सांसदों की आय उद्घोषणा से संबंधित निजी विधेयक | 19 Sep 2017
चर्चा में क्यों?
- एक नए निजी विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि सांसदों को अपने कार्यकाल के समापन पर अपनी संपत्ति की घोषणा अवश्य करनी चाहिये, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
- यह विधेयक अरुणाचल पूर्व (Arunachal East) से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य निनोंग एरिंग, संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करेंगे।
विधेयक में क्या?
- निनोंग एरिंग द्वारा प्रस्तावित जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2017 जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है।
- निजी बिल में प्रस्ताव है कि कार्यकाल खत्म होने के 90 दिनों के भीतर सांसद अपनी संपत्ति की घोषणा अनिवार्य रूप से करें और इसके लिये जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 में उपधारा 75बी(1) शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।
- अभी तक संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के लिये शपथ ग्रहण के 90 दिनों के अंदर अपनी संपत्ति एवं देनदारियों की घोषणा करना अनिवार्य है। वर्तमान में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है, जिससे सांसद कार्यकाल की समाप्ति पर अपनी संपत्ति की घोषणा करने के लिये बाध्य हों।
क्यों महत्त्वपूर्ण है यह प्रयास?
- विदित हो कि 'मूल कानून में प्रस्तावित इस संशोधन से जनप्रतिनिधियों में शीर्ष स्तर पर जवाबदेही और पारदर्शिता आएगी और सांसदों की छवि साफ-सुथरी बनाने में भी मदद मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि यह निजी विधेयक ऐसे समय चर्चा में आया है, जब कई सांसद और विधायकों की संपत्ति में अप्रत्याशित बढ़ोतरी का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।