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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

रूस ने ‘इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन’ से समर्थन वापस लिया

  • 14 Mar 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS), स्पेसएक्स का ड्रैगन मॉड्यूल, बोइंग का स्टारलाइनर।

मेन्स के लिये:

रूस-यूक्रेन युद्ध, भारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण किये जाने के बाद अमेरिका ने रूस पर प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और रूसी बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिये हैं।

  • इसके बाद रूसी अंतरिक्ष एजेंसी राॅसकाॅसमाॅस ने घोषणा की है कि वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के रूसी खंड में संयुक्त प्रयोगों पर स्टेट कॉरपोरेशन जर्मनी के साथ सहयोग नहीं करेगा।

ISS को बनाए रखने में रूस की भूमिका:

  • ISS को पाँच अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों- अमेरिका के नासा, रूस के राॅसकाॅसमाॅस, जापान के JAXA, कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों के सहयोग से बनाया गया है।
  • प्रत्येक एजेंसी की एक विशिष्ट भूमिका होती है और ISS के रखरखाव में एक हिस्सा होता है। खर्च एवं प्रयास दोनों के मामले में यह कोई ऐसी उपलब्धि नहीं है जिसका समर्थन कोई एक देश कर सकता है।
  • सहयोग में रूस का हिस्सा ISS की कक्षा में कोर्स सुधार हेतु उत्तरदायी मॉड्यूल है।
  • इसके अलावा रूस की सहभागिता यह सुनिश्चित करती है कि अंतरिक्ष स्टेशन की कक्षा को वर्ष में लगभग 11 बार अंतरिक्ष मलबे से दूर रखने के लिये सही स्थिति में लाया जाए।
  • यह अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी और ISS तक पहुँचाने में सहायता करता है।

विगत वर्षों के प्रश्न

 “यह प्रयोग तीन ऐसे अंतरिक्षयानों को साथ  समबाहु त्रिभुज की आकृति में उड़ान भरेंगे जिसमें प्रत्येक भुजा एक मिलियन किलोमीटर लंबी है और यानों के बीच लेज़र चमक रहीं होंगी। कथित प्रयोग किसे संदर्भित करता है?

(a) वॉयेजर-2
(b) न्यू हॉरायज़न्स
(c) LISA पाथफाइंडर
(d) इवोल्वड LISA

उत्तर: (d)

रूस द्वारा समर्थन वापस लेने का प्रभाव:

  • अपने भारी वज़न और खिंचाव के कारण आईएसएस पृथ्वी से लगभग 250 मील की ऊँचाई पर अपनी कक्षा से हट सकता है।
    • इसे समय-समय पर अपनी मूल गति की रेखा तक भेजना पड़ता है।
    • रूस के आईएसएस सहयोग अंतरिक्षयान से हटने से यह प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है
    • इसका मतलब है कि आईएसएस समुद्र में या जमीन पर गिर सकता है।
  • आईएसएस शायद किसी देश पर दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा, लेकिन रूस पर गिरने की इसकी संभावना कम है। आईएसएस की कक्षा ज़्यादातर रूसी क्षेत्र में स्थित नहीं है।
  • आईएसएस के गिरने से भूमध्य रेखा के करीब वाले क्षेत्रों के लिये अधिक जोखिम होता है लेकिन यह केवल एक संभावना है, क्योंकि यह आगे भी बढ़ सकता है या अंतरिक्ष में ही विघटित हो सकता है। 
    • इस मामले में ISS में  उपस्थित लोगों को वापस लाया जाएगा एवं मॉड्यूल को अलग किया जा सकता है जिससे यह बहुत छोटा हो जाएगा, इससे यह सुनिश्चित होगा कि यह पृथ्वी पर गिरने से पहले विघटित हो जाए।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS):

  • ISS इतिहास की सबसे जटिल अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग परियोजना है तथा मानव द्वारा अंतरिक्ष में शुरू की गई सबसे बड़ी संरचना है।
  • यह उच्च उपग्रहीय उड़ान, नई प्रौद्योगिकियों के लिये एक प्रयोगशाला और खगोलीय, पर्यावरण तथा भूवैज्ञानिक अनुसंधान हेतु एक अवलोकन मंच है।
  • यह बाह्य अंतरिक्ष में स्थायी स्थान के रूप में भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण हेतु एक मील के पत्थर के रूप में कार्य करता है।
  • अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी से 400 किलोमीटर की औसत ऊंँचाई पर उड़ान भरता है जो लगभग 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हर 90 मिनट में ग्लोब का चक्कर लगाता है।
  • एक दिन में स्टेशन पृथ्वी से चंद्रमा तक जाने के लिये जितनी दूरी तय करता है वह वापस आने के लिये भी उतनी ही दूरी तय करता है।
  • अंतरिक्ष स्टेशन चमकीले ग्रह शुक्र के समान रात के समय आकाश में एक चमकदार चलती रोशनी के रूप में दिखाई देता है।
  • इसे रात के समय आकाश पर्यवेक्षकों द्वारा दूरबीन के बिना भी पृथ्वी से देखा जा सकता है जो जानते हैं कि इसे कब और कहाँ देखा जा सकता है।
  • 15 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली पांँच अलग-अलग अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा 100 बिलियन अमेरिकी डाॅलर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण किया गया और वे आज भी इसका संचालन कर रही है।
  • अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को विभिन्न पार्टों में ले जाया जाता है और धीरे-धीरे संपूर्ण कक्षा का निर्माण किया जाता है।
    • इसमें मॉड्यूल और कनेक्टिंग नोड्स होते हैं जिनमें निवास योग्य क्वार्टर और प्रयोगशालाएँ होती हैं, साथ ही बाहरी ट्रस जो संरचनात्मक सहायता प्रदान करते हैं तथा सौर पैनल विद्युत प्रदान करते हैं।
    • पहला मॉड्यूल, रूस का ज़रया (Zarya ) मॉड्यूल, वर्ष 1998 में लॉन्च किया गया था।
  • पहले अंतरिक्ष स्टेशन के चालक दल तीन व्यक्ति दल थे, हालाँकि कोलंबिया शटल आपदा के बाद चालक दल का आकार अस्थायी रूप से दो व्यक्ति वाली टीम में कर दिया गया था।
  • वर्ष 2009 में अंतरिक्ष स्टेशन अपने पूर्ण छह व्यक्ति चालक दल के आकार तक पहुँच गया क्योंकि नए मॉड्यूल, प्रयोगशालाओं और सुविधाओं में वृद्धि की गई थी।
  • वर्तमान योजनाओं के संचालन करने की समय-सीमा वर्ष 2020 थी जिसको नासा द्वारा वर्ष 2024 तक विस्तार का अनुरोध किया है।

क्या रूस के लिये कोई विकल्प हैं?

  • अभी दो संभावनाएँ हैं। स्पेसएक्स का ड्रैगन मॉड्यूल और बोइंग का स्टारलाइनर ISS के साथ डॉक कर सकता है।
  • जब तक स्पेसएक्स का ड्रैगन अंतरिक्षयान नहीं आया, तब तक रूसी अंतरिक्षयान ISS तक आवागमन का एकमात्र तरीका था।

विगत वर्षों के प्रश्न: 

प्रश्न: 'विकसित लेज़र इंटरफेरोमीटर' अंतरिक्ष एंटीना (eLISA)' परियोजना का उद्देश्य क्या है? (2017)

(a) न्यूट्रिनो का पता लगाने के लिये
(b)
गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाने के लिये
(c)
मिसाइल रक्षा की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिये प्रणाली
(d)
सौर फ्लेयर्स के प्रभाव का अध्ययन करने के लिये संचार प्रणाली

उत्तर: (b)

स्रोत: द हिंदू

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