विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
इलेक्ट्रोनिक्स विनिर्माण हेतु योजनाएँ
- 02 Apr 2020
- 6 min read
प्रीलिम्स के लियेइलेक्ट्रोनिक्स विनिर्माण के विकास हेतु शुरू की गई परियोजनाएँ मेन्स के लियेआर्थिक विकास में इलेक्ट्रोनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की भूमिका |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, इलेक्ट्रॉनिक घटक और सेमीकंडक्टर (Semiconductor) विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये 48,000 करोड़ रुपए से अधिक राशि की तीन नई योजनाओं को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- पहली योजना-
- सर्वप्रथम केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिये ‘उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (production-linked incentive-PLI)’ योजना को स्वीकृति दी है।
- इस योजना में उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा सके और मोबाइल फोन के विनिर्माण तथा एसेंबली, परीक्षण, मार्किंग एवं पैकेजिंग सहित विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जों के क्षेत्र में व्यापक निवेश आकर्षित किया जा सके।
- इस योजना के तहत भारत में निर्मित वस्तुओं की वृद्धिशील बिक्री (Incremental Sales) पर पात्र कंपनियों को आधार वर्ष के बाद के पाँच वर्षों की अवधि के दौरान 4 से 6 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- प्रस्तावित योजना से मोबाइल फोन के विनिर्माण और विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जों के क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों को काफी लाभ प्राप्त होगा जिससे देश में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन संभव हो सकेगा।
- सरकार ने इस योजना पर लगभग 41000 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव किया है।
पृष्ठभूमि:
इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिये काफी आवश्यक हैं। भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग संघ के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जों का बाज़ार वित्त वर्ष 2018-19 में 1,31,832 करोड़ रुपए डॉलर का था।
- दूसरी योजना-
- केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंज़ूर की गई दूसरी योजना देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टरों को प्रोत्साहन देने से संबंधित है।
- इसका योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टरों के माध्यम से विश्वस्तरीय अवसंरचना के साथ-साथ साझा सुविधाओं को विकसित करना है।
- इस योजना के तहत मैदानी इलाकों में न्यूनतम 200 एकड़ क्षेत्र में फैले हुए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर्स और पहाड़ियों एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों में न्यूनतम 100 एकड़ में फैले हुए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर्स को 70 करोड़ रुपए प्रति 100 एकड़ की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- इसके अलावा इस योजना में साझा सुविधा केंद्र (Common Facility Centre) के लिये उनकी परियोजना लागत का 75 प्रतिशत तक वित्त पोषण करने का प्रावधान है, जो कि 75 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होगा।
- इस योजना का कुल परिव्यय 8 वर्ष की अवधि के दौरान 3762.25 करोड़ रुपए है।
पृष्ठभूमि
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन वित्त वर्ष 2014-15 के 1,90,356 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 4,58,006 करोड़ रुपए पर पहुँच गया है। वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में भारत की हिस्सेदारी 1.3 प्रतिशत (वर्ष 2012) से बढ़कर 3.0 प्रतिशत (वर्ष 2018) हो गई। वर्तमान में भारत की GDP में इसका योगदान 2.3 प्रतिशत है।
- तीसरी योजना-
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक घटकों और सेमीकंडक्टरों के विनिर्माण के संवर्द्धन योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद की आपूर्ति श्रृंखला का गठन करने वाली वस्तुओं के विनिर्माण हेतु पूंजीगत व्यय का 25 प्रतिशत वित्तीय प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।
- इस योजना से इलेक्ट्रॉनिक घटकों और सेमीकंडक्टरों की घरेलू विनिर्माण के लिये अक्षमता को दूर करने के अलावा देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पारिस्थितिकी को मज़बूत बनाने में भी मदद मिलेगी।
- इस योजना की कुल लागत लगभग 3,285 करोड़ रुपए है।