आभासी डिजिटल परिसंपत्ति | 03 Feb 2022
प्रिलिम्स के लिये:आभासी डिजिटल परिसंपत्ति,धारा (47A), डिजिटल रुपया, क्रिप्टोकरेंसी। मेन्स के लिये:क्रिप्टो करेंसी का विनियमन। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वित्त मंत्री ने बजट 2022 में आभासी डिजिटल परिसंपत्ति से होने वाली आय पर 30% कर की घोषणा की।
- इसके अतिरिक्त एक मौद्रिक सीमा से ऊपर 1% पर आभासी डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किये गए भुगतान पर स्रोत पर कर कटौती (Tax Deduction at Source) का भी प्रस्ताव रखा गया है।
प्रमुख बिंदु
स्रोत पर कर कटौती:
- एक व्यक्ति जो किसी अन्य व्यक्ति को निर्दिष्ट प्रकृति का भुगतान करने हेतु उत्तरदायी है, उसके स्रोत पर कर की कटौती की जाएगी तथा इस कटौती को केंद्र सरकार के खाते में प्रेषित करना होगा।
आभासी डिजिटल संपत्ति:
- वित्त विधेयक ने एक नया खंड (47A) दर्ज करके "आभासी डिजिटल परिसंपत्ति" शब्द को परिभाषित किया।
- प्रस्तावित नए खंड के अनुसार, एक आभासी डिजिटल संपत्ति का अर्थ क्रिप्टोग्राफिक माध्यमों से किसी भी जानकारी, कोड, संख्या या टोकन (न तो भारतीय मुद्रा में या न किसी विदेशी मुद्रा में) उत्पन्न करना है।
कराधान के पीछे क्या तर्क है?
- आभासी डिजिटल संपत्ति ने हाल के दिनों में अत्यधिक लोकप्रियता हासिल की है और ऐसी डिजिटल संपत्तियों की ट्रेडिंग की मात्रा में काफी वृद्धि हुई है।
- इसके अलावा एक ऐसा बाज़ार उभर रहा है, जहाँ एक आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण हेतु भुगतान ऐसी किसी अन्य संपत्ति के माध्यम से किया जा सकता है।
- इन कारकों ने एक विशिष्ट कर व्यवस्था का निर्माण करना अनिवार्य बना दिया है।
आभासी डिजिटल परिसंपत्ति डिजिटल करेंसी से किस प्रकार अलग हैं?
- एक मुद्रा केवल तब मुद्रा कहलाती है, जब इसे केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है, भले ही वह क्रिप्टो ही क्यों न हो।
- हालाँकि जो कुछ भी इस परिभाषा के दायरे से बाहर है, उसे प्रायः क्रिप्टोकरेंसी के रूप में संदर्भित किया जाता है, लेकिन वे मुद्राएँ नहीं होती हैं।
- इन्हें आभासी डिजिटल संपत्ति के रूप में भी संदर्भित किया जा सकता है।
- आभासी डिजिटल परिसंपत्ति/वर्चुअल डिजिटल एसेट्स में नॉन-फंगिबल टोकन (Non-fungible tokens- NFTs) भी शामिल हैं जो एक ब्लॉकचेन पर यूनिक आइडेंटिफिकेशन कोड और मेटाडेटा के साथ क्रिप्टोग्राफिक एसेट्स हैं तथा उन्हें एक दूसरे से अलग करते हैं। NFT का उपयोग व्यक्तियों की पहचान, संपत्ति के अधिकार आदि के लिये भी किया जा सकता है।
- यह क्रिप्टो करेंसी जैसे वैकल्पिक टोकन से भिन्न है,अत: वाणिज्यिक लेन-देन के लिये एक माध्यम के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है।
- वित्त मंत्री द्वारा इस बात को स्पष्ट किया गया है कि RBI अगले वित्त वर्ष में डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) जारी करेगा।
- इसे डिजिटल रुपया (Digital Rupee) कहा जाएगा।