चिकित्सीय, ग्रामीण और MICE पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीति | 22 Jun 2021
प्रिलिम्स के लिये:विश्व यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धी सूचकांक, चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन (MWT), MICE मेन्स के लिये:चिकित्सीय, ग्रामीण और MICE पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीति |
चर्चा में क्यों?
पर्यटन मंत्रालय ने भारत में ग्रामीण पर्यटन के विकास और MICE उद्योग को बढ़ावा देने के लिये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन को प्रोत्साहन देने हेतु रोडमैप के साथ तीन मसौदा रणनीतियाँ तैयार की है।
- विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा जारी विश्व यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धी सूचकांक 2019 में भारत को 140 देशों में से 34 वें स्थान पर रखा गया है।
प्रमुख बिंदु
चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन (MWT):
- यह स्वास्थ्य सेवाओं की प्राप्ति हेतु अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार यात्रा करने की तेज़ी से बढ़ रही प्रवृत्ति का वर्णन करता है।
- इसे मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है - चिकित्सा उपचार, स्वास्थ्य एवं कायाकल्प और वैकल्पिक इलाज। अब इसे प्रायः मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (MWT) के रूप में जाना जाता है।
भारत में MWT का दायरा:
- अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ: भारत में वैश्विक अंतर्राष्ट्रीय समूहों के शीर्ष चिकित्सा और नैदानिक उपकरण उपलब्ध हैं।
- प्रतिष्ठित हेल्थकेयर पेशेवर: भारत को उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा प्रशिक्षण के लिये प्रतिष्ठा प्राप्त है और साथ ही यहाँ के चिकित्सक विदेशियों के साथ अंग्रेज़ी में भी धाराप्रवाह बातचीत करने में सक्षम हैं।
- वित्तीय बचत: भारत में चिकित्सा प्रक्रियाओं और सेवाओं की गुणवत्ता की लागत कम है।
- वैकल्पिक इलाज: भारत में उपचार के लिये योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा जैसी वैकल्पिक सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
प्रमुख रणनीति:
- "हील इन इंडिया" ब्रांड द्वारा MWT गंतव्य के रूप में भारत को बढ़ावा देना।
- MWT फैसिलिटेटर, उद्यमों और कर्मचारियों की क्षमता का निर्माण।
- अंतर्राष्ट्रीय रोगियों की सुविधा के लिये वन स्टॉप सॉल्यूशन प्रदान करने के लिये एक ऑनलाइन MWT पोर्टल की स्थापना।
- स्वास्थ्य, आतिथ्य और यात्रा व्यवसायों का अभिसरण।
ग्रामीण पर्यटन:
- पर्यटन का कोई भी रूप जो ग्रामीण स्थानों पर ग्रामीण जीवन, कला, संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करता है तथा जिससे स्थानीय समुदाय को आर्थिक और सामाजिक रूप से लाभ होता है।
- यह स्थायी और ज़िम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने का अवसर प्रदान करता है।
भारत में दायरा:
- भारत के गाँवों में आगंतुकों के समक्ष पेश करने के लिये अद्वितीय संस्कृति, शिल्प, संगीत, नृत्य और विरासत है।
- ठहरने की सुविधा और अनुभव प्रदान करने के लिये अच्छी तरह से विकसित कृषि और खेत यहाँ उपलब्ध हैं।
- मनोरम जलवायु स्थिति और जैव विविधता।
- भारत में पर्यटकों के लिये तटीय, हिमालयी, रेगिस्तानी, जंगल और आदिवासी क्षेत्र हैं।
प्रमुख रणनीति:
- क्षमता निर्माण (पंचायती राज संस्थानों सहित) के लिये एक उपकरण के रूप में राज्य मूल्यांकन और रैंकिंग।
- ग्रामीण पर्यटन के लिये डिजिटल प्रौद्योगिकियों को सक्षम करना; जैसे पर्यटन क्षमता वाले ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट अवसंरचना के विकास को बढ़ावा देना।
- ग्रामीण पर्यटन के लिये क्लस्टर विकसित करना।
MICE (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियाँ):
- इसका मुख्य उद्देश्य व्यापार, उद्योग, सरकार और अकादमिक समुदाय के लिये नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म बनाना और सार्थक बातचीत में संलग्न होना है।
- MICE को 'मीटिंग इंडस्ट्री' या 'इवेंट इंडस्ट्री' के नाम से भी जाना जाता है।
भारत में दायरा:
- भारत में कोर MICE अवसंरचना सुविधाएँ अधिकांश विकसित देशों के समान हैं।
- भारत ने विश्व बैंक की ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट और WEF की ट्रैवल एंड टूरिज़्म कॉम्पिटिटिवनेस रैंक में अपनी स्थिति में लगातार सुधार किया है।
- भारत की लगातार मज़बूत हो रही आर्थिक स्थिति।
- भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से प्रगति की है।
प्रमुख रणनीति:
- "मीट इन इंडिया" ब्रांड द्वारा MICE उद्योग को बढ़ावा देना।
- MICE अवसंरचना के वित्तपोषण के लिये इसे अवसंरचना का दर्जा प्रदान करना।
- MICE उद्योग के लिये कौशल विकास करना।
महत्त्व
- गुणक प्रभाव: पर्यटन क्षेत्र न केवल उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियाँ प्रदान करता है बल्कि यह भारत में निवेश को भी बढ़ाता है, विकास को गति भी देता है।
- सेवा क्षेत्र का विकास: एयरलाइन, होटल, परिवहन आदि जैसे सेवा क्षेत्र में लगे व्यवसायों की एक बड़ी संख्या पर्यटन उद्योग के विकास के साथ बढ़ती है।
- राष्ट्रीय विरासत और पर्यावरण का संरक्षण तथा सांस्कृतिक गौरव का नवीनीकरण।
- सॉफ्ट पावर: पर्यटन सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देने में मदद करता है, लोगों को जोड़ता है और इस तरह भारत तथा अन्य देशों के बीच दोस्ती एवं सहयोग को बढ़ावा देता है।
- पर्यटन के अन्य रूपों को बढ़ावा: भारत में संबंधित क्षेत्रों जैसे इको-टूरिज़्म, नेचर रिजर्व, वाइल्डलाइफ टूरिज़्म, हिमालयी टूरिज्म के क्षेत्र में बड़ी संभावनाएँ हैं। भारत में 38 विश्व धरोहर स्थल हैं जिनमें 30 सांस्कृतिक धरोहर, 7 प्राकृतिक धरोहर और 1 मिश्रित धरोहर शामिल हैं।
चुनौतियाँ
- बुनियादी ढाँचा और कनेक्टिविटी: बुनियादी ढाँचे में कमी और अपर्याप्त कनेक्टिविटी कुछ स्थानों पर पर्यटकों की यात्रा में बाधा डालती है।
- प्रचार और विपणन: हालाँकि यह बढ़ रहा है किंतु ऑनलाइन मार्केटिंग / ब्रांडिंग सीमित है और यह समन्वित अभियान नहीं हैं।
- पर्यटक सूचना केंद्रों का प्रबंधन खराब तरीके से किया जाता है, जिससे घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिये आसानी से जानकारी प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है।
- कौशल की कमी: सीमित संख्या में बहुभाषी प्रशिक्षित गाइड और सीमित स्थानीय जागरूकता एवं पर्यटक विकास से जुड़े लाभों और ज़िम्मेदारियों की समझ में कमी।
अन्य:
- भारत को एक बहुत स्वच्छ देश न समझे जाने की धारणा प्रचलित है। यह एक चिकित्सा गंतव्य के रूप में भारत की पसंद को प्रभावित करता है।
- राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण पर्यटन के लिये प्राथमिकता का अभाव।
- एक उद्योग के रूप में MICE पर केंद्रित दृष्टिकोण का अभाव।
पर्यटन मंत्रालय की प्रमुख योजनाएँ
- प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल पहल
- देखो अपना देश अभियान
- प्रसाद योजना
- स्वदेश दर्शन योजना
आगे की राह
- 'एक भारत एक पर्यटन' दृष्टिकोण: पर्यटन कई मंत्रालयों को शामिल करता है और कई राज्यों से संबंधित होता है। अतः इसके विकास के लिये केंद्र और अन्य राज्यों द्वारा सामूहिक प्रयासों तथा सहयोग किये जाने की आवश्यकता होती है।
- पर्यटन की सुगमता को बढ़ावा देना: वास्तव में एक निर्बाध पर्यटक परिवहन अनुभव सुनिश्चित करने के लिये हमें सभी अंतरराज्यीय सड़क करों को मानकीकृत करने और उन्हें एक ही बिंदु पर देय बनाने की आवश्यकता है जो व्यापार करने में आसानी व सुविधा प्रदान करेगा।