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एंथ्रोपोसीन कार्यकारी समूह

  • 29 May 2019
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में एंथ्रोपोसीन कार्यकारी समूह (Anthropocene Working Group- AWG) के 34-सदस्यीय पैनल ने नए भौगोलिक युग को ‘एंथ्रोपोसीन युग’ के रूप नामित करने के पक्ष में मतदान किया। गौरतलब है कि 90% से ज़्यादा सदस्यों ने वर्तमान युग का नाम बदलने के पक्ष में मतदान किया है।

प्रमुख बिंदु

  • यह मतदान 11,700 साल पहले शुरू हुए होलोसीन युग (Holocene Epoch) के अंत का संकेत है।
  • नेचर (Nature) पत्रिका के अनुसार, उक्त पैनल ने वर्ष 2021 तक ‘इंटरनेशनल कमीशन ऑन स्ट्रेटीग्राफी’ (International Commission on Stratigraphy) के समक्ष नए युग के प्रारंभ के संदर्भ में एक औपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत करने की योजना बनाई है। इंटरनेशनल कमीशन ऑन स्ट्रेटीग्राफी भूगर्भिक घटनाओं का अध्ययन करता है।
  • एंथ्रोपोसीन कार्यकारी समूह (AWG) के अनुसार, एंथ्रोपोसीन से जुड़ी घटनाओं में शहरीकरण और उन्नत कृषि के उद्देश्य से परिवहन और क्षरण में होने वाली वृद्धि है। इन क्रियाओं से उत्पन्न कार्बन जैसे तत्त्वों ने वातावरण में होने वाले चक्रीय आदान-प्रदान को गंभीर रूप से प्रभावित किया है जिसके फलस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग, समुद्री जलस्तर में बढ़ोतरी , समुद्री अम्लीकरण जैसी घटनाएँ बढ़ रही हैं।

एंथ्रोपोसीन कार्यकारी समूह (Anthropocene Working Group- AWG) का मुख्य उद्देश्य ऐसे चिह्नों की पहचान करना है जो यह संकेत करते हैं कि एंथ्रोपोसीन युग की शुरुआत हो चुकी है।

  • वैश्विक स्तर पर जैवमंडल में कई प्रकार के खनिजों और चट्टानों के कण जिसमें कंक्रीट, राख ,प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक कचरा शामिल है, के फैलने से प्रदूषण बहुत तीव्र गति से बढ़ गया है जो जैवमंडल के लिये हानिकारक है।
  • एंथ्रोपोसीन कार्यकारी समूह (AWG) में कुछ लोगों का मानना है कि वर्ष 1950 के प्रारंभ में परमाणु बमों का परीक्षण किया गया था जिसके परिणामस्वरुप वैश्विक स्तर पर कृत्रिम रेडियोधर्मी पदार्थ फ़ैल गए। रेडियोधर्मी पदार्थ समुद्र से बर्फीले स्थानों तक तथा भूतल से आकाश तक पाए जाने लगे। कई विशेषज्ञ ऐसी घटनाओं को युग परिवर्तन के द्योतक के रूप में देखते हैं।

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  • AWG के औपचारिक प्रस्ताव के पश्चात् ‘इंटरनेशनल कमीशन ऑन स्ट्रेटीग्राफी’ के कई अन्य समूहों द्वारा भी इस पर विचार किया जाएगा।
  • इस प्रस्ताव के सुझावों का अंतिम अनुमोदन इंटरनेशनल यूनियन ऑफ जियोलॉजिकल साइंसेज़ की कार्यकारी समिति द्वारा किया जाएगा।

एंथ्रोपोसीन

  • हम पृथ्वी पर एक नए युग में प्रवेश करने जा रहे हैं जिसे एंथ्रोपोसीन कहा जा रहा है।
  • एंथ्रोपोसीन (Anthropocene) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग वर्ष 2000 में नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल कर्टज़न (Paul Crutzen) एवं यूजीन स्ट्रोर्मेर (Eugene Stroermer) द्वारा किया गया।
  • यह शब्द वर्तमान समय अंतराल में मानव गतिविधियों द्वारा पृथ्वी पर हुए गंभीर प्रभाव को निरुपित करता है।

एंथ्रोपोसीन के पक्ष में प्रभाव: 1950 के दशक के बाद से मानव गतिविधियों ने पृथ्वी और वातावरण को स्थायी रूप से बदलना प्रारंभ कर दिया, जिसके पक्ष में निम्नलिखित प्रमाण दिये जा सकते हैं-

  • मानवीय गतिविधियों के कारण पृथ्वी की अनेक प्रजातियों के विलुप्त होने की दर में काफी तेज़ी आई है।
  • मानवीय गतिविधियों के कारण 1950 के दशक के पश्चात् वायुमंडल में CO2 की मात्रा, सतही तापमान, समुद्री अम्लीकरण आदि में तीव्र वृद्धि दर्ज़ की गई है।
  • मानव जनित गतिविधियों जैसे ईंधन के जलाए जाने से उत्पन्न ब्लैक कार्बन आदि के कारण तलछट और हिमनदों में वायुवाहित कणों की एक स्थायी परत बन गई है।
  • उर्वरकों के अति उपयोग ने पिछली शताब्दी में मृदा में नाइट्रोजन और फस्फोरस की मात्रा को दोगुना कर दिया है, जो संभवतः पिछले 2.5 अरब वर्षों में नाइट्रोजन चक्र पर पड़ने वाला सबसे बड़ा प्रभाव है।
  • महत्त्वपूर्ण भूवैज्ञानिक परिवर्तन, जो आमतौर पर हज़ारों वर्षों में होते हैं, पिछली आधी शताब्दी में घटित हुए हैं।

एंथ्रोपोसीन को पृथक युग के रूप में घोषित करने के मार्ग में बाधाएँ-

  • यह समय का एक बहुत छोटा पैमाना है और किसी भी निर्णय तक पहुँचने के लिये इस तीव्र परिवर्तन के होने की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता है।
  • एंथ्रोपोसीन विभिन्न कारणों से पूर्ववर्ती भू-वैज्ञानिक इकाइयों से अलग है। अतः परंपरागत मानकों के आधार पर इसे युग घोषित नहीं किया जा सकता।
  • यद्यपि यह नाम घोषित करने के लिये तकनीकी प्रक्रिया का अनुसरण करना आवश्यक है, लेकिन यदि यह स्वीकार किया जाता है तो पृथ्वी के प्रबंधक के रूप में यह मानव पर उसके उत्तरदायित्वों को पूरा करने के लिये अवश्य दबाव डालेगा।

इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ जियोलॉजिकल साइंसेज़ (International Union of Geological Sciences)

  • इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ जियोलॉजिकल साइंसेज़ (IUGS) दुनिया के सबसे बड़े और सबसे सक्रिय गैर-सरकारी वैज्ञानिक संगठनों में से एक है। इसकी स्थापना वर्ष 1961 में हुई।
  • IUGS अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान परिषद का सदस्य है।
  • IUGS भू-वैज्ञानिक समस्याओं (विशेष रूप से ऐसी समस्याएँ जिनका व्यापक महत्त्व हो) के अध्ययन को बढ़ावा देता है और यह पृथ्वी विज्ञान में अंतर्राष्ट्रीय एवं अंतःविषयक सहयोग की सुविधा प्रदान करता है।
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