प्रीलिम्स फैक्ट्स : 07 मार्च, 2018 | 07 Mar 2018
इंप्रिंट इंडिया
देश में शोध व अनुसंधान तथा नवोन्मेष को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से केंद्रीय सरकार द्वारा इंप्रिंट-II (इम्पैक्टिंग रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी) इंडिया कार्यक्रम के तहत 1000 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। इंप्रिंट-II के अंतर्गत विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने साथ मिलकर एक कोष का निर्माण किया है।
- डीएसटी (Department of Science and Technology) के सहयोग से यह परियोजना, एक पृथक कार्य-योजना के रूप में संचालित की जाएगी।
पृष्ठभूमि
- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 5 नवंबर, 2015 को ‘इंप्रिंट इंडिया’ का शुभारंभ किया गया।
- ‘इंप्रिंट इंडिया’ भारत के लिये महत्त्वपूर्ण दस प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में बड़ी इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी चुनौतियों के समाधान हेतु अनुसंधान के लिये एक खाका विकसित करने से संबंधित देश भर के आईआईटी एवं आईआईएससी की संयुक्त पहल है।
- यह पहल उच्चतर शिक्षा के भारतीय संस्थानों को उनकी क्षमता को महसूस कराने में सक्षम बनाएगी एवं विश्वस्तरीय संस्थानों के रूप में उभरने में मदद करेगी।
दस मुख्य विषयों पर फोकस
- इंप्रिंट इंडिया के अंतर्गत दस विषय-वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिनमें से प्रत्येक का समन्वय एक आईआईटी/आईआईएससी द्वारा किया जाएगा।
- इसके अंतर्गत शामिल दस विषय हैं- स्वास्थ्य देखभाल, कम्प्यूटर साइंस एवं आईसीटी, एडवांस मैटिरियल्स, जल संसाधन एवं नदी प्रणाली, सतत् शहरी डिज़ाइन, प्रतिरक्षा, विनिर्माण, नैनो-टेक्नोलॉजी हॉर्डवेयर, पर्यावरण विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन तथा ऊर्जा सुरक्षा।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा दिसंबर, 2016 में असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेशों में 70 लाख सोलर स्टडी लैंप्स के वितरण की ‘सोलर स्टडी लैंप्स योजना’ को मंज़ूरी दी गई थी, जो अभी कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में है।
पृष्ठभूमि
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