'सौभाग्य' योजना | 10 Jul 2019
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना 'सौभाग्य' (Pradhan Mantri Sahaj Bijli Har Ghar Yojana ‘Saubhagya’) ने अपनी निर्धारित समय सीमा समाप्त कर ली है, परंतु बिजली मंत्रालय द्वारा के एक अनुमान के मुताब़िक देश में अभी भी 1.5 लाख घर ऐसे हैं जहाँ बिजली कनेक्शन नहीं पहुँचा है।
प्रमुख बिंदु:
- केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य एक निश्चित समयावधि में देश के सभी घरों तक बिजली पहुँचाना था।
- इस योजना को सर्वप्रथम सितंबर 2017 में आरंभ किया गया था और इसे दिसंबर 2018 तक पूरा किया जाना था, लेकिन बाद में इसकी समयावधि को 31 मार्च 2019 तक बढ़ा दिया गया।
- पूर्व में राजस्थान सरकार ने यह सूचित किया था कि वहाँ के सभी इच्छुक लोगों को बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है, लेकिन राजस्थान में अभी भी कुछ घर ऐसे हैं जो बिजली कनेक्शन चाहते हैं, लेकिन अब तक उनके पास बिजली की व्यवस्था नहीं है।
- इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ में भी 24000 घर ऐसे हैं जहाँ बिजली कनेक्शन अभी तक उपलब्ध नहीं है। छत्तीसगढ़ प्रशासन के अनुसार, उग्रवाद के कारण अब तक इन घरों में बिजली कनेक्शन नहीं दे पाया है।
- कनेक्शन से वंचित सभी घरों को अब इस योजना के तहत बिजली कनेक्शन नहीं दिया जाएगा, क्योंकि हाल ही में पेश हुए बजट में इस योजना के लिये कोई भी राशि आवंटित नहीं की गई है।
- बिजली कनेक्शन से वंचित घरों को अन्य योजनाओं जैसे- एकीकृत बिजली विकास योजना (Integrated Power Development Scheme-IPDS), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (Deen Dayal Upadhyaya Gram Jyoti Yojana-DDUGJY) आदि के माध्यम से बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा।
सौभाग्य योजना:
- सौभाग्य योजना का शुभारंभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण सुनिश्चित करने के लिये किया गया था।
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार से 60% अनुदान राज्यों को दिया गया, जबकि राज्यों ने अपने कोष से 10% धन खर्च किया और शेष 30% राशि बैंकों ने बतौर ऋण के रूप में प्रदान की।
- विशेष राज्यों के लिये केंद्र सरकार द्वारा योजना का 85% अनुदान दिया गया, जबकि राज्यों को अपने पास से केवल 5% धन ही लगाना था और शेष 10% राशि बैंकों ने बतौर ऋण के रूप में प्रदान की।
- ऐसे सभी चार करोड़ निर्धन परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान किया गया जिनके पास उस वक्त कनेक्शन नहीं था।
- इस योजना का लाभ गाँव के साथ-साथ शहर के लोगों को भी प्रदान किया गया।
- केंद्र सरकार द्वारा बैटरी सहित 200 से 300 वाट क्षमता का सोलर पावर पैक दिया गया, जिसमें हर घर के लिये 5 LED बल्ब, एक पंखा भी शामिल था।
- बिजली के इन उपकरणों की देख-रेख 5 सालों तक सरकार अपने खर्च पर करेगी।
- बिजली कनेक्शन के लिये 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना को आधार माना गया था। जो लोग इस जनगणना में शामिल नहीं थे, उन्हें 500 रुपए में कनेक्शन दिया गया और इसे 10 किश्तों में वसूला जाएगा।
- सभी घरों को बिजली पहुँचाने के लिये प्री-पेड मॉडल अपनाया गया था।