाशित किया गया।
- भारत में पहली बार शोधकर्त्ताओं ने स्वस्थ शहरी वयस्कों के आहार सेवन के साथ-साथ रक्त स्तर में पाए जाने वाले प्रमुख विटामिनों की स्थिति का भी पता लगाया। यह अध्ययन हैदराबाद और सिकंदराबाद के लोगों पर केंद्रित था।
- अध्ययन के अनुसार, ऐसे लोग जो सही तरीके से नियमित आहार नही लेते उनमें विटामिन A, D, B-1, B-2, B-6, B-12 और B-9 की कमी पाई गई।
- NIN शोधकर्त्ताओं ने होमोसिस्टीन (रक्त में मौजूद एक पदार्थ) के स्तर का भी पता लगाया, जो हृदय रोग जैसी गैर-संचारी बीमारियों की संभावना को बढ़ाता है।
- राष्ट्र के प्राथमिक कार्यबल का गठन करने वाली यह आबादी, जो शायद ही कभी विटामिन के स्तर की जाँच करती है, को कई उप-विटामिन की कमियों और उच्च आहार अपर्याप्तता का शिकार पाया गया।
- रक्त में इनके स्तर के संबंध में विटामिन B-2 (50%), B-6 (46%), B-12 (46%), B-9 (32%) और विटामिन D (29%) की कमी पाई गई।
- आहार सेवन के संदर्भ में किये गए अध्ययन में 72% आबादी के आहार में पोषक तत्त्वों की अपर्याप्तता पाई गई। इसके अतिरिक्त 52% आबादी में उच्च होमोसिस्टीन (Homocysteine) स्तर पाया गया।
- हालाँकि शरीर के लिये सभी विटामिनों के महत्त्व के बावजूद, केवल कुछ विटामिन जैसे- विटामिन B-9, विटामिन B-12 और विटामिन D ने विश्व स्तर पर काफी ध्यान आकर्षित किया है। लेकिन अन्य विटामिनों की कमी, स्वतंत्र रूप से या संयोजन में होती है, जिनका हानिकारक परिणाम हो सकता है।
- शोधकर्त्ताओं ने महिलाओं की विशेष रूप से उच्च जोखिम की स्थिति बताई हैं।