प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स 15 सितंबर 2018
- 15 Sep 2018
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ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड देश का सर्वाधिक संकटग्रस्त पक्षी है तथा राजस्थान सरकार इसकी आबादी को संरक्षित करने का प्रयास कर रही है| आईयूसीएन रेड लिस्ट के अनुसार, वर्ष 1969 में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षी की आबादी लगभग 1,260 थी और वर्तमान में इनकी कुल संख्या अनुमानतः 200 से भी कम है।
- जब भारत के ‘राष्ट्रीय पक्षी’ के नाम पर विचार किया जा रहा था, तब ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ का नाम भी प्रस्तावित किया गया था जिसका समर्थन प्रख्यात भारतीय पक्षी विज्ञानी सलीम अली ने किया था।
- लेकिन ‘बस्टर्ड’ शब्द के गलत उच्चारण की आशंका के कारण ‘भारतीय मोर’ को राष्ट्रीय पक्षी चुना गया था।
- ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ भारत और पाकिस्तान की भूमि पर पाया जाने वाला एक विशाल पक्षी है।
- यह विश्व में पाए जाने वाली सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षी प्रजातियों में से एक है।
- ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ को भारतीय चरागाहों की पताका प्रजाति (Flagship species) के रूप में जाना जाता है।
- इस पक्षी का वैज्ञानिक नाम आर्डीओटिस नाइग्रीसेप्स (Ardeotis nigriceps) है, जबकि मल्धोक, घोराड येरभूत, गोडावण, तुकदार, सोन चिरैया आदि इसके प्रचलित स्थानीय नाम हैं।
- ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ राजस्थान का राजकीय पक्षी भी है, जहाँ इसे गोडावण नाम से भी जाना जाता है।
- ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ की जनसंख्या में अभूतपूर्व कमी के कारण अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधन संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature and Natural Resources) ने इसे संकटग्रस्त प्रजातियों में भी ‘गंभीर संकटग्रस्त’ (Critically Endangered) प्रजाति के तहत सूचीबद्ध किया है।
हाल ही में अमेरिका के पूर्वी तटों पर एक तूफान ने दस्तक दी जिसे फ्लोरेंस नाम दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस तूफ़ान की उत्पत्ति पश्चिम अटलांटिक महासागर से हुई है।
- इस तूफान के चलते अमेरिका ने नार्थ तथा साउथ कैरोलिना के साथ-साथ वर्जीनिया में भी आपातकाल घोषित कर दिया है।
राजभाषा नीति के श्रेष्ठ कार्यान्वयन के लिये रेल मंत्रालय को राजभाषा कीर्ति पुरस्कार के तहत प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
- यह पुरस्कार भारत हिंदी दिवस (14 सितंबर) के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान दिया गया।
- राजभाषा नीति के सर्वश्रेष्ठ कार्यान्वयन के परिणामस्वरुप राजभाषा के प्रयोग में बेहतर प्रगति दर्ज करने वाले कार्यालयों को राजभाषा शील्ड देकर सम्मानित किया जाता है।
- पुरस्कारों का निर्णय राजभाषा नीति के कार्यान्वयन से संबंधित तिमाही प्रगति रिपोर्टों के आधार पर किया जाता है।
- यह समीक्षा राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की जाती है।
- हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी के स्वाध्याय के लिये ‘प्रवाह’ एप और ऑनलाइन हिंदी अनुवाद के लिये ‘कंठस्थ’ को भी लॉन्च किया गया।
महान इंजीनियर एम.विश्वेश्वरैया की 157वीं जयंती के अवसर पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है।
- एम.विश्वेश्वरैया जिनका पूरा नाम मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया था, का जन्म 15 सितंबर, 1861 को मैसूर (कर्नाटक) के 'मुद्देनाहल्ली' नामक स्थान पर हुआ था।
- उनके जन्मदिन को पूरे भारत में इंजीनियर्स डे (अभियंता दिवस) के रूप में मनाया जाता है।
- उनके इंजीनियरिंग के असाधारण कार्यों में मैसूर शहर में कन्नमबाड़ी या कृष्णराज सागर बांध बनाना एक महत्त्वपूर्ण कार्य था। इसकी योजना सन् 1909 में बनाई गई थी और सन् 1932 में यह पूरा हुआ।
- उन्होंने नई ब्लॉक प्रणाली का आविष्कार किया, जिसके अंतर्गत स्टील के दरवाज़े बनाए गए जो बांध के पानी के बहाव को रोकने में मदद करते थे।
- ये मैसूर के दीवान भी रहे।
- विश्वेश्वरैया ने दक्षिण बंगलूरू में जयनगर के पूरे क्षेत्र का डिज़ाइन और प्लान किया था। जयनगर की नींव 1959 में रखी गई थी। माना जाता है कि उनके द्वारा डिज़ाइन किया गया यह क्षेत्र एशिया में सबसे अच्छे नियोजित क्षेत्रों में से एक था।
- उन्होंने 'भारत का पुनर्निर्माण' (1920), 'भारत के लिये नियोजित अर्थ व्यवस्था' (1934) नामक पुस्तकें लिखीं और भारत के आर्थिक विकास का मार्गदर्शन किया।
- उनके द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों के लिये भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया। उन्हें ब्रिटिश नाइटहुड अवार्ड से भी सम्मानितकिया गया था।
- 14 अप्रैल, 1962 को उनका स्वर्गवास हो गया।