अंतर्राष्ट्रीय संबंध
उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना
- 01 Jul 2017
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संदर्भ
उदय योजना के बाद से विद्युत वितरण कंपनियों के स्वास्थ्य में सुधार दिखने लगा है।
क्या है उदय (UDAY)?
- उदय अर्थात् उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (Ujwal DISCOM Assurance Yojana)। डिस्कॉम अर्थात् डिस्ट्रीब्यूसन कंपनीज़।
- इस योजना का लक्ष्य देश की विद्युत वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार एवं उनका पुनरुद्धार करना तथा उनकी समस्याओं का स्थाई समाधान सुनिश्चित करना है।
- विद्युत मंत्रालय द्वारा यह योजना उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना या उदय नाम से प्रारंभ की गई है।
- यह माननीय प्रधानमंत्री के सभी लोगों के लिये 24 घंटे किफायती एवं सुविधाजनक विद्युत सुनिश्चित करने के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक पथ प्रदर्शक सुधार है।
उदय से लाभ
- सभी के लिये सातों दिन चौबीसों घंटे बिजली।
- सभी गाँवों के लिये विद्युतीकरण।
- सक्षम उर्जा सुरक्षा।
- रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिये बिजली क्षेत्र में निवेश को पुनर्जीवित करना।
- लगभग सभी विद्युत वितरण कंपनियों को लाभदायक स्थिति में लाना।
- उदय दक्षता में सुधार कर वार्षिक 1.8 लाख करोड़ की बचत करना।
प्रमुख बिंदु
- हरियाणा, तमिलनाडु, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों ने उज्ज्वल डिस्कॉम बीमा योजना को अपनाने के बाद सुधार दिखाना शुरू कर दिया है।
- एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-2017 में हरियाणा में कुल वाणिज्यिक और तकनीकी घाटा वित्तीय वर्ष 2015-2016 के 29.8 प्रतिशत से घटकर 25.9 प्रतिशत तक नीचे आ गया है।
- तमिलनाडु में भी घाटे में कमी आई है, जो वित्तीय वर्ष 2015-2016 के 20.39 प्रतिशत से घट कर वित्तीय वर्ष 2016-17 में 14.53 प्रतिशत तक हो गया है।
- इसी तरह राजस्थान ने हानि को पिछले वर्ष के 27.3 प्रतिशत से घटाकर 23.6 प्रतिशत तक तथा उत्तर प्रदेश ने 33.84 प्रतिशत से घटाकर 30.21 प्रतिशत किया है।
- वित्तीय वर्ष 2016-2017 में हरियाणा में विद्युत की खरीद लागत में भी कमी आई है। यह पिछले वर्ष के प्रति यूनिट 5.05 रुपए से घटकर 5.01 रुपयए हो गई है।
- सरकार के बयान में यह कहा गया है कि 30 सितंबर, 2015 को सभी सरकारी स्वामित्व वाली विद्युत वितरण कंपनियों का कुल कर्ज़ 3.95 लाख करोड़ था।
- 26 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश, जो उदय योजना में शामिल हो गए हैं, उनका कुल बकाया ऋण 3.82 लाख करोड़ था।
- अब तक 2.32 लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किये गए हैं। उदय योजना के तहत राज्यों के लगभग 86 प्रतिशत ऋण के बॉन्ड अब तक जारी किये गए हैं।