88% ग्रामीण परिवारों के पास बचत बैंक खाता लेकिन पेंशन और बीमा तक पहुँच कम: नाबार्ड | 17 Aug 2018
चर्चा में क्यों?
नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) द्वारा किये गए एक वित्तीय समावेशन सर्वेक्षण के अनुसार, 88 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों के पास बैंक खाते हैं लेकिन निवेश के स्तर तथा पेंशन और बीमा तक पहुँच बहुत कम है। साथ ही वित्तीय समावेशन सर्वेक्षण 2016-17 के अनुसार, ऋणग्रस्तता का स्तर भी उच्च पाया गया जो कि लगभग वार्षिक आय के बराबर था।
सर्वेक्षण के प्रमुख बिंदु
कृषक परिवारों ने गैर-कृषक परिवारों से अधिक धन अर्जित किया
सर्वेक्षण के अनुसार, ग्रामीण परिवारों की वार्षिक आय 96,708 रुपए थी। इनमें से कृषक परिवारों की औसत वार्षिक आय 107,172 रुपए जबकि गैर-कृषक परिवारों की औसत वार्षिक आय 87,228 रुपए थी।
अधिकांश कृषक परिवारों की ऋणग्रस्तता उनकी वार्षिक आय के बराबर
- अधिकांश कृषक परिवारों की ऋण राशि उनकी वार्षिक आमदनी के बराबर ऋण थी।
- सर्वेक्षण किये कुल कृषक परिवारों में आधे से अधिक परिवार ऋण से ग्रस्त थे।
- इन परिवारों का औसत बकाया ऋण 1.04 लाख रुपए था, लेकिन अधिकांश धन उधारदाताओं की बजाय वित्तीय संस्थानों से उधार लिया गया था।
किसानों की आय में वृद्धि
- अखिल भारतीय वित्तीय समावेशन सर्वेक्षण (All India Financial Inclusion Survey -NAFIS) के अनुसार, किसानों की वार्षिक आय में 2012-13 की तुलना में 2015-16 के बीच 37.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- 2015-16 में वार्षिक आय 1,07,172 रुपए थी, जबकि NSSO के आखिरी सर्वेक्षण (2012-13 में) के अनुसार ने इसे 77, 977 रुपए रखा गया था।
- पंजाब, हरियाणा और केरल के ग्रामीण परिवारों की औसत मासिक आय क्रमश: 23,133 रुपए, 18,496 रुपए और 16, 927 रुपए है।
- उत्तर प्रदेश में ग्रामीण परिवारों की आय 6,668 रुपए प्रतिमाह के निम्न स्तर पर है।
- आंध्र प्रदेश में आय के मुकाबले व्यय अधिक होने के कारण ग्रामीण परिवार को प्रति माह 95 रुपए का अत्यंत कम औसत अधिशेष मिलता है।
- सभी प्रकार के व्यय (जैसा कि एनएसएसओ द्वारा परिभाषित किया गया है इसमें भूमि की खरीद, भवन निर्माण, ब्याज और बीमा प्रीमियम भुगतान जैसे खर्च शामिल नहीं हैं) को पूरा करने के बाद बिहार में एक परिवार 262 रुपए प्रतिमाह की बचत करता है।
- उत्तर प्रदेश के लिये यह आँकड़ा 315 रुपए प्रतिमाह है।
बीमा कवर तथा पेंशन तक पहुँच
- सर्वेक्षण के अनुसार, चार घरों में से केवल एक के पास बीमा क्षेत्र तक पहुँच है।
- पाँच परिवारों में से केवल एक परिवार की किसी भी प्रकार की पेंशन तक पहुँच है।
सर्वेक्षण के बारे में
- नाबार्ड द्वारा किया गया यह अपनी तरह का पहला सर्वेक्षण था।
- इस सर्वेक्षण में 2015-16 को संदर्भ वर्ष के रूप में माना गया है।
- इस पूरी प्रक्रिया में 1,87,518 की आबादी शामिल थी।
- सर्वेक्षण में ऋण, बचत, निवेश, पेंशन, बीमा और प्रेषण सहित वित्तीय समावेशन के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।
नाबार्ड (National Bank for Agriculture and Rural Development- NABARD)
- यह कृषि और ग्रामीण विकास के लिये शीर्ष विकास बैंक के रूप में कार्य करता है।
- शिवरमन समिति की सिफारिशों के आधार पर संसद के एक अधिनियम द्वारा 12 जुलाई, 1982 में इसकी स्थापना की गई थी।
- इसे समन्वित ग्रामीण विकास के संवर्धन और समृद्धि हासिल करने के लिये कृषि, लघु उद्योगों, कुटीर एवं ग्रामोद्योगों, हस्तशिल्प, ग्रामीण शिल्प और ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य अनुषंगी आर्थिक गतिविधियों के लिये ऋण उपलब्ध कराने एवं उसका विनियमन करने का अधिदेश दिया गया है।