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थाईलैंड ने मारिजुआना को किया वैध

  • 11 Jun 2022
  • 14 min read

प्रिलिम्स के लिये:

गाँजा/भाँग/मारिजुआना, स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ 

मेन्स के लिये:

मारिजुआना की खेती और उसके उपयोग को वैधता प्रदान करना 

चर्चा में क्यों? 

थाइलैंड में अब गाँजा रखना और उसकी खेती करना अपराध की श्रेणी में नहीं माना जाएगा क्योंकि हाल ही में वहाँ की सरकार ने इसे वैध घोषित कर दिया है। हालाँकि सार्वजनिक तौर पर धूम्रपान के रूप में इसका उपयोग अभी भी वर्जित है। 

  • दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित थाईलैंड, जो कि मादक पदार्थों/ड्रग्स से संबंधित सख्त कानूनों के लिये जाना जाता है, इस प्रकार का कदम उठाने वाला एशिया का पहला देश बन गया है 
  • वर्ष भर उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले थाईलैंड का भाँग/गाँजा/कैनबिस के साथ एक लंबा इतिहास रहा है, जिसे स्थानीय लोग आमतौर पर पारंपरिक औषधियों के रूप में इस्तेमाल करते हैं। 

प्रमुख बिंदु 

  • सरकार के इस कदम का उद्देश्य कैनबिस के व्युत्पन्नों विशेष रूप से हल्के यौगिक CBD (Cannabidiol) का उपयोग कर स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े बाज़ार के एक बड़े हिस्से पर अपने पड़ोसी देशों की तुलना में अधिक आकर्षक स्थिति प्राप्त करना है। साथ ही एक अन्य उद्देश्य विश्व की कुछ सबसे अधिक भीड़भाड़ वाली जेलों से भीड़ को कम करना है। 
    • इसका तात्पर्य यह है कि सैद्धांतिक रूप से इस पौधे की खेती (किसी भी मात्रा में) को अब पूरी तरह से वैध कर दिया गया है जिसके चलते अब पुलिस द्वारा केवल मारिजुआना रखने के लिये लोगों को गिरफ्तार करने की संभावना नहीं है। 
  • सरकार यह भी उम्मीद कर रही है कि स्थानीय भाँग के व्यापार को विकसित करने से कृषि और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। 
  • इससे लोगों एवं राज्य को गाँजा और भाँग से आय अर्जित करने का अवसर मिलेगा। 

मारिजुआना: 

  • परिचय: 
    • मारिजुआना कैनबिस के पौधे से प्राप्त मन:प्रभावी/साइकोएक्टिव औषधि है जिसका उपयोग चिकित्सा, मनोरंजक और धार्मिक उद्देश्यों के लिये किया जाता है। 
      • कैनबिस का उपयोग धूम्रपान, वाष्पीकरण, भोजन के साथ या अर्क के रूप में किया जा सकता है। 
    • यह मानसिक और शारीरिक प्रभाव पैदा करता है, जैसे कि "उच्च" या "कठोर" भावना, धारणा में सामान्य परिवर्तन एवं भूख को बढ़ाना। 
    • अल्पकालिक दुष्प्रभावों के संदर्भ में अल्पकालिक स्मृति (Short-Term Memory) में कमी, शुष्क मुँह, लड़खड़ाना, लाल आँखें और मानसिक विक्षेप या चिंता की भावनाएँ शामिल हो सकती हैं। 
    • दीर्घकालिक दुष्प्रभावों में लत, मानसिक क्षमता में कमी और उन बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याएंँ शामिल हो सकती हैं जिनकी माताओं ने गर्भावस्था के दौरान कैनबिस का उपयोग किया था। 
  • भारत में विनियमन: 
    • कैनबिस को राज्य के उत्पाद शुल्क विभागों द्वारा नियंत्रित किया जाता था और वर्ष 1985 तक कानूनी रूप से बेचा जाता था। 
    • 1985 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोएक्टिव सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम के तहत उत्पादन, कब्ज़े, बिक्री/खरीद, परिवहन, अंतर-राज्यीय आयात/निर्यात या किसी अन्य रूप से कैनबिस की केंद्रीय स्तर की व्यावसायिक खेती को दंडनीय बनाया गया है। इस अधिनियम में तीन बार संशोधन किया गया है- 1988, 2001 और 2014 में। 
    • जबकि हल्के यौगिक CBD (Cannabidiol) तेल निर्माण को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत लाइसेंस प्राप्त है, जिसे कानूनी रूप से इस्तेमाल और बेचा जा सकता है। कुछ भारतीय वेबसाइट्स इसे बेचती हैं लेकिन इसे खरीदने के लिये चिकित्सीय निर्देश की आवश्यकता होती है। 
    • इसी प्रकार आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी में उपयोग के लिये भाँग, गाँजा और चरस को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 में सूचीबद्ध किया गया है। 

मारिजुआना वैधीकरण और अपराधीकरण के पहलू: 

  • वैधीकरण 
    • अपराध पर अंकुश: 
      • प्राप्त साक्ष्य के अनुसार, नशीले पदार्थों के कानून को सख्ती से लागू करने से नशीले पदार्थों की तस्करी शृंखला के सबसे कमज़ोर सदस्यों को निशाना बनाया जाता है। 
      • निषेध उत्पादक संघों को मज़बूत करता है, अतः उन्हें लक्षित किया जाना चाहिये क्योंकि बड़े उत्पादक संघ और तस्कर कानून प्रवर्तन तंत्र की पहुंँच से लगातार बचते रहते हैं। 
      • नशीली दवाओं के उपयोगकर्त्ताओं और फुटकर आपूर्तिकर्त्ताओं (Street-Level Suppliers) से जेल भरना आपराधिक न्याय प्रणाली पर दबाव बढ़ाता है। 
    • सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्त्व: 
      • भारत में कैनबिस के उपयोग के प्रमाण वैदिक काल से मिलते हैं। अथर्ववेद में 'भाँग' के पौधे को प्रकृति के पाँच पवित्र, संकट से राहत देने वाले पौधों में से एक के रूप में उल्लेख मिलता है। होली के त्योहार के दौरान कैनबिस का सेवन आज भी उत्सव का एक अभिन्न अंग है। 
      • औपनिवेशिक भारत में कैनबिस की व्यापक खपत को देखते हुए इंडियन हेम्प ड्रग्स कमीशन ने वर्ष 1894 में निर्धारित किया कि इसका उपयोग बहुत प्राचीन है और इसे धार्मिक स्वीकृति भी प्राप्त है, अतः कमीशन ने सीमित मात्रा में इसके सेवन को हानिरहित माना।  
      • कमीशन ने इसके सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध न लगाने की अनुशंसा की क्योंकि उनका मानना था कि यह उपभोक्ताओं के मध्य अन्य अधिक हानिकारक मादक पदार्थों के सेवन को बढ़ावा दे सकता है। 
      • वर्ष 1985 में जब NDPS अधिनियम लागू किया गया, उससे पहले कैनबिस के अनेक रूप जैसे- भाँग, चरस और गाँजा को विभिन्न राज्य उत्पाद शुल्क विभागों द्वारा नियंत्रित किया जाता था और कानूनी रूप से लाइसेंस प्राप्त दुकानों द्वारा इसका विक्रय जाता था। 
    • शराब की तुलना में कम स्वास्थ्य जोखिम: 
      • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार, कैनबिस के उपयोग से सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम शराब और तंबाकू से उत्पन्न होने वाले जोखिम की तुलना में कम गंभीर थे जो कि कानूनी रूप से वैध हैं। 
    • व्यापार और आर्थिक संभावनाएँ: 
      • कानूनी रूप से वैध मारिजुआना बाज़ार वर्तमान में वैश्विक स्तर पर 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का है और वर्ष 2021 तक 31 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। 
      • कैनबिस से बनने वाला कपड़ा उच्च गुणवत्ता वाला होता है। मारिजुआना एक तकनीकी फाइबर के रूप में भी अत्यधिक उपयुक्त है। भारत में इस क्षेत्र में काम करने वाले कई स्टार्टअप भी हैं जैसे- मुंबई स्थित ‘द बॉम्बे हेम्प कंपनी’ (BOHECO)। 
  • अपराधीकरण: 
    • मारिजुआना मनोविकृति का कारण बनता है: 
      • मारिजुआना इसके उपयोगकर्त्ताओं में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है। मारिजुआना में उपस्थित टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) मनोविकृति का कारण बनता है। 
      • जो लोग इसे किशोरावस्था या छोटी उम्र में उपयोग करते हैं, उनमें बाद में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने की अधिक संभावना होती है। कुछ मामलों में यह लोगों को मिचली, सुस्ती, भूलने की बीमारी, तनावग्रस्त या भ्रमित भी कर सकता है। 
    • मारिजुआना का उपयोग दवा के रूप में: 
      • कैनबिस का एक नशे की लत के रूप में बहुत अधिक प्रयोग किया गया है। उत्पादकों द्वारा इसके सीबीडी के स्तर में कमी तथा टीएचसी के स्तर में वृद्धि की गई है। 
      • एक संवेदनशील व्यक्ति जो अधिक खतरनाक पदार्थों का सेवन करता है, उसके द्वारा मारिजुआना का उपयोग दवा के रूप मे किया जाता है। एक अध्ययन में यह पाया गया कि मारिजुआना का उपयोग करने वाले 45% लोगों द्वारा अन्य 'हार्ड' दवाओं का भी उपयोग किया जाता है। 
    • मारिजुआना अंगों को नुकसान पहुँचाता है: 
      • WHO ने मारिजुआना की खपत से जुड़ी कई बीमारियों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें संज्ञानात्मक कामकाज़, श्वसन, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों में सूजन आदि शामिल हैं। 
    • विनियमों को लागू करने मे कठिनाई: 
      • यदि मारिजुआना किसी फार्मेसी पर दवाई की पर्ची के साथ उपलब्ध होता है (जैसे अमेरिका) तो सरकार यह कैसे सुनिश्चित करेगी कि इसे मनोरंजक उद्देश्य के लिये नहीं खरीदा गया है। यह कफ-सिरप और इनहेलेंट में स्वतंत्र रूप से सुलभ है तथा लोगो द्वारा नशे के लिये इसका लगातार प्रयोग किया जाता है। 

आगे की राह 

  • इसे प्रतिबंधित करने और अवैध रूप से निर्मित करने से न तो बाज़ार में मारिजुआना (गाँजे) की उपलब्धता एवं न ही लोगों द्वारा इसके उपयोग को रोका जा सका है। 
  • मारिजुआना के संभावित जोखिम बताते हैं कि इस दवा को कानूनी रूप से विनियमित करना क्यों आवश्यक है। एक अनियंत्रित आपराधिक बाज़ार के हाथों में मारिजुआना के व्यापार को छोड़ने के बजाय इसे दवा के रूप में सक्षम किसानों द्वारा सुरक्षित रूप से उत्पादित तथा उपयुक्त सुविधाओं के साथ परीक्षण किया जाना चाहिये, साथ ही प्रतिष्ठित और लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं द्वारा बेचा जाना चाहिये। 
  • विनियमन भांग के खरीदारों को यह जानने की अनुमति देता है कि किसका उपभोग कर रहे हैं तथा वे खरीदे गए मारिजुआना में THC स्तर के अनुसार अपने उपभोग को नियंत्रित कर सकते हैं। 
  • मारिजुआना की बिक्री पर कर लगाने से राज्य को राजस्व प्राप्त होगा तथा एकत्र किये गए कर का उपयोग लोगों को शराब और तंबाकू पर सार्वजनिक जानकारी प्रदान करने जैसे- मारिजुआना के ज़ोखिमों के बारे में शिक्षित करने पर खर्च किया जा सकता है। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

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